Harayana News
- -नौपता के शेष दिनों में भी पारा चढ़ने की संभावना कम
- -लगभग एक सप्ताह तक परिवर्तनशील बना रहेगा मौसम
- -जून माह के शुरू में भारी गर्मी पड़ने की संभावना नहीं
- -अधिकतम तापमान 5.5 डिग्री सेल्सियस गिरकर 33.0 डिग्री सेल्सियस पर आया
- -न्यूनतम तापमान भी 2.5 डिग्री की गिरावट के साथ 22.5 डिग्री सेल्सियस रहा
Harayana News : रेवाड़ी। पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से नौतपा के दिनों में पड़ने वाली भारी गर्मी की संभावना को पूरी तरह समाप्त कर दिया। उम्मीद के विपरीत नौतपा एक तरह से ठंडा बीत रहा है। शेष तीन दिनों में भी पारा ज्यादा चढ़ने की उम्मीद नहीं है। एक सप्ताह तक मौसम परिवर्तनशील बना रह सकता है। जून माह के शुरू में भारी गर्मी पड़ने की संभावना नहीं है।शुक्रवार को सुबह से ही आसमान में घने बादल छाए रहे। कई इलाकों में बौछारें गिरीं। हल्की बूंदाबांदी होने के बाद मौसम का मिजाज ठंडा पड़ गया। अधिकतम तापमान 5.5 डिग्री सेल्सियस गिरकर 33.0 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। न्यूनतम तापमान भी 2.5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट के साथ 22.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। चार दिन बाद तापमान में इतनी ज्यादा गिरावट दर्ज की गई है। मौसम ठंडा होने के साथ ही लोगों को उमस भरी भारी गर्मी से कुछ हद तक राहत मिल गई। इससे पूर्व उमस के चलते कूलर की हवा तक ने काम करना बंद कर दिया था। मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के कारण अगले एक सप्ताह तक मौसम परिवर्तनशील बना रह सकता है। इस दौरान बार-बार आसमान में बादल छाने व तेज हवाओं के साथ बौछारें गिरने की संभावना है। अगले सप्ताह के शुरू में बरसात भी हो सकती है। इस दौरान तापमान में मामूली उतार-चढ़ाव बना रह सकता है।
नौतपा में भारी गर्मी की उम्मीद खत्म
नौपता के दिनों में भारी गर्मी पड़ने के आसार रहते हैं। नौतपा की शुरूआत 25 मई से हुई थी। इससे पूर्व 24 मई की रात ही अच्छी बारिश हो गई। इससे तापमान में भारी गिरावट आ गई थी। इससे पहले दस दिनों तक लोगों को भारी गर्मी का सामना करना पड़ा था। तापमान 45.5 डिग्री तक पहुंच गया था। नौतपा शुरू होने के बाद से तापमान 39.0 डिग्री से ज्यादा नहीं गया, जिस कारण धरती तपने की संभावना पर पानी फिर गया। बचे हुए नौतपा के दिनों में भी मौसम अपेक्षाकृत ठंडा बना रह सकता है। दूसरी ओर मौसम का मिजाज ठंडा होने से बिजली की खपत में एक बार फिर 10 लाख यूनिट से ज्यादा की कमी आई है, जिससे पावर कटों से काफी राहत मिल गई है।
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