Fraud
- पिता की बनाई धर्मशाला में चचेरे भाई ने स्कूल खोला
- फर्जी हस्ताक्षर कर लोन लिया,
- डीसी, एसपी और आईजी को दी शिकायत
Fraud : नारनौल। मशहूर हास्य कवि सुरेंद्र शर्मा के साथ फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। बताया जा रहा है कि उनके फर्जी हस्ताक्षर कर करोड़ों की संपत्ति हड़प ली गई है। सुरेंद्र शर्मा ने डीसी, एसपी और पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) को शिकायत दी है। मामले में आरोपित उनके परिवार के सदस्य ही हैं। हास्य कवि सुरेंद्र शर्मा नांगल चौधरी के रहने वाले हैं। उनके परिवार की नांगल चौधरी और सरेली में जमीन है। सुरेंद्र के पिता 60 से 70 साल पहले दिल्ली में रहने लगे थे। बकौल सुरेंद्र शर्मा उनके पिता ने गांव में धर्मशाला बनवाई थी। इसके बाद उन्होंने धर्मशाला की ऊपरी मंजिल का निर्माण भी करवाया। पिता बालकिशन शर्मा की इच्छा थी कि धर्मशाला का इस्तेमाल हर बिरादरी के लोग करें। इसका इस्तेमाल वर्तमान में आरोपित पुष्करमल व उनके परिवार द्वारा स्कूल के रूप में किया जा रहा है।
सुरेंद्र ने यह मांग रखी
सुरेंद्र ने बताया जब उन्हें पता चला तो बात बढ़ाने की बजाए स्कूल में 25 प्रतिशत गरीब बच्चों को नि:ल्क पढ़ाने और स्कूल का नाम उनके पिता बाबा रामस्वरूप नाम से करने की बात कही। लेकिन आरोपितों ने उनकी बात नहीं मानी। हाल ही में दिपावली के पास भतीजी लता शर्मा के द्वारा पता चला कि उनके फर्जी हस्ताक्षर के आधार पर एक वकालतनामा लगाया गया। इसका इस्तेमाल कहां-कहां हुआ है, यह जांच करवाने के लिए पुलिस को शिकायत दी है। कवि सुरेंद्र और उनकी भतीजी लता शर्मा ने एडवोकेट हेमंत शर्मा से निरीक्षण करवाने के बाद पुलिस को शिकायत दी है।
तकसीम से संबंधित दावा डालने से पहले ही सम्मन जारी
यह भी पता चला कि परिवार की प्रापर्टी के बंटवारा (तकसीम) के मामले में सहायक क्लेक्टर प्रथम श्रेणी नांगल चौधरी ने पांच अगस्त 2010 को एप्लीकेशन लगाई थी। 30 नवंबर 2010 को फैसला कर दिया। तकसीम से संबंधित दावा डालने से पहले ही 2009 में सुरेंद्र को सम्मन जारी करना दर्शाया गया है। 16 नवंबर 2009 व 18 नवंबर 2009 को सम्मन तामिल दर्शाए गए हैं। इन दोनों समनों पर सुरेंद्र के फर्जी हस्ताक्षर पाए गए हैं।
यह बोले सुरेंद्र
हास्य कवि ने शुक्रवार बताया कि आरोपितों ने उनकी बुआ पाना और बिमला के बच्चों के भी हस्ताक्षर फर्जी किए हैं। इस मामले की शिकायत उन्होंने डीसी, एसपी और आईजी को दी है। डीसी ने जांच के लिए कमेटी गठित करने के आदेश दिए हैं। वहीं सरेली की जमीन के रिकार्ड में भी फेरबदल कर पौने चार लाख का ऋण लिया गया है।