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Property : याशी और 12 आईएएस को क्लीन चिट देने वाले सीवीओ 11 सितम्बर को तलब

लोकायुक्त जस्टिस हरिपाल वर्मा, जिन्होंने चीफ विजिलेंस अधिकारी को तलब किया है।लोकायुक्त जस्टिस हरिपाल वर्मा, जिन्होंने चीफ विजिलेंस अधिकारी को तलब किया है।

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  • लोकायुक्त ने प्रॉपर्टी आईडी घोटाले में की कार्रवाई
  • -जस्टिस वर्मा ने शिकायतकर्ता को भी मौजूद रहने को कहा
  • -लोकायुक्त कोर्ट में पिछले साल दी गई थी शिकायत
  • -बोगस तरीके से करवाया गया सर्वे, कंपनी को दिए 63 करोड़
  • -अधिकारियों ने बिना कुछ पूछे ही कर दिए सर्वें पर हस्ताक्षर

Property : चंडीगढ़। लोकायुक्त जस्टिस हरिपाल वर्मा ने प्रॉपर्टी आईडी सर्वें घोटाले में 12 आईएएस व याशी कम्पनी को अपनी जांच में क्लीन चिट देने वाले शहरी निकाय विभाग के चीफ विजिलेंस ऑफिसर (सीवीओ) जेएस बोपाराय को तलब किया है। शिकायतकर्ता पीपी कपूर की मौजूदगी को जरूरी मानते हुए 11 सितंबर को केस की सुनवाई के दौरान उन्हें भी उपस्थित रहने के निर्देश दिया है। लोकायुक्त कोर्ट में पिछले वर्ष 19 जुलाई 2023 को आरटीआई दस्तावेज़ों सहित लिखित शिकायत देकर आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने 12 आईएएस व सर्वे करने वाली याशी कम्पनी के खिलाफ कारवाई की मांग की थी।

यह आरोप लगाए

कपूर ने आरोप लगाया था कि याशी कम्पनी के सर्वें में बड़ा घोटाला हुआ है, सर्वें की बिना फ़िजिकल वेरिफिकेशन किए अधिकारियों ने साइन ऑफ सर्टिफिकेट जारी कर याशी को करीब 63 करोड़ रुपये की पेमेंट करवा दी, जबकि सर्वें बिल्कुल बोगस होने व इसमें भारी त्रुटियां होने के कारण आज तक लोग धक्के खा रहे हैं।

लोकायुक्त ने मांगी थी रिपोर्ट

लोकायुक्त जस्टिस हरिपाल वर्मा ने शिकायत पर एंटी करप्शन ब्यूरो से प्राथमिक जांच रिपोर्ट लेने के बाद शहरी निकाय विभाग के प्रधान सचिव से रिपोर्ट मांगी थी। इस पर 6 मई 2024 को जांच रिपोर्ट में निकाय विभाग के चीफ विजिलेंस ऑफिसर (सीवीओ)जे एस बोपाराय ने याशी कम्पनी सहित सभी आरोपित आईएएस अधिकारियों को क्लीन चिट दे दी। शिकायतकर्ता पीपी कपूर ने सीवीओ की इस जांच रिपोर्ट को गलत बताया और लिखित तौर पर चुनौती देते हुए इसे रद करके घोटाले की एंटी करप्शन ब्यूरो से विस्तृत जांच कराने की मांग की। इस पर लोकायुक्त ने निकाय विभाग की सीवीओ जे एस बोपाराय को तलब किया है।

12 आईएएस के दबाव में याशी को क्लीनचिट

पीपी कपूर ने बताया कि सीवीओ की जांच रिपोर्ट अनुसार सभी 88 शहरों में कुल 42,70,449 सम्पतियों सर्वें किया गया। इनमें से करीब आधी सम्पतियां यानी 21.35 लाख सम्पतियां तो खाली प्लॉट,निर्माणाधीन अथवा बंद पड़े भवन थे,फिर भी अधिकारियों ने याशी कम्पनी को इन सबका भुगतान कर दिया। सर्वें कम्पनी को भुगतान करने से पहले सभी सम्पतियों के दसवें हिस्से की फ़िज़िकल वेरिफिकेशन की जानी थी। प्रॉपर्टी आईडी सर्वें का डेटा गत 16 नवंबर 2022 को एनडीसी पोर्टल पर ऑनलाइन करने से 21 मार्च 2023 तक 15 माह में कुल 8,02,480 सम्पति मालिकों ने कुल 18,74,676 आपतियां दर्ज कराई । यानी हर महीने औसतन 52,523 सम्पति मालिकों ने कुल करीब 1,25,000 आपतियाँ दर्ज करवाई।

फ्लैगशिप योजना बड़े भृष्टाचार

कपूर ने आरोप लगाया कि तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल सरकार की यह फ्लैगशिप योजना बड़े भ्रष्टाचार के चलते प्रदेशवासियों के लिए जी का जंजाल बन कर रह गई । आज तक रोजाना हज़ारों लोग अपनी सम्पतियों की प्रॉपर्टी आईडी दुरुस्त कराने के लिए धक्के खा रहे हैं, दलालों के पास लुट रहे हैं । आरोप लगाया कि सरकार ने इस घोटाले में संलिप्त 12 आईएएस को बचाने के लिए उनके दबाव में याशी कम्पनी को क्लीन चिट दी है ।

https://vartahr.com/property-cvo-who…-on-september-11/

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