Haryana news
- सीईटी 26 और 27 को : अदालत में 2 याचिकाएं दायर
- पहली याचिका में हाईकोर्ट से एडमिट कार्ड जारी करने के निर्देश देने का आग्रह किया
- दूसरी में यात्रा के लिए आम लोगों को वाहन उपलब्ध करवाने के निर्देश देने को कहा
- सरकार ने रोडवेज की बसें सीईटी अभ्यर्थियों के लगाई
- इससे आम लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा
- प्रदेश सरकार ने कहा, यह आधारहीन याचिका, इसे खारिज करें
Haryana news : चंडीगढ़। प्रदेश में हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) 26 और 27 जुलाई को काॅमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी) करवाने जा रहा है। इसे लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में दो याचिकाएं दायर की गई हैं। इन पर गुरुवार को सुनवाई होगी। पहली याचिका में कुछ अभ्यर्थियों हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और कहा कि सैकड़ों परीक्षार्थियों के एडमिट कार्ड जारी नहीं हुए हैं। अदालत आयोग को एडमिट कार्ड जारी करने के निर्देश जारी करे, ताकि परीक्षार्थी समय पर अपनी परीक्षा दे सकें। वहीं दूसरी जनहित याचिका में कहा गया है कि सीईटी परीक्षा के दौरान बस सेवाओं में बाधा की आशंका के चलते आम लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। याचिका में कहा गया है कि परीक्षा के लिए सरकार ने हरियाणा रोडवेज की ज्यादातर बसें लगा दी हैं, जिससे आम लोगों को दिक्कत हो सकती है, जैसे- रोज ऑफिस जाने वाले, मरीज, बुजुर्ग, मजदूर और आम यात्री। याचिका में मांग की गई है कि सरकार इसका कोई हल निकाले ताकि बाकी लोगों को भी सुविधा मिल सके। अदालत सरकार को आम लोगों के लिए परिवहन की व्यवस्था उपलब्ध करवाने के निर्देश जारी करे। वहीं, दूसरी तरफ सरकार ने कहा कि ये आधारहीन याचिका है। सरकार ने हाईकोर्ट से इस याचिका को खारिज करने का अनुरोध किया है।
परीक्षा में शामिल होने से वंचित न किया जाए
पहली याचिका में याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि उन्होंने परीक्षा के लिए आवेदन पत्र समय पर भरा, सभी आवश्यक दस्तावेज अपलोड किए, फीस का भुगतान भी किया और फार्म को अंतिम रूप से जमा कर दिया। इसके बावजूद उन्हें कुछ कारणों से एडमिट कार्ड जारी नहीं किया गया है और उन्हें परीक्षा में शामिल होने से वंचित किया जा रहा है। याचिकाकर्ताओं की ओर से अदालत से आग्रह किया गया है कि आयोग को निर्देशित किया जाए कि वह उन्हें 26 और 27 जुलाई को आयोजित की लिखित परीक्षा में बैठने की अनुमति दे और जल्द से जल्द उनके एडमिट कार्ड जारी किए जाएं। याचिका में यह भी प्रार्थना की गई है कि अदालत परिस्थितियों को देखते हुए कोई अन्य उपयुक्त आदेश या निर्देश भी पारित करे, जो न्यायहित में हो।
सरकारी बसें परीक्षा ड्यूटी में तैनात, आम यात्रियों के लिए संकट संभव
सीईटी की परीक्षा को लेकर राज्य में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था के कारण आम लोगों को होने वाली दिक्कत की याचिका पर हाईकोर्ट वीरवार को सुनवाई करेगा। बुधवार को समय की कमी के कारण याचिका पर सुनवाई नहीं हो पाई। हालांकि सरकार ने याचिका पर सवाल उठाते हुए इसे आधारहीन करार दिया। याचिका में कहा गया है कि सरकार के इस फैसले से हरियाणा रोडवेज की अधिकतम बसें परीक्षा ड्यूटी में तैनात हो जाएंगी, जिससे दैनिक यात्रियों, कार्यालय जाने वालों, मरीजों, बुजुर्गों और श्रमिक वर्ग को भारी असुविधा का सामना करना पड़ सकता है। याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि राज्य सरकार ने इस योजना की घोषणा तो कर दी, लेकिन आम जनता के लिए कोई वैकल्पिक या आकस्मिक परिवहन व्यवस्था नहीं की गई, जिससे उनके संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होगा। याचिका में यह भी बताया गया है कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने जून 2025 में सीईटी परीक्षा का कार्यक्रम घोषित किया था, जिसके बाद जुलाई के आरंभ में राज्य सरकार ने अभ्यर्थियों को रोडवेज बसों में निशुल्क यात्रा सुविधा देने की घोषणा की। इसके तहत परीक्षा के दोनों दिन अधिकतर बसों को अभ्यर्थियों की आवाजाही में लगाया जाएगा। याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय से यह निर्देश देने का अनुरोध किया है कि राज्य सरकार सार्वजनिक परिवहन सेवाओं को न्यूनतम आवश्यक स्तर पर बनाए रखने के लिए समुचित कदम उठाए तथा आम जनता के हितों की रक्षा के लिए एक समर्पित संचार एवं आकस्मिक तंत्र स्थापित करे।