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Haryana : मौसम को ध्यान में रख सरसों की बिजाई करें किसान, 25 अक्टूबर तक उपयुक्त समय

खेत में रबी की फसल के लिए किया जा रहा पलाव।खेत में रबी की फसल के लिए किया जा रहा पलाव।

Haryana

  • -सरसों बिजाई के समय रहना चाहिए 30 से 32 डिग्री सेल्सियस दिन का तापमान
  • -नारनौल गेहूं, जौ, सरसों, चना, मटर, आलू में से सरसों का महत्वपूर्ण स्थान
  • -सरसों की महेन्द्रगढ़, भिवानी, हिसार, सिरसा, मेवात व रेवाड़ी जिलों में ज्यादा बिजाई

Haryana : नारनौल। क्षेत्र में रबी की फसलों में गेहूं, जौ, सरसों, चना, मटर, आलू में से सरसों का महत्वपूर्ण स्थान है। सरसों की खेती की खासियत यह है कि यह कम पानी में अच्छी पैदावार दे सकती है। पिछले दो साल से सरसों के भाव भी ठीक ठाक मिल रहे है और यह लगातार समर्थन मूल्य से ऊपर बिक रही है। सरसों रबी सीजन में उगाई जाने वाली महत्वपूर्ण फसलों में से एक है। बता दें कि हरियाणा में सरसों प्रमुख रूप से महेन्द्रगढ़, भिवानी, हिसार, सिरसा, मेवात व रेवाड़ी जिलों में बिजाई की जाती है। किसान कृषि अधिकारियों की सलाह से सरसों उगाकर कम खर्च में अधिक मुनाफा कमा सकते है। कृषि विशेषज्ञों की माने को सरसों की बिजाई के लिए में हल्की ठंड की जरूरत होती है, जो क्षेत्र में अब लगातार हो रही है। इसके अनुसार 15 अक्टूबर के आस पास किसान अपनी सरसों की बिजाई कर सकते है। ये उनके लिए उत्तम समय है। क्षेत्र के अधिकतर किसान बिजाई के लिए भूमि को पानी देकर जुताई कर रहे है। सरसों की अच्छी पैदावार के लिए तापमान 15 से 25 डिग्री सेल्सियस रहना चाहिए व सरसों की बिजाई करते समय दिन का तापमान 30 से 32 डिग्री सेल्सियस के बीच होना चाहिए। इससे ज्यादा तापमान पर बीज झुलस सकता है। जिले में शनिवार को दिन का तापमान 35 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, जबकि रविवार को बादलवाही के चलते तापमान में गिरावट आई तथा दिन का तापमान 34 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

सरसों की अच्छी पैदावार के लिए खेत की तैयारी

सरसों के लिए भुरभुरी मिट्टी, बलुई दोमट मृदा सर्वाधिक उपयुक्त होती है। यह फसल हल्की क्षारीयता को सहन कर सकती है। इसके लिए खरीफ की कटाई के बाद एक गहरी जुताई करनी चाहिए तथा इसके बाद तीन चार बार और जुताई करना लाभप्रद होता है। नमी संरक्षण के लिए हमें पाटा लगाना चाहिए, ताकि उचित समय आने पर रबी की फसल की बिजाई कर सके। अच्छी नमी व हल्की ठंड से बीज जल्दी अंकुरित होते है।

सरसों की उन्नत किस्में

अगेती सरसों की बिजाई करते समय किसान अगेती किस्मों का चयन करें जैसे आरएक्स 725, 749, 1425, वसुंधरा, लक्ष्मी, पायनियर 45एस46, श्रीराम 1668, अडवांटा 414, प्रोएग्रो 5232 आदि बीजों की बिजाई करें। बीज खरीदते समय ये ध्यान रखें की वो किस्म हमारे के लिए अनुकूल और सिफरिशशुदा है की नहीं। यह भी ध्यान रखें कि सिफारिश से ज्यादा उर्वरकों के प्रयोग से बचें, क्योंकि अनावश्यक उर्वरकों के प्रयोग से पैदावार में बढ़ोतरी नहीं होती है, बल्कि जमीन का स्वास्थ्य और पानी के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ता है।

सरसों फसल की पहली सिंचाई

प्रथम सिंचाई बिजाई के 35 से 40 दिन बाद एवं द्वितीय सिंचाई दाने बनने की अवस्था में करें। सरसों के साथ अनेक प्रकार के खरपतवार उग आते है। इनके नियंत्रण के लिए निराई गुड़ाई बिजाई के तीसरे सप्ताह के बाद से नियमित अन्तराल पर दो से तीन बार करना आवश्यक होता है।

बिजाई के लिए 25 अक्टूबर तक उपयुक्त समय

नांगल चौधरी से कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के ब्लॉक ऑफिसर डा. हरीश यादव ने बताया कि सरसों फसल बिजाई से पूर्व मौसम को ध्यान में रखते हुए खेत में नमी का विशेष ध्यान रखें। उन्होंने बताया कि मौसम को देखते हुए सरसों फसल की बिजाई का उपयुक्त समय 10 अक्टूबर से लेकर 25 अक्टूबर तक है। इसके बावजूद भी यदि कोई किसान साथी किसी कारणवश इस समय के दौरान बिजाई नहीं कर पाते हैं, तो वे 10 नवम्बर तक अच्छी क्वालिटी के बीज का चयन करके सरसों की बिजाई कर सकते है।

https://vartahr.com/haryana-farmers-…-till-october-25/

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