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- रमी, पोकर जैसे गेम पर भी रोक लगाने की तैयारी
- टीम इंडिया की स्पॉन्सर ड्रीम-11 भी हो सकती है बैन
- बिल में तीन साल की सजा और एक करोड़ का जुर्माने का प्रावधान
- अथॉरिटी बनाई जाएगी जो गेमिंग इंडस्ट्रीज को रेगुलेट करेगी
- भारत में हर साल 45 करोड़ लोग गंवा देते हैं 20 हजार करोड़ रुपये
National News : नई दिल्ली। लोकसभा ने ऑनलाइन गेमिंग को विनियमित करने एवं शैक्षणिक और सामाजिक ऑनलाइन खेलों को बढ़ावा देने वाले बिल ‘ऑनलाइन खेल संवर्धन और विनियमन विधेयक, 2025′ को पारित कर दिया। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ‘ऑनलाइन मनी गेम’ आज समाज में बड़ी चिंता का विषय बन गया है। यह लोगों की जिंदगीभर की बचत को खत्म कर रहा है। ‘फ्रॉड और चीटिंग एल्गोरिद्म ऐसे होते हैं कि पता ही नहीं चलता कि कौन किसके साथ खेल रहा है। वित्तीय नुकसान होते हैं। कई परिवार बर्बाद हो गए। सदन ने विपक्ष के हंगामे के बीच इस विधेयक को बिना चर्चा के ध्वनिमत से पारित कर दिया। वैष्णव ने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि 31 महीनों में 32 आत्महत्याएं इस तरह के मामलों में हुई हैं।
बिल में ये प्रावधान
-सभी तरह की ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुआ संबंधी गतिविधियों को रोकेगा। इनमें पोकर, रमी जैसे गेम शामिल।
-ऑनलाइन मनी गेमिंग की पेशकश या सुविधा प्रदान करने पर 3 वर्ष तक की कैद और/या 1 करोड़ तक जुर्माना।
-मनी गेम का विज्ञापन करने पर दो साल तक की कैद और/या 50 लाख रुपये तक का जुर्माना।
-वित्तीय लेनदेन को बढ़ावा देने पर 3 साल तक कैद और/या 1 करोड़ तक जुर्माना।
-बार-बार अपराध करने पर 3 से 5 साल तक कैद और 2 करोड़ तक के जुर्माना।
-सरकार का अनुमान है कि ऑनलाइन ‘रियल मनी’ गेमिंग में हर साल करीब 45 करोड़ लोग लगभग 20,000 करोड़ गंवा बैठते हैं।
इसे मिलेगा बढ़ावा
-विधेयक में ई-स्पोर्ट्स, शैक्षणिक खेल और सामाजिक खेल सहित ऑनलाइन खेल क्षेत्र को बढ़ावा देने, उसे विनियमित करने और इसके विकास तथा विनियमन के लिए एक प्राधिकरण की स्थापना का भी प्रावधान है।
-कम्प्यूटर, मोबाइल उपकरण या इंटरनेट के माध्यम से ऑनलाइन ‘मनी गेम’ के प्रस्ताव, संचालन, सरलीकरण, विज्ञापन, प्रचार व भागीदारी को निषिद्ध किया है, विशेषकर जहां ऐसे क्रियाकलाप राज्य की सीमाओं के पार या विदेश से संचालित होते हैं।
32,000 करोड़ की ऑनलाइन गेमिंग मार्केट
भारत में ऑनलाइन गेमिंग मार्केट अभी करीब 32,000 करोड़ का है। इसमें से 86% रेवेन्यू रियल मनी फॉर्मेट से आता है। 2029 तक इसके करीब 80 हजार करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद थी। इस बैन से ड्रीम 11, गेम्स 24×7, विंजो, गेम्सक्राफ्ट जैसी बड़ी कंपनियां मुश्किल में पड़ सकती हैं। इंडस्ट्री के लोग कह रहे हैं कि सरकार के इस कदम से 2 लाख नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं। सरकार को हर साल करोड़ों रुपए के टैक्स का नुकसान भी हो सकता है।