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Padam Award : हरियाणा के हरविंद्र सिंह समेत 30 गुमनाम नायकों को पद्मश्री अवार्ड

हरियाणा में कैथल के ऑर्चर हरविंदर सिंह।हरियाणा में कैथल के ऑर्चर हरविंदर सिंह।

Padam Award

  • -राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया ऐलान
  • -सम्मान पाने वालों में गोवा की 100 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी सरदेसाई भी शामिल

Padam Award : नई दिल्ली। पेरिस 2024 के ग्रीष्मकालीन पैरालंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले हरियाणा में कैथल के ऑर्चर हरविंदर सिंह समेत 30 गुमनाम नायकों को पद्मश्री अवार्ड से नवाजा जाएगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर यह ऐलान किया है। शनिवार को यह ऐलान किया गया है। पद्मश्री सम्मान पाने वालों में गोवा की 100 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी लीबिया लोबो सरदेसाई, 150 महिलाओं को पुरुष प्रधान क्षेत्र ढाक वादन में प्रशिक्षित करने वाले पश्चिम बंगाल के ढाक वादक गोकुल चंद्र डे और कठपुतली का खेल दिखाने वाली पहली भारतीय महिला सैली होलकर शामिल हैं। गोवा के स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली सरदेसाई ने पुर्तगाली शासन के खिलाफ लोगों को एकजुट करने के लिए 1955 में एक जंगली इलाके में भूमिगत रेडियो स्टेशन ‘वोज दा लिबरडाबे (वॉयस ऑफ फ्रीडम)’ की स्थापना की थी। पुरस्कार पाने वालों में पश्चिम बंगाल के 57 वर्षीय ढाक वादक गोकुल चंद्र डे भी शामिल हैं, जिन्होंने पुरुष-प्रधान क्षेत्र में 150 महिलाओं को प्रशिक्षण देकर लैंगिक रूढ़िवादिता को तोड़ा। डे ने ढाक प्रकार का एक हल्का वाद्ययंत्र भी बनाया, जो वजन में पारंपरिक वाद्ययंत्र से 1.5 किलोग्राम कम था। सूची में शामिल महिला सशक्तीकरण की मुखर समर्थक 82 वर्षीय सैली होलकर ने लुप्त हो रही माहेश्वरी शिल्प कला को पुनर्जीवित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और पारंपरिक बुनाई तकनीकों में प्रशिक्षण देने के लिए मध्य प्रदेश के महेश्वर में हथकरघा स्कूल की स्थापना की।

इन्हें मिलेगा पद्मश्री

-सैली होलकर सामाजिक उद्यमी, मध्यप्रदेश
-लीबिया लोबो सरदेसाई, स्वतंत्रता सेनानी, गोवा
-गोकुल चंद्र दास, ढाक वादक, पश्चिम बंगाल
-साधिका शेखा एजे अल-सबा, योग प्रैक्टिशनर, कुवैत
-ह्यूग और कोलीन गैंटजर, ट्रैवल ब्लॉगर दंपति, उत्तराखंड
-निर्मला देवी, सुजनी कढ़ाई कला की वैश्विक देवी, बिहार
-किसान एल हैंगथिंग, फल उत्पादक, नगालैंड
-पी दत्चनमूर्ति, वादक, पुडुचेरी
-मराठी लेखक मारुति भुजंगराव चितमपल्ली
-डॉ. नीरजा भटला, स्त्री रोग विशेषज्ञ, दिल्ली
-भीम सिंह भावेश, सामाजिक कार्यकर्ता, भोजपुर
-नरेन गुरुंग, ‘नेपाली गीतों के गुरु’, सिक्किम
-हरिमन शर्मा, सेब किसान, बिलासपुर
-जोनास मासेटी, वेदांत गुरु, ब्राजील
-हरविंदर सिंह (दिव्यांग तीरंदाज), कैथल
-जगदीश, निमाड़ी-खरगोन के हिंदी लेखक
-भेरू सिंह चौहान (निर्गुण भक्ति के भेरू)
-जुमदे योमगाम गामलिन, नशा मुक्ति की नायिका
-उस्ताद वेंकप्पा अंबाजी सुगातेकर (गोंधली के घुमंतू गुरु)
-विलास डांगरे (चिकित्सा, होम्योपैथी), महाराष्ट्र
-गोकुल चंद्र दास (पारंपरिक वादक), बंगाल
-वेलू आसन (पारंपरिक वादन)
-भीमावा डोड्डाबालप्पा (छाया चित्रण)
-परमार लावजीभाई नागजी भाई (बुनकरी)
-विजयलक्ष्मी देशमाने (कैंसर रोग के खिलाफ लड़ाई)
-चेतराम देवचंद पवार (वन रोपण)
-पांदी राम मांडवी (वाद्य यंत्र निर्माता)
-राधा बहन भट्ट (महिला सशक्तीकरण)
-सुरेश सोनी (कुष्ण रोगियों की सेवा)
-राजस्थान की बतूल बेगम (लोकगायिका)

 

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