RBI Interest Rate Reduced
- 20 साल में 20 लाख के लोन पर 1.48 लाख का फायदा
- बैंकों में नकदी बढ़ाने के लिए सीआरआर में भी कटौती
- केंद्रीय बैंक ने लगातार तीसरी बार रेपो रेट में कमी की
- इन उपायों से अर्थव्यवस्था को समर्थन मिलेगा
- जीडीपी अनुमान 6.5 फीसदी पर रखा बरकरार
- बैंक अधिकारी बोले, कर्ज की मांग बढ़ेगी, आर्थिक वृद्धि को मिलेगी गति
- वित्तीय स्थिरता में बाधा उत्पन्न करती कि्रप्टो करेंसी
RBI Interest Rate Reduced : मुंबई। महंगाई दर में नरमी के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को आर्थिक वृद्धि को गति देने के मकसद से प्रमुख नीतिगत दर रेपो को उम्मीद से अधिक 0.5 प्रतिशत घटाकर 5.5 प्रतिशत कर दिया। केंद्रीय बैंक ने लगातार तीसरी बार रेपो दर में कटौती की है। इसके साथ आरबीआई ने बैंकों के लिए अप्रत्याशित रूप से नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में भी एक प्रतिशत की कटौती की घोषणा की। इन उपायों से वैश्विक स्तर पर जारी चुनौतियों के बीच अर्थव्यवस्था को जरूरी समर्थन मिलेगा। इससे बैंकों को आरबीआई से कम ब्याज पर कर्ज मिलेगा। ब्याज में इस कटौती को बैंक अपने ग्राहकों को ट्रांसफर करते हैं, तो आने वाले दिनों में लोन सस्ते हो सकते हैं। इससे मौजूदा ईएमआई भी घट जाएगी। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। इस फैसले के बाद 20 साल के लिए लिए गए 20 लाख के लोन पर करीब 1.48 लाख रुपये का फायदा ग्राहकों को मिलेगा। इसी तरह 30 लाख के लोन पर 2.22 लाख रुपये का फायदा होगा। नए और मौजूदा ग्राहकों दोनों को इसका लाभ मिलेगा।
इस साल 3 बार घटा रेपो रेट
आरबीआई ने फरवरी में हुई मीटिंग में ब्याज दरों को 6.5% से घटाकर 6.25% कर दिया था। मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की ओर से ये कटौती करीब 5 साल बाद की गई थी। दूसरी बार अप्रैल में हुई मीटिंग में भी ब्याज दर 0.25% घटाई गई। अब तीसरी बार दरों में कटौती हुई है। यानी, मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी ने तीन बार में ब्याज दरें 1% घटाई हैं।
हाउसिंग डिमांड बढ़ेगी
रेपो रेट घटने के बाद बैंक भी हाउसिंग और ऑटो जैसे लोन्स पर ब्याज दरें कम करते हैं। ब्याज दरें कम होने पर हाउसिंग डिमांड बढ़ेगी। ज्यादा लोग रियल एस्टेट में निवेश कर सकेंगे। इससे रियल एस्टेट सेक्टर को बूस्ट मिलेगा।
2.5 लाख करोड़ फाइनेंशियल सिस्टम में आएंगे
गवर्नर मल्होत्रा ने कहा कि कैश रिजर्व रेश्यो (सीआरआर) में 1% की कटौती करके इसे 4.00% से घटाकर 3.00% करने का फ़ैसला किया है। उन्होंने कहा कि इस कदम से 2.5 लाख करोड़ फाइनेंशियल सिस्टम में आएंगे। सीआरआर वह पैसा है जो बैंकों को अपने कुल जमा का एक हिस्सा रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के पास रखना होता है।