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Obesity : गैर-अल्कोहल फैटी लिवर नई चुनौती, 10 में से 3 लोग पीड़ित

गैर-अल्कोहल फैटी लिवर ।गैर-अल्कोहल फैटी लिवर ।

Obesity

  • लोगों और स्वास्थ्य विभाग की टेंशन बढ़ाने के साथ दूसरी बीमारियों को दे रहा न्योता
  • केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चन्द्र ने दी जानकारी
  • मोटापे व मधुमेह जैसे चयापचय संबंधी विकारों से जुड़ी यह बीमारी तेजी से फैल रही

Obesity : नई दिल्ली। देश में बीमारी के रूप में एक नई चुनौती गैर-अल्कोहल फैटी लिवर तेजी से फैल रही है और चिंता बढ़ा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चन्द्र ने कहा कि भारत में 10 में से एक से तीन लोगों में गैर-अल्कोहल फैटी लिवर रोग पाया जा रहा है। मोटापे और मधुमेह जैसे चयापचय संबंधी विकारों से जुड़ी यह बीमारी तेजी से एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता के रूप में उभर रही है। चन्द्र ने यहां गैर-अल्कोहल फैटी लिवर रोग (एनएएफएलडी) से जुड़े संशोधित दिशानिर्देश और प्रशिक्षण मॉड्यूल जारी किए।

सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता

भारत ने इसे एक प्रमुख गैर-संक्रामक रोग (एनसीडी) के रूप में पहचानने में अग्रणी भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा, एनएएफएलडी तेजी से एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता के रूप में उभर रहा है, जो मोटापे, मधुमेह और हृदय रोगों जैसे चयापचय संबंधी विकारों से निकटता से जुड़ा है। 10 में से एक से तीन लोगों में एनएएफएलडी हो सकता है जो बीमारी के प्रभाव को उजागर करता है।

समय पर इलाज जरूरी

स्वास्थ्य मंत्रालय की अधिकारी पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि बीमारी का जल्द पता लगाकर समय पर इलाज जरूरी है। इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलियरी साइंसेज के निदेशक डॉ. एस.के. सरीन ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय की यह पहल लिवर संबंधी बीमारियों की रोकथाम में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसके परिणाम अगले कुछ वर्षों में दिखाई देंगे।

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