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  • सावधान! स्मॉग साफ होने में लग सकता है समय, लग सकती हैं ग्रेप-3 की पाबंदियां
  • बढ़ सकती है दुश्वारी, आतिशबाजी के बाद बढ़े प्रदूषण से लोगों की बढ़ी समस्या
  • दिवाली बीतने के दो दिन बाद भी आसमान में धुएं की परत बरकरार रही, जो चिंता का विषय है

रेवाड़ी। दिवाली के दो दिन बाद भी आसमान में धुएं की परत बरकरार रही। प्रदूषण का स्तर 400 के आसपास बना रहा, जिससे लोगों को आंखों में जलन व सांस लेने में कठिनाई महसूस हुई। एक्यूआई के अभी और बढ़ने की आशंका बनी हुई। जिले में ग्रेप-2 की पाबंदियां लागू किए जाने के बाद अब ग्रेप-3 स्टेज की पाबंदियां भी लागू हो सकती है। बारिश की संभावना जल्द नहीं होने के कारण प्रदूषण का खतरा अगले कुछ दिनों तक गहरा सकता है। प्रदूषण का स्तर दिवाली से दो दिन पहले तक 150 के आसपास बना हुआ था, जिसे संतोषजनक माना जाता है। दिवाली से अगले ही दिन एक्यूआई 400 के आसपास पहुंच गया। आसमान में धुएं की चादर बनी रही। दमा व सांस के रोगियों को सांस लेने तक में परेशानी का सामना करना पड़ा, जबकि आम लोगों को आंखों में जलन की शिकायत बनी रही। प्रशासन की ओर से ग्रेप-2 स्टेज की पाबंदियां लागू कर दी गर्इं। इसके बावजूद प्रदूषण पर कंट्रोल नहीं हो पा रहा है। दिवाली के तीसरे दिन बुधवार को भी एक्यूआई 400 के आसपास ही दर्ज किया गया। पूर्व में राजस्थान के भिवाड़ी औद्योगिक कस्बे का एक्यूआई धारूहेड़ा से अधिक रहता था, परंतु इस बार धारूहेड़ा का एक्यूआई भिवाड़ी से काफी आगे चल रहा है। रात के तापमान में कमी और हवा की गति 11 किलोमीटर के आसपास रहने से प्रदूषण के कारक तत्व वायुमंडल की ऊपरी स्तह तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। यह जमीन के आसपास ही मंडरा रहे हैं। इससे हवा जहरीली होकर लोगों को जमकर परेशान कर रही है। एचएसपीपीसी के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार प्रदूषण साफ होने में अभी और समय लग सकता है। प्रदूषण का स्तर इस कदर बढ़ रहा है कि सुबह के समय विजिबिलिटी भी कम रहती है, जिससे सड़कों पर वाहनों की रफ्तार प्रभावित हो रही है।

बरसात की फिलहाल कोई संभावना नहीं

प्रदूषण को साफ करने में तेज हवाएं और बारिश मददगार साबित होते हैं। इस समय बारिश की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है। मौसम विभाग के अनुसार एक कमजोर विक्षोभ की सक्रियता से 28 नवंबर से मौसम में बदलाव आ सकता है। इस दौरान आसमान में बादलों के बीच बूंदाबांदी हो सकती है। अगर बूंदाबांदी होती है, तो इससे आसमान में छाई धुएं की परत साफ होने में मदद मिलेगी। फिलहाल सड़कों पर पानी का छिड़काव कराया जा रहा है। निर्माण सामग्री ले जाने पर भी रोक लगा दी गई है।

गोवर्धन पर्व पर भी खूब हुई आतिशबाजी

दीपोत्सव पर हुई जमकर आतिशबाजी के बाद बढ़े प्रदूषण के खतरे को आमजन पर कोई असर नहीं हुआ। दिवाली के दूसरे दिन तो आतिशबाजी हुई ही, साथ ही गोवर्धन पर्व पर भी शाम के समय जमकर पटाखे फोड़े गए। इससे आने वाले दो-तीन दिनों में प्रदूषण का स्तर और बढ़ने की आशंका है। इसके 450 या इससे अधिक होने पर ग्रेप-3 की पाबंदियां लग सकती हैं। प्रदूषण से जुड़े कार्यों पर पूरी तरह विराम लगाया जा सकता है। प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की टीमें स्थिति पर पूरी नजर रखे हुए हैं।

हाइवे पर परेशानी

दिल्ली-जयपुर, रेवाड़ी-रोहतक और रेवाड़ी-जैसलमेर नेशनल हाइवे शहर के आसपास से ही निकलते हैं। इन तीनों हाइवे पर रोजाना लाखों की संख्या में वाहनों का आवागमन होता है। खासकर दिल्ली-जयपुर नेशनल हाइवे पर वाहनों का आवागमन काफी अधिक होता है। दिवाली पर्व पर बाहर से घर आने वाले लोगों की वापसी शुरू होने से हाइवे पर वाहनों की संख्या बढ़ रही है, जिससे धुआं प्रदूषण की समस्या को और अधिक गहरा रही है।

प्रदूषण से बचाव के लिए उपाय

: घर से बाहर निकलते समय अच्छी गुणवत्ता वाले मास्क पहनने चाहिएं।
: प्रदूषण के कणों से बचने के लिए हाथों को बार-बार धोएं और साफ रहें।
: फेफड़ों को प्रदूषण से बचाने को साफ रखने के लिए रोजाना भाप लें।
: प्रदूषण का असर पानी पर होने के कारण उबालकर व छानकर पानी पीएं।
: समय निकालकर पार्क और बगीजों में अधिक से अधिक समय बिताएं।
: प्राणायाम, कपालभाती और अनुलोम-विलोम का अभ्यास करते रहें।
: विटामिन-सी और एंटीआॅक्सीडेंट से भरपूर फल और सब्जियां खाएं।

प्रदूषण करने के लिए करें उपाय

: अपने वाहनों की बजाय सार्वजनिक परिवहन के इस्तेमाल पर जोर दें।
: पॉलीथिन की जगह कपड़े या कागज के थैलों का ही उपयोग करें।
: घर में एलपीजी या सौर ऊर्जा जैसे धुआं रहित र्इंधन का उपयोग करें।
: कूड़े-करकट को कूड़ेदान में डालें और पत्ते या कचरा नहीं जलाएं।
: एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें और हवा की शुद्धता पर ध्यान दें।

लोगों को सचेत रहने की जरूरत

प्रदूषण की समस्या को कम करने के लिए आमजन को इसमें सहयोग करना चाहिए। लोगों को कूड़ा-ककर्ट जलाने से बचना चाहिए। जहां तक संभव हो, निजी वाहनों के इस्तेमाल में कमी लाएं। प्रदूषण के दुष्प्रभाव से बचने के लिए मास्क पहनकर ही घरों से बाहर निकलें। प्रदूषण फैलाने वाले साधनों का इस्तेमाल करने से बचें।
-अभिषेक मीणा, डीसी।

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