Jai Mata Di
- -सिर्री के चंदन नवरात्रि में प्रतिदिन 4 चम्मच दुर्वा रस का कर रहे सेवन
- -अपने सीने में अखंड ज्योति प्रज्ज्वलित की, गोधूलि बेला में किलों से बने बिछौने पर लाल रंग की चुनरी बिछाकर लेटा
- -साल 2005 में नवरात्रि के 9 दिनों तक मौन व्रत धारण किया था
- -2007 में उन्होंने सिरकट्टी आश्रम के भुनेश्वरी शरणदास महाराज कुटेलाधाम पांडुका से दीक्षा ली
सिर्री। शारदीय नवरात्रि में भक्त माता के प्रति विभिन्न तरीकों से अपनी आस्था प्रकट कर रहे हैं। इसी तारतम्य में धमतरी जिले के कुरूद विकासखंड के ग्राम सिर्री में एक भक्त ने माता के प्रति अपनी आस्था प्रकट करने का अनोखा तरीका अपनाया है। टिकरापारा निवासी 31 वर्षीय चंदन सुपल भगत ने अपने सीने में अखंड ज्योति प्रज्ज्वलित की है। 22 सितंबर को नवरात्रि के शुभारंभ दिवस पर गोधूलि बेला में किलों से बने बिछौने पर लाल रंग की चुनरी बिछाकर लेटा हुआ है। सीने में अखंड ज्योति प्रज्ज्वलित की है। उन्होंने बताया कि वह पूरे 9 दिनों तक इसी अवस्था में ही रहेगा, उठेगा भी नहीं। वह अपनी ज्योति कलश की देखरेख पंडा के सहयोग से करता है। आहार के रूप में सुबह-शाम 4 चम्मच दुर्वा घास के रस का सेवन कर रहा है। उन्होंने कहा कि साल 2005 में नवरात्रि के 9 दिनों तक मौन व्रत धारण किया था। 2007 में उन्होंने सिरकट्टी आश्रम के भुनेश्वरी शरणदास महाराज कुटेलाधाम पांडुका से दीक्षा ली है। साल 2009 में नवरात्रि पर पूरे 9 दिन निर्जला एवं बिना कोई आहार ग्रहण किए व्रत रखा था। 2023 में उनको सपने में ज्योति प्रज्ज्वलित होती हुई दिखाई देती थी। सपने में माता के दर्शन हुए। ज्योत जंवारा भी लगातार सपने में आते रहता था। माता ने सपने में उनको क्वांर नवरात्रि में सीने में अखंड ज्योति प्रज्ज्वलित करने कहा। माता के आदेश का पालन करते हुए माता शीतला के नाम का आह्वान कर अखंड ज्योति प्रज्ज्वलित की।
अनोखी आस्था, दर्शन करने पहुंच रहे लोग
सन 2016 और 2017 में मरकाटोला रानीमाई चारामा के कंकालीन मंदिर में सीने में अखंड ज्योति प्रज्ज्वलित की। 2023 से 2025 तक वर्तमान में 3 साल ग्राम सिर्री के अपने निवास में अखंड ज्योति प्रज्ज्वलित कर रहे हैं। माता दुर्गा के प्रति अनोखी आस्था पहुंच रहे हैं। पारागांव नवापारा के कमल निषाद पंडा सहित सिर्री के महेश कंडरा, फलेंद यादव, उत्तम तारक, हेमलाल तारक, संतु पटेल, भागवत कुर्रे उनके सहयोग के साथ ही माता की सेवा में जुटे हैं।