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New Law : सूबे में गवाहों को परिवार समेत थ्री लेयर की सुरक्षा देगी सरकार

New Law

  • घरों के बाहर लगाए जाएंगे सीसीटीवी
  • प्रदेश के गृह विभाग ने जारी की अधिसूचना
  • खतरे के अनुसार 3 श्रेणियां बनाई जाएंगी
  • कोर्ट जाने के लिए पुलिस एस्कॉर्ट मिलेगा
  • हरियाणा साक्षी संरक्षण योजना 2025 शुरू

New Law : चंडीगढ़। सरकार ने प्रदेश में तीन नए आपराधिक कानूनों को लागू करने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए राज्य में गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए “हरियाणा साक्षी संरक्षण योजना, 2025” शुरू की है। इसके तहत गवाहों को थ्री लेयर सुरक्षा प्रदान की जाएगी। गृह विभाग ने गुरुवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी। यह योजना उन अपराधों के साक्षियों पर लागू होगी, जो मृत्यु, आजीवन कारावास या 7 वर्ष या उससे अधिक के कारावास से और भारतीय न्याय संहिता(बीएनएस), 2023 की धारा 74, 75, 76, 77, 78 और 79 के साथ-साथ लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 की धारा 8, 10, 12, 14 और 15 के अधीन दंडनीय हैं। प्रदेश में 28 फरवरी से 3 नए कानून पूरी तरह लागू किए जानें हैं। गवाह का कोर्ट में सुनवाई के वक्त आरोपित आमना-सामना नहीं होगा। इसके अलावा खतरे के दौरान उसे कोर्ट तक जाने के लिए एस्कॉर्ट भी दी जाएगी। इसमें खतरे के हिसाब से 3 श्रेणियां बनाई गई हैं।

ये तीन श्रेणियां

-ए : इसमें वे स्थितियां शामिल हैं, जहां जांच या परीक्षण के दौरान या उसके बाद गवाह या उनके परिवार के सदस्यों को खतरा हो।
-बी : इसमें वे मामले शामिल हैं, जहां जांच, परीक्षण के दौरान या उसके बाद गवाह या उसके परिवार के सदस्यों या कोई अन्य व्यक्ति, जिसमें वह हितबद्ध हो, की सुरक्षा,

प्रतिष्ठा या संपत्ति को खतरा हो।

-सी : इसमें में वे मामले आएंगे, जहां धमकी मध्यम है और जांच या परीक्षण के दौरान या उसके बाद गवाह या उसके पारिवारिक सदस्यों या कोई अन्य व्यक्ति, जिसमें वह हितबद्ध हो, के शोषण या उत्पीड़न, प्रतिष्ठा या संपत्ति प्रभावित हो।

साक्षी संरक्षण उपायों की रूपरेखा

गवाहों की सुरक्षा के लिए कई उपाय किए हैं।

-जांच या सुनवाई के दौरान गवाह और आरोपित आमने-सामने न आएं।

-ईमेल, टेलीफोन कॉल की निगरानी, गवाह का टेलीफोन नंबर बदलने या कोई अनलिस्टेड नंबर देने के लिए टेलीफोन कंपनी के साथ व्यवस्था की जाएगी।

-घर/कार्यस्थल में सुरक्षा दरवाजे, सीसीटीवी, अलार्म, बाड़ लगाना। गवाह की पहचान छिपाना, आपातकालीन संपर्क सूत्र दिए जाएंगे।

-गवाह, उसके परिवार के सदस्यों या वह व्यक्ति, जिसमें साक्षी हितबद्ध है, के घर/कार्यस्थल के आसपास सुरक्षा, अंगरक्षक, पीसीआर तैनात करना।

हर जिले में साक्षी सेल

योजना के अनुसार हर जिले में साक्षी संरक्षण सेल बनाए जाएंगे। जिसका हेड डीसीपी या एसपी लेवल का अधिकारी होगा। धमकी मिलने की शिकायत को 5 दिन में निपटाना होगा। जिम्मेदारी सीधे डीजीपी की होगी।

 

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