Plane Crash
- -वायुसेना ने दिए घटना की जांच के आदेश।
- -इस साल जगुआर विमान से जुड़ी हुई तीसरी दुर्घटना है।
Plane Crash : नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना का एक जगुआर ट्रेनर लड़ाकू विमान बुधवार दोपहर 1 बजकर 25 मिनट पर राजस्थान के चूरू में भनोडा गांव के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया। जिसमें सवार दोनों पायलटों की मौत हो गई है। वायुसेना ने घटना से जुड़े हुए असल कारणों का पता लगाने के लिए जांच यानी कोर्ट ऑफ इंक्वायरी (सीओआई) के आदेश दे दिए हैं। हादसे से पहले यह विमान राज्य के सूरतगढ़ एयरबेस से अपनी नियमित उड़ान के मिशन पर था। यह जानकारी वायुसेना ने एक्स पर एक पोस्ट के जरिए दी। जिसमें बताया कि वायुसेना का एक दो सीटों वाला जगुआर ट्रेनर लड़ाकू विमान 9 जुलाई को राजस्थान के चूरू के पास अपने एक नियमित प्रशिक्षण मिशन के दौरान दुर्घटना का शिकार हो गया। हादसे में दोनों पायलटों की मृत्यु हो गई है। जबकि जानमाल को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। पायलटों की मौत पर वायुसेना ने दुख जताते हुए शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी शोक संवेदनाएं प्रकट की हैं। साथ ही इस दुर्घटना से जुड़े कारणों का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दे दिए हैं।
2025 में जगुआर की तीसरी दुर्घटना
गौरतलब है कि इस साल 2025 में जगुआर लड़ाकू विमान से जुड़ा हुआ यह तीसरा हादसा है। पहली घटना 7 मार्च-2025 को हरियाणा के पंचकूला में हुई थी। जिसमें पायलट के सुरक्षित ढंग से विमान से बाहर निकलने में कामयाब होने की वजह से उसकी जान बच गई थी। विमान ने वायुसेना के अंबाला एयरबेस से उड़ान भरी थी। दूसरी घटना जगुआर विमान के रात्रि अभियान से जुड़ी हुई है और यह गुजरात के जामनगर के पास सुवर्डा गांव में 2 अप्रैल 2025 को हुई थी। उस दौरान जगुआर विमान में सवार दो में से एक पायलट की मौत हो गई थी। जबकि दूसरा विमान से सुरक्षित बाहर निकलने में सफल रहा। जगुआर वायुसेना का दो इंजन के साथ ही एक और दो सीटों वाला लड़ाकू विमान है। भारत ने फ्रांस से इनकी खरीद की और वायुसेना में वर्ष 1979 में इन्हें तैनात किया गया था। जगुआर नियमित निगरानी से लेकर बमबारी अभियानों को सफलतापूर्वक अंजाम देने में सक्षम है। दशकों से यह लड़ाकू विमान वायुसेना का हिस्सा हैं और देश की सीमाओं की निगरानी की जिम्मेदारी को बखूबी निभा रहे हैं। हालांकि इनके सेवाकाल की अवधि काफी लंबी हो चुकी है। लेकिन वायुसेना ने इन विमानों का अपग्रेडेशन भी किया है।
वायुसेना के पास 120 जगुआर विमान
वायुसेना के पास जगुआर लड़ाकू विमानों की कुल करीब 6 स्क्वाड्रन हैं। जिनमें 120 लड़ाकू विमान देश की अलग-अलग सीमाओं की सुरक्षा में रणनीतिक रूप से तैनात हैं। वायुसेना की लड़ाकू विमानों की एक स्क्वाड्रन में कुल 16 से 18 लड़ाकू विमान होते हैं। जिनमें से 16 रणनीतिक रूप से तैनात होते हैं और बाकी बचे हुए 2 विमान आपात परिस्थिति के लिए स्टैंडबाय पर रखे जाते हैं।
सीएम ने प्रकट की शोक संवेदनाएं
घटना को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने दुख के साथ अपनी शोक संवेदनाएं प्रकट की हैं। उन्होंने एक्स पोस्ट में लिखा, चूरू के रतनगढ़ क्षेत्र में भारतीय वायुसेना के जगुआर विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने का दुखद समाचार प्राप्त हुआ। हादसे के बाद से प्रशासन अलर्ट मोड पर है। राहत और बचाव कार्य के लिए अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं। ईश्वर दिवंगत आत्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान दे और शोकाकुल परिजनों को यह असीम दु:ख सहन करने की शक्ति दें। राजस्थान के गवर्नर हरिभाऊ किशनराव बगाडे ने भी हादसे पर दुख जताया है। वहीं, राजलदेसर के एसएचओ कमलेश ने बताया कि वायुसेना का एक लड़ाकू विमान दोपहर करीब 1 बजकर 25 मिनट पर भनोडा गांव के एक खेत में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। जिसके बाद उसके आस-पास मानव शरीर के अवशेष गिरे मिले। स्थानीय लोगों के साथ राजलदेसर और रतनगढ़ की पुलिस, फायर ब्रिगेड अधिकारी और एंबुलेंस भी तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे। इलाके की घेराबंदी कर दी गई है। प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि दुर्घटनाग्रस्त होने से पहले विमान का हवा में संतुलन बिगड़ते हुए देखा गया और उसके बाद वह आग का गोला बनकर तेजी से नीचे गिरा।
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