Haryana
- राजधानी दिल्ली में ग्रेप के नियमों का नहीं हो पा रहा पालन
- प्रदूषण पर रोक लगाने में नाकाम साबित हो रहे अधिकारी
- सुप्रीम कोर्ट के आदेशाें बाद भी अधिकारी फेल साबित हो रहे
Haryana : बहादुरगढ़। एक बार फिर दिल्ली-हरियाणा की हवा सांस लेने लायक नहीं बची है। रविवार दोपहर 3 बजे दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स 358 था। जबकि गाजियाबाद में 334 और नोएडा में एक्यूआई 311 था। सोनीपत और भिवानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 283 के स्तर पर था। प्रदेश की आबोहवा में स्मॉग (धुंध और धुएं की मिलीजुली परत) फैल चुकी है। अधिकारियों का लापरवाह रवैया बेहिसाब प्रदूषण की सबसे बड़ी वजह है। विभिन्न विभागों के अधिकारी प्रदूषण से पार पाने में विफल सिद्ध हो रहे हैं। बता दें कि नम वातावरण से धूल और धुएं के कण वातावरण में ऊपर नहीं जा पाते। निचली परत पर ही रहने की वजह से सीधे इंसान के संपर्क में आते है।
बच्चों के लिए खतरनाक
शहर में स्मॉग बच्चों और बुजुर्गों के लिए ज्यादा खतरनाक है। वहीं, युवाओं की सेहत पर ही यह असर डालता है। इसमें सांस लेने की दिक्कत बढ़ जाती है। वहीं, आंखों में भी जलन रहती है। दिल्ली और आसपास तो हालात ये है कि सूरज की रोशनी भी स्मॉग की परत में उलझकर जमीन पर आते-आते बेहद हल्की हो जाती है, रात को चांद के दीदार भी मुश्किल हो गए हैं। जानकारों की मानें तो ग्रेडेड एक्शन प्लॉन के तहत लागू बंदिशों का पालन नहीं हो रहा। सड़कों पर धूल के गुबार उड़ते हैं।
ये है मानक
मानक अनुसार 50 एक्यूआई तक स्थिति अच्छी, 100 तक संतोषजनक, 200 तक सामान्य, 300 तक खराब, 400 तक बेहद खराब और 500 तक रहने योग्य नहीं बचती। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार तापमान में गिरावट से शहर में फैला धुआं और धूल के कण ऊपर नहीं जा पा रहे हैं। यही कारण है कि दिल्ली हरियाणा में हवा की सेहत बिगड़ी है, जैसे-तैसे सांस लेने लायक स्थिति बची हुई है। ठोस कार्रवाई का अभाव लोगों की सेहत पर भारी पड़ रहा है।
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