kurukshetra
- -28 नवंबर से 15 दिसंबर तक शिल्प एवं सरस मेले
- -सभी जिला मुख्यालयों पर 9 से 11 दिसंबर तक कार्यक्रम
- -गीता के संदेश को विश्व स्तर पर देखा जा रहा है समाधान के रूप में : गीता मनीषी ज्ञानानंद
kurukshetra : चंडीगढ़। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि 28 नवंबर से 15 दिसंबर तक शिल्प एवं सरस मेले का आयोजन भी किया जाएगा। इसमें तंजानिया और ओडिशा की संस्कृति व शिल्पकारों की कलाओं को प्रदर्शित किया जाएगा। सभी जिला मुख्यालयों पर 9 से 11 दिसंबर तक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के आयोजन में सहभागिता हेतु समस्त हरियाणा वासियों तथा देशवासियों का आह्वान किया। वहीं, गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि गीता जयंती मनाने की शुरुआत वर्ष 1989 से गई थी। अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन वर्ष 2016 से किया गया है। गीता उपदेश शुक्ल पक्ष की एकादशी को भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत के युद्ध में अर्जुन को दिया था, जो आज भी पूरी दुनिया में प्रासंगिक है। इस उपदेश को 5161 वर्ष पूरे हो गए हैं और 34 देशों ने इसे अपनाया है। आज गीता संदेश को विश्व स्तर पर समाधान के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष श्रीलंका में गीता महोत्सव के दौरान शोभा यात्रा निकाली थी, श्रीलंका के प्रधानमंत्री इस आयोजन में डेढ़ घंटे तक रहे और उन्होंने कुरुक्षेत्र आने की भी मंशा जताई।
तंजानिया में 60 हजार हरियाणवी
भागीदारी देश तंजानिया की भारत में नियुक्त हाई कमिश्नर अनीसा के. मबेगा ने कहा कि हरियाणा भारत व तंजानिया सामाजिक, आर्थिक व सामाजिक रिश्ते प्रगाढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि हरियाणा के 60 हजार से अधिक लोग तंजानिया में रहते हैं। तंजानिया में हरियाणवी संस्कृति से जुड़े कार्यक्रम सांझे तौर पर मनाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में तंजानिया का भागीदारी देश होना दर्शाता है कि संस्कृति लोगों को कैसे एकजुट करती है।
महाप्रभु जगन्नाथ भगवान कृष्ण के हैं अवतार : सूर्यबंशी सूरज
इस अवसर पर भागीदारी राज्य ओडिशा के भाषा, साहित्य और संस्कृति राज्य मंत्री सूर्यबंशी सूरज ने कहा कि इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में ओडिशा राज्य को भागीदारी राज्य बनाने के लिए
ओडिशा के लोगों की ओर से हरियाणा सरकार का आभार है। उन्होंने कहा कि हरियाणा गीता की भूमि है, जबकि ओडिशा महाप्रभु जगन्नाथ की भूमि है, जिन्हें भगवान कृष्ण का अवतार माना जाता है। उन्होंने कहा कि गीता महोत्सव ओडिशा को हरियाणा के साथ अपनी समृद्ध संस्कृति, विरासत, लोक नृत्य और पारंपरिक व्यंजनों का आदान-प्रदान और साझा करने का मंच प्रदान करेगा।
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