pariksha pe charcha
- जनसंचार के विभिन्न माध्यमों पर सोमवार को प्रसारित हुआ ‘परीक्षा पे चर्चा-2025’ का सातवां एपिसोड।
- राजधानी के सुंदर नर्सरी में देश भर से चुने गए 36 स्कूली छात्रों से संवाद किया था
- पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद को भी समान रूप से महत्व दिया जाना
pariksha pe charcha : नई दिल्ली। जनसंचार के विभिन्न प्रचलित माध्यमों पर सोमवार को ‘परीक्षा पे चर्चा-2025’ का सातवां एपिसोड प्रसारित हुआ। जिसमें देश की महान मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम, पैरालंपिक अवनि लेखरा और सुहास यथिराज ने बोर्ड परीक्षाओं से जुड़े छात्रों को तनावमुक्त रहने का मंत्र दिया। तीनों हस्तियों ने एक स्वर में छात्रों को केवल अनुशासन और कड़ी मेहनत के जरिए अपने सभी लक्ष्यों को हासिल करने पर जोर दिया। साथ ही कहा कि अनुशासन ही बोर्ड परीक्षाओं की वह महत्वपूर्ण चाबी है। जिसके जरिए लक्ष्य का निर्धारण करके तनाव को आसानी से संभाला जा सकता है। मेहनत का कोई शॉर्टकट नहीं है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने अपने एक बयान के जरिए यह जानकारी दी। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते 10 फरवरी को परीक्षा पे चर्चा का आगाज करते हुए राजधानी के सुंदर नर्सरी में देश भर से चुने गए 36 स्कूली छात्रों से संवाद किया था। इस वर्ष इसका आठवां संस्करण आयोजित किया जा रहा है। जिसमें नयापन लाने के लिए अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़ी विभिन्न हस्तियों द्वारा अपने अनुभवों को साझा करने के लिए 8 एपिसोड प्रसारित किए जा रहे हैं।
बॉक्सिंग को बनाया महिलाओं का खेल: मैरीकॉम
तीनों वक्ताओं ने अपने जीवन और खेल के अनुभवों को कुछ किस्सों, कहानियों और चुटकुलों के जरिए छात्रों तक पहुंचाया। मैरीकॉम ने कहा कि मैंने समाज में लोगों की उस परंपरागत सोच को बदला। जिसमें वो यह मानते थे कि बॉक्सिंग महिलाओं के लिए नहीं है। मेरे करियर में बहुत चुनौतियां आईं। लेकिन मैंने सभी को स्वीकार किया। क्योंकि मैं खुद को साबित करने के साथ ही देश की महिलाओं को यह बताना चाहती थी कि हम बॉक्सिंग कर सकते हैं। मैरीकॉम ने कहा, मैंने अपने आप को साबित किया और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। मैं कई बार विश्व चैंपियन बनीं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सलाह को याद करते हुए छात्रों से कहा कि अपने भविष्य निर्माता स्वयं बनो। अपनी दो दशकीय यात्रा में मैंने एक बेटी, पत्नी और मां की भूमिकाओं को बखूबी निभाया। मैरीकॉम ने छात्रों को जोर देते हुए उनकी स्कूली शिक्षा की यात्रा में कठिन परिश्रम और लगन को सफलता के दो महत्वपूर्ण स्तंभ बताया। हर क्षेत्र कठिन है, कोई शॉर्टकट नहीं होता है। आपको मेहनत करनी होती है। अगर मैं मेहनत कर सकती हूं तो आप क्यों नहीं।
डर को दूर भगाओ, सफलता मिलेगी
पैरालंपिक रजत पदक विजेता बैडमिंटन स्टार सुहास यथिराज ने बच्चों को अपनी दिमागी शक्ति बढ़ाने के लिए प्रेरित किया और कहा कि इसी से नकारात्मक भावनाओं जैसे डर को दूर भगाया जा सकता है। क्योंकि डर ही सफलता की राह में सबसे बड़ा अवरोधक है। उन्होंने कहा, अगर जीवन में सूरज की तरह चमकना है तो उसकी तरह जलने के लिए भी तैयार रहना पड़ेगा। अच्छी चीजों को पाने के लिए सफर लगातार चलते रहना चाहिए। बच्चों ने तीनों हस्तियों से दबाव, भटकाव और बेचैनी के बारे में सवाल किए। सुहास ने बच्चों से मजबूती और लगन के साथ चुनौतियों का सामना करने की अपील की। इसके अलावा सकारात्मक ऊर्जा के लिए संगीत की मदद लेने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि सकारात्मकता से ही दिमाग में अच्छे विचार आते हैं। विचारों पर ध्यान देना इसलिए आवश्यक है क्योंकि ये ही हमारे भविष्य को आकार देते हैं। मैंने छह मैच जीते और चीन में स्वर्ण पदक जीतने वाला पहला गैर-वरीय खिलाड़ी बना। हार के डर और सामने कौन है उसके बारे में सोच-विचार किए बिना अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दो।
सही कौशल से बढ़ाएं आत्मविश्वास: अवनि
अवनि ने छात्रों को कौशल विकास की उपयोगिता समझाते हुए बताया कि इसकी मदद से कैसे अच्छे कौशल के साथ आत्मविश्वास को बढ़ाते हुए डर को कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद को भी समान रूप से महत्व दिया जाना चाहिए। आत्मविश्वास बढ़ाने में इसका बहुत बड़ा योगदान है। अच्छा प्रदर्शन करने के लिए परीक्षा से एक दिन पहले पर्याप्त नींद लेना जरूरी है। सत्र के दौरान छात्रों ने अभिभावकों से संबंधित कुछ प्रश्न किए। जिसमें अपनी पसंद के करियर विकल्प चुनने, चुनौतियों से निपटने के लिए साहस विकसित करने और विषय पर ध्यान केंद्रित करने जैसे मुद्दे उठाए। दुबई और कतर से भी छात्रों ने इस आयोजन में भाग लिया