Geeta Jayanti
- धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में 28 नवंबर से 15 दिसंबर मनाया 9वां अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव
- सीएम सैनी बोले, 5 से 11 दिसंबर तक मुख्य कार्यक्रम
- पहली बार भागीदारी देश व भागीदारी राज्य के प्रतिनिधि मीडिया से हुए रू-ब-रू
- जिला मुख्यालयों पर 9 से 11 दिसंबर तक कार्यक्रमों का होगा आयोजन
- 11 दिसंबर गीता जयंती के दिन ज्योतिसर तीर्थ पर गीता यज्ञ के साथ 18 हजार विद्यार्थी करेंगे गीता श्लोकों का उच्चारण
- मुख्यमंत्री ने हरियाणा व देशवासियों का अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में सहभागिता का किया आह्वान
Geeta Jayanti : चंडीगढ़। भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व रखने वाले स्थल और ‘श्रीमद्भगवद्गीता’ की जन्मस्थली धर्मक्षेत्र-कुरुक्षेत्र की पावन भूमि पर वर्ष 2016 से मनाए जा रहा अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव इस वर्ष भी धूमधाम से मनाया जाएगा। इस बार 9वें अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव की शुरुआत अनूठे ढंग से होगी। गीता जयंती महोत्सव में अध्यात्म, संस्कृति एवं कला का दिव्य संगम देखने को मिलेगा। यह आयोजन 28 नवंबर से 15 दिसंबर तक होगा। 18 दिनों तक चलने वाले इस अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के मुख्य कार्यक्रम 5 दिसंबर से 11 दिसंबर तक चलेंगे, जिसकी शुरुआत 5 दिसंबर को ब्रह्मसरोवर के पुरुषोत्तमपुरा बाग में गीता यज्ञ एवं पूजन के साथ होगी। शुक्रवार को आयोजन के भागीदारी देश तंजानिया की हाई कमिश्नर अनीशा कपुफी मोबेगा और भागीदारी राज्य ओडिशा के संस्कृति राज्य मंत्री सुर्यवंशी सूरज चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ मीडिया से रू-ब-रू हुए।
गीता में हर समस्या का समाधान
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने चंडीगढ़ में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता में हर समस्या का समाधान निहित है। यह एक ऐसा पवित्र ग्रंथ है, जिसको दुनिया के बड़े-बड़े अर्थशास्त्रियों ने अपनी प्रेरणा माना है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार का उद्देश्य है कि गीता के संदेश को घर-घर तक पहुंचाया जाएगा। इस बार अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में यूनाइटेड रिपब्लिक ऑफ तंजानिया सहयोगी देश तथा ओडिशा सहयोगी राज्य होगा। फरवरी में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड शिल्प मेले में भी तंजानिया सहभागी देश था।
तंजानिया से हमारा गहरा नाता
सीएम ने कहा कि तंजानिया में भारतीय प्रवासी श्री रामायण और श्रीमद्भगवद् गीता के पाठ का करते हैं। वहां हिन्दू मंदिर हैं, जो भारतीय संस्कृति को तंजानिया से जोड़ते हैं। सहयोगी राज्य ओडिशा के जगन्नाथपुरी, कोणार्क सूर्य मंदिर, भुवनेश्वर के लिंगराज व मुक्तेश्वर मंदिर आदि तीर्थ सनातन संस्कृति के गौरव हैं, जिनकी झलक इस महोत्सव में देखने को मिलेगी। भगवान जगन्नाथ को श्रीकृष्ण का अवतार माना गया है। तंजानिया के साथ हरियाणा का आर्थिक और सामाजिक रूप से है गहरा नाता है।
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