Sansad
- विपक्षी दलों के सदस्यों ने ‘शर्म करो-शर्म करो’ के लगाये नारे
- बार बार स्थगित हुई लोकसभा की कार्यवाही
- बिरला ने विपक्ष को समझाने की कोशिश की, लेकिन हंगामा नहीं थमा
Sansad : नई दिल्ली। लोकसभा में विपक्ष का हंगामा लगातार जारी है। अमेरिका से भारत वापस भेजे गये अवैध भारतीय अप्रवासियों के मुद्दे पर बृहस्पतिवार को लोकसभा की कार्यवाही बार बार स्थगित हुई। सदन में शर्म करो शर्म करो के नारे लगाते हुए विपक्ष के सदस्यों ने हंगामा किया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्ष को समझाने की कोशिश की, लेकिन हंगामा नहीं थमा और ऐसे में कार्यवाही को बार-बार स्थगित करना पड़ा। लोकसभा में सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने के साथ अमेरिका से निकाले गए भारतीयों का मुद्दा उठाते हुए विपक्ष के सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी। अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्ष से प्रश्नकाल चलने देने और 12 बजे के बाद अपने विषय को उठाने का अनुरोध किया। बावजूद इसके लोकसभा में विपक्ष के सांसदों का हंगामा नहीं रुका। सरकार के खिलाफ सदन में विपक्ष के सांसदों की तरफ से नारे लगाए गए। समझाने पर भी नहीं मानने के बाद ओम बिरला गुस्से में नजर आए। अध्यक्ष बिरला ने विपक्ष के हंगामे को लेकर कहा कि ‘आपकी चिंता सरकार के ध्यान में है। ये विदेश नीति का मामला है। दूसरे देश का विषय है और सरकार के संज्ञान में है। इसलिए अनुरोध है कि प्रश्नकाल महत्वपूर्ण समय होता है। प्रश्नकाल के वक्त भारत के मतदाताओं की चिंताएं, उनकी समस्याओं और कठिनाओं का उठाने का प्रयास करते हैं। सरकार इस पर जवाब देती है। बहुत कठिनाई से प्रश्न लगते हैं।’ विपक्ष के सांसदों पर भड़कते हुए स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि आप नियोजित तरीके से प्रश्न नहीं उठाने देना चाहते हैं। नियोजित तरीके से सदन में व्यवधान पैदा करना, गतिरोध पैदा करना, ये संसदीय परंपराओं के अनुरूप नहीं है।’
लोकसभा में बार-बार स्पीकर ओम बिरला ने सांसदों से प्रश्नकाल चलने देने का आग्रह किया, लेकिन नारेबाजी नहीं रुकी। आखिर में गुस्से में आकर स्पीकर ओम बिरला ने प्रश्नकाल के समय ही लोकसभा की कार्यवाही को स्थगित कर दिया। इसी तरह लगातार 3 बार विपक्ष के हंगामे के चलते सदन के काम में बाधा आती रही। दोपहर 3.37 बजे आखिर में स्पीकर ओम बिरला ने प्रश्नकाल की कार्यवाही को शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दिया।
अमेरिका को लेकर सरकार की चुप्पी पर जताया आक्रोश
अमेरिका से भारत वापस भेजे गये अवैध भारतीय अप्रवासियों के मुद्दे पर विपक्ष के सांसदों ने संसद द्वार पर प्रदर्शन किया। इस दौरान कुछ सांसद हाथों में हथकड़ी लगाये नजर आये। प्रदर्शन कर रहे सांसदों का कहना था कि अमेरिका ने जिस तरीके से भारतीय नागरिकों को वापस भेजा है, वह बहुत ही शर्मनाक है। भारत सरकार द्वारा इस मामले में अमेरिका से विरोध नहीं जताने पर आक्रोश प्रकट करते हुए विपक्षी सांसदों ने कहा कि हथकड़ी लगाकर, पैरों में बेड़ियां बांधकर देश के लोगों को हवाई जहाज से अमेरिकन वापस लायें हैं। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल, समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव, और कुछ अन्य नेता भी विरोध प्रदर्शन में हाथों में हथकड़ी पहने हुए संसद के मुख्य द्वार के बाहर दिखाई दिए, आरोप लगाते हुए कि अमेरिकी अधिकारियों ने भारतीय नागरिकों को अमानवीय तरीके से निर्वासित किया. सांसदों के हाथों में “मानव, ना कि कैदी” वाले पोस्टर थे।
किसने क्या कहा
-अमृतसर के सांसद गुरजीत सिंह औजला समेत कई सदस्य हाथों में हथकड़ी पहने हुए दिखाई दिए। कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला ने भी अपनी चिंता जताते हुए कहा, “जिस तरीके से उन्हें लाया गया, वह गलत था। उन्हें अपमानित किया गया। उनके हाथों और पैरों में हथकड़ियां लगी थीं। जब हमारी सरकार को पहले से पता था कि उन्हें निर्वासित किया जाएगा, तो उन्हें वापस लाने के लिए एक वाणिज्यिक उड़ान भेजा जाना चाहिए था।” औजला ने आगे कहा, “वे वहां अवैध तरीके से गए थे, लेकिन वहां जाकर उन्होंने कोई बड़ा अपराध नहीं किया।
-समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, “जो लोग भारत को विश्वगुरु बनाने का सपना दिखा रहे थे, वे अब क्यों चुप हैं? भारतीय नागरिकों को गुलाम की तरह हाथ में हथकड़ी लगाकर और अमानवीय हालत में भारत भेज दिया गया. विदेश मंत्रालय क्या कर रहा है? सरकार ने महिलाओं और बच्चों को इस अपमान से बचाने के लिए क्या किया? हम चाहते हैं कि सरकार इस पर जवाब दे और विपक्ष को इस मुद्दे पर संसद में चर्चा करने की अनुमति दे।”
-कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, “काफी बातें की गई थीं कि राष्ट्रपति ट्रंप और पीएम मोदी बहुत अच्छे दोस्त हैं। तो पीएम मोदी ने ऐसा क्यों होने दिया? क्या हम अपना विमान नहीं भेज सकते थे उन्हें वापस लाने के लिए? क्या ऐसा इंसानों के साथ व्यवहार किया जाता है? उन्हें हथकड़ी लगाकर और जंजीरों में भेजा गया? विदेश मंत्रालय और पीएम को इसका जवाब देना चाहिए।”
-कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, “मैं अमेरिकी सरकार के इस व्यवहार से बहुत निराश हूं। अमेरिका और भारत के बीच अच्छे संबंध हैं, लेकिन जिस तरीके से 100 से अधिक भारतीय नागरिकों को हाथ में हथकड़ी और पैरों में जंजीरों के साथ एक सैन्य विमान में भेजा गया, वह पूरी तरह से अमानवीय है। मुझे हैरानी है कि पीएम चुप हैं. विदेश मंत्रालय क्यों चुप है? मुझे लगता है कि विदेश मंत्रालय और पीएम को इस पर बयान देना चाहिए।”
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