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Haryana : हरियाणा की अफसरशाही में व्यापक बदलाव की तैयारी

Byadmin

Nov 19, 2025 #haryana

Haryana

एसीबी प्रमुख मित्तल और चावला डीजी रेंक पदोन्नति का तोहफा

आखिरकार हरियाणा प्रदेश की अफसरशाही में बड़े बदलाव की तैयारी हो गई है। सूबे की नायब सैनी सरकार ने पदोन्नति का इंतजार करने वाले दो अफसरों (एडीजीपी) को डीजी रैंक में पदोन्नति का तोहफा दिया है। इसके बाद में पुलिस और प्रशासनिक अफसरों में बड़े फेरबदल के लिए होमवर्क की शुरुआत हो गई है।

जानकारी अनुसार हरियाणा की अफसरशाही में फेरबदल को लेकर पहले से ही कयास लगाए जा रहे थे। लेकिन बिहार चुनाव और राज्य में गीता जयंती, कुरुक्षेत्र में पीएम नरेंद्र मोदी की विजिट अन्य अहम कारणों से बदलाव नहीं हो पा रहा था। अब सरकार ने एडीजीपी स्तर के दो वरिष्ठ अधिकारियों को प्रमोशन का तोहफा दे दिया है।

इसमें सबसे पहला नाम पूर्व सीआईडी चीफ और अब एंटी करप्शन ब्यूरो की कमान संभाल रहे आलोक मित्तल के अलावा सरदारअशिंद्र सिंह चावला को डीजी रैंक में पदोन्नति दी गई है। इस आशय का पत्र भी राज्य सरकार की अतिरिक्त मुख्य सचिव होम और राजस्व श्रीमती सुमिता मिश्रा की ओर से जारी किया गया है। मित्तल और चावला की पदोन्नति को लेकर काफी दिनों से कयास लगाए जा रहे थे।

दोनों अधिकारियों को पदोन्नति देने के साथ ही अब पोस्टिंग की बारी है। अब पुलिस और प्रशासनिक फेरबदल कब तक सरकार करती है, इस बात पर भी सभी की नजरें लगी हुई हैं। दोनों अफसरों को लेकर प्रमोशन मामले में डिपार्टमेंटल प्रमोशन कमेटी (डीपीसी) पहले ही दे संस्तुति कर चुकी है।अब केवल औपचारिक स्वीकृति का इंतजार किया जा रहा है।

सूत्रों अनुसार, हाल ही में डीपीसी बैठक में दोनों अफसरों को पदोन्नति के लिए मंजूरी दी गई थी। इस संबंध में गृह सचिव डा. सुमिता मिश्रा ने डीपीसी की कार्यवाही की फाइल मंगवाई और उस पर ओके कर दिया है। इसके साथ ही दोनों अफसरों की पदोन्नति संबंधी पत्र भी जारी कर दिया गया है। गृह विभाग की एसीएस संस्तुति के बाद फाइल मुख्यमंत्री के अनुमोदन के लिए जाती है, फिलहाल, प्रक्रिया पूर्ण होने के साथ ही प्रमोशन पर अंतिम मुहर भी लग चुकी है।

भरोसेमंद सूत्रों के अनुसार अफसरशाही में बड़ा फेरबदल होने की संभावनाएं हैं। प्रदेश सरकार सीएमओ में तैनात आला अफसरों द्वारा इस पर काफी समय पहले से होमवर्क िकया जा रहा है। पूर्व में एचसीएस अफसरों को भी पदोन्नत कर आईएएस बनाया गया था। उसी समय से यह अफसर भी पदोन्नति की मिठाई बांटने के बाद पोस्टिंग का इंतजार कर रहे हैं, जो लंबा हो चला है। इन्हें जिलों में बतौर डीसी जिम्मेदारी मिलने की उम्मीद है। जिसके लिए खईं तो हाथपैर भी मार रहे हैं। सीएम की स्वीकृति के साथ ही अधिकारियों को डीजीपी रैंक मिल गया है।

बेटे के विवाह के साथ ही तोहफा

बताया जा रहा कि राज्य की नायब सैनी सरकार ने आलोक मित्तल को ऐसे वक्त पर तोहफा दिया है, जिस वक्त उनके बेटे का विवाह समारोह है। अर्थात बेटे की शादी के मौके पर सरकार की ओर से उन्हें प्रमोशन का तोहफा दे दिया गया है। उधर, दूसरे अधिकाराी अशिंद्र चावला को भी प्रमोशन मिल गया है। वैसे, अब रा के अंदर डीजी रैंक के अधिकारियों की संख्या सात हो गई है। अफसरशाही में अहम संख्या मानी जा रही है, क्योंकि इससे वरिष्ठता, पदस्थापन और जिम्मेदारियों के नए समीकरण बन सकते हैं।

पुलिस विभाग में फेरबदल पर नजरें

प्रदेश के पुलिस प्रमुख शत्रुजीत कपूर के वाई पूर्ण कुमार प्रकरण में अवकाश पर भेजे जाने के बाद में कपूर के लौटने की चर्चाएं जहां अफसरशाही व बाहर चल रहीं हैं। वहीं, उनको पुलिस के अलावा किसी अन्य विभाग में तैनात करने को लेकर भी सियासी गलियारों में चर्चा है।
पुलिस विभाग में भी बड़े फेरबदल की संभावनाएं हैं। जेल विभाग में रिटायर होकर रीइंप्लायमेंट पर लगे आलोक राय के स्थान पर भी सरकार जल्द ही तैनाती की तैयारी में हैं। इसके अलावा जल्द ही सेवानिवृत्त होने वाले एक अन्य आईपीएस अफसर को भी राज्य की नायब सैनी सरकार अहम पद पर नियुक्त करने पर मंथन कर रही है। तमामल हलचल और चर्चा के बीच प्रमोशनों को खास महत्व से देखा जा रहा है।
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(डीए) में वृद्धि को मंजूरी

सरकार ने उन राज्य कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते (डीए) में वृद्धि को मंजूरी दी है, जो 5वीं वेतन आयोग की वेतन संरचना के अनुसार वेतन प्राप्त कर रहे हैं. संशोधित दर के अनुसार, डीए को मौजूदा 466 फीसदी से बढ़ाकर 474 फीसदी किया गया है, जो 1 जुलाई 2025 से प्रभावी होगी। वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव का दायित्व संभालने वाले मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। बढ़ा हुआ डीए नवंबर 2025 के वेतन के साथ प्रदान किया जाएगा, जबकि जुलाई से अक्टूबर 2025 तक की बकाया राशि दिसंबर 2025 में दी जाएगी। वित्तीय नियमों के अनुसार, डीए की राशि में यदि 50 पैसे या उससे अधिक का अंश हो तो उसे अगले पूर्ण रुपये तक पूर्णांकित किया जाएगा, और 50 पैसे से कम के अंश को नजरअंदाज किया जाएगा।

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