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- हाईकोर्ट के फैसले से मिली बड़ी राहत
- सरकार ने कर्मियों के बायलॉज को फ्रीज किया था
- बायलॉज फ्रीज किए जाने का विरोध कर रहे थे कर्मी
NHM : अंबाला। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने राज्य के स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत करीब 13,000 एनएचएम कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। सरकार ने इन कर्मचारियों के बायलॉज को फ्रीज कर दिया था। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के इस फैसले पर रोक लगा दी। कर्मचारियों की ओर से राज्य सरकार के इस फैसले को चुनौती दी गई थी। भारतीय मजदूर संघ के सह सचिव दौलत राम व जिला मंत्री स्वास्थ्य कर्मचारी संघ डॉक्टर सुनील हरि ने बताया कि राज्य सरकार के फैसले का तमाम कर्मचारी काफी समय से विरोध कर रहे थे। तमाम सिविल सर्जनों को ज्ञापन देकर बायलॉज को लागू करने की मांग राज्य सरकार से की गई थी। इसके बावजूद राज्य सरकार की ओर से उनके आग्रह पर गौर नहीं किया गया। इसी वजह से कर्मचारियों को हाईकोर्ट की शरण में जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। दौलत राम का आरोप है कि राज्य सरकार के समक्ष विभाग के अधिकारी लगातार कर्मचारियों की गलत छवि का प्रचार कर रहे हैं। इसी वजह से सरकार ने उनके बायलॉज को फ्रीज करने के आदेश दिए थे। उन्होंने बताया कि कोरोना काल में कर्मचारियों की सेवा से केंद्र सरकार बेहद खुश थी।
कर्मचारियों की जमकर प्रशंसा भी
कई मंत्रियों ने तमाम कर्मचारियों की जमकर प्रशंसा भी की थी। जबकि प्रदेश सरकार के अधिकारी उन्हें निकम्मा साबित करने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दुख की बात है कि 2018 में भाजपा सरकार ने ही सभी एनएचएम् कर्मचारियों को सर्विस बाय लॉज़ का लाभ दिया था । इसके चलते सभी पांच वर्ष पूर्ण कर चुके कर्मचारी वर्ग को रेगुलर कर्मचारी के लगभग समान वेतन लाभ हो मिलना तय था परंतु उसी सरकार ने कर्मचारियों के बायलॉज़ को निरस्त करने का काम किया। उन्होंने कहा कि सीएम नायब सैनी द्बारा भी स्वास्थ्य कर्मचारी संघ को आश्वस्त किया था की कर्मचारी वर्ग के साथ उनके होते हुए बुरा नहीं होगा। इसके बावजूद कर्मचारियों के हितों पर कुठाराघात कर बायलॉज को निरस्त कर दिया गया। उन्होंने कहा कि अगर फिर भी सरकार ने उनके हितों को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया तो वे बड़े आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगे।
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