pariksha pe charcha
- परीक्षा-पे-चर्चा : पीएम ने 35 छात्रों के साथ सुंदर नर्सरी में की चर्चा
- नेतृत्व के पाठ से लेकर परीक्षा बनाम ज्ञान तक हर मुद्दे पर बात की
- पीएम मोदी बोले, टाइम मैनेजमेंट सीखें, -किसी भी परीक्षा को जीवन का अंतिम लक्ष्य न समझें
- छात्र अपने मन की बात अभिभावकों से कहें
- बच्चे स्कूल से आते ही सारी बातें अपने मां-बाप से शेयर करें
- अभिभावक छात्रों को किसी दायरे में न बांधें
- उन्हें अपनी अभिलाषा तलाशने की अनुमति दी जाए
- अपने बच्चों की तुलना दूसरे बच्चों से नहीं करनी चाहिए
- बच्चों की इच्छाओं को समझें और उनकी मदद करें
- टारगेट ऐसा बनाएं, जो पहुंच में हो लेकिन पकड़ में नहीं
- शरीर पर कंट्रोल रखने के लिए प्राणायाम करें
pariksha pe charcha : नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को प्रसारित ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम के आठवें संस्करण में नेतृत्व के पाठ से लेकर ध्यान, परीक्षा बनाम ज्ञान से लेकर एक बल्लेबाज की तरह ध्यान केंद्रित करने तक, कई विषयों पर छात्रों के साथ बात की। पारंपरिक ‘टाउन हॉल’ प्रारूप से हटकर मोदी ने इस बार अधिक अनौपचारिक व्यवस्था को प्राथमिकता दी और लगभग 35 छात्रों से यहां सुंदर नर्सरी में अधिक गहन एवं मुक्त बातचीत की। कार्यक्रम का राष्ट्रव्यापी प्रसारण देश के विभिन्न भागों से छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों ने देखा। पीएम ने छात्रों को सफलता का मंत्र देते हुए कहा कि वे परीक्षा के दबाव में नहीं आएं और आपने लक्ष्य पर फोकस करें। टाइम मैनेजमेंट सीखें, किसी भी परीक्षा को जीवन का अंतिम लक्ष्य न समझें। टारगेट ऐसा बनाएं, जो पहुंच में हो, लेकिन पकड़ में नहीं। छात्र अपने मन की बात अभिभावकों से कहें। बच्चे स्कूल से आते ही सारी बातें अपने मां-बाप से शेयर करें। इससे तनाव मुक्त रहेंगे और दबाव में नहीं आएंगे।
छात्रों को किसी दायरे में न बांधें
मोदी ने छात्रों से कहा कि ‘ज्ञान’ और परीक्षा दो अलग-अलग चीजें हैं। किसी को भी परीक्षा को जीवन का अंतिम लक्ष्य नहीं समझना चाहिए। देश भर के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से आए छात्रों के साथ बातचीत में प्रधानमंत्री ने कहा कि छात्रों को किसी दायरे में बांधा नहीं जाना चाहिए और उन्हें अपनी अभिलाषा को तलाशने की अनुमति दी जानी चाहिए। छात्रों से अपने समय का उपयोग योजनाबद्ध तरीके से करने को कहा ताकि इसका प्रभावी प्रबंधन हो सके। प्रधानमंत्री ने छात्रों से ‘अपने समय, अपने जीवन पर नियंत्रण रखने, वर्तमान में जीने, सकारात्मकता की तलाश करने और पोषण’ जैसे मुद्दों पर बात की।
अभिभावकों के लिए संदेश
मोदी ने माता-पिता से अपने बच्चों को दिखावे के लिए मॉडल के रूप में इस्तेमाल नहीं करने का आग्रह करते हुए कहा कि माता-पिता को बच्चों की तुलना दूसरों से नहीं करनी चाहिए, बल्कि उनका समर्थन करना चाहिए। ‘दुर्भाग्य से यह आम धारणा है कि अगर कोई 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा में अच्छे अंक नहीं लाता है, तो उसका जीवन बर्बाद हो जाता है। समाज की वजह से कम अंकों के कारण घर में तनावपूर्ण माहौल बन जाता है। आप भी दबाव में हो सकते हैं, लेकिन इसकी चिंता किए बिना तैयारी करें और खुद को चुनौती देते रहें।’
अच्छी नींद लें
प्रधानमंत्री ने अच्छी नींद के महत्व पर प्रकाश डाला और इस बात पर जोर दिया कि छात्रों को यह नहीं सोचना चाहिए कि अगर वे अधिक अंक नहीं लाते हैं तो उनका जीवन बेकार हो जाएगा। छात्रों को दबाव को उसी तरह से संभालना चाहिए जैसे बल्लेबाज दर्शकों के शोर के बीच स्टेडियम में करते हैं। जैसे बल्लेबाज बाउंड्री की मांग को नजरअंदाज करते हुए अगली गेंद पर ध्यान केंद्रित करते हैं वैसे ही उन्हें अपने अध्ययन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और परीक्षा के दबाव में नहीं आना चाहिए। पूरी नींद लें मन स्वस्स्थ रहेगा।
‘टीमवर्क’ सीखना जरूरी
नेता बनने के लिए ‘टीमवर्क’ सीखना बहुत जरूरी है… धैर्य और विश्वास अर्जित करना बहुत जरूरी है।’ नेता की परिभाषा के बारे में पूछे जाने पर मोदी ने छात्रों से कहा, ‘आज नेता की परिभाषा क्या है, ‘कुर्ता-पायजामा’ पहनने वाला, जैकेट पहनने वाला, विभिन्न मंचों पर भाषण देने वाला… लेकिन ऐसा नहीं होता। अगर कोई नेता बनता है तो उसका काम दूसरों की गलतियों को सुधारना नहीं है। उसका काम खुद को एक उदाहरण बनाना है।’ ‘क्लास मॉनिटर’ का उदाहरण देते हुए कहा, ‘अगर सभी को समय पर आना है, लेकिन ‘क्लास मॉनिटर’ खुद नियमों का पालन नहीं करेगा, तो क्या कोई उसकी बात सुनेगा? नहीं।
प्राणायाम करें
झरने की आवाज सुनिए। आपको आवाज सुनाई दे रही है। आप लोगों को मेडिटेशन करना चाहिए। आपके मन में क्या चल रहा है, उसे भी सोचिए। अगर ऐसा कर रहे हैं तो आपका ध्यान केंद्रित हो रहा है। परेशानी, चिंता से निकलने के लिए प्राणायाम कीजिए। आपको आपकी बॉडी पर कंट्रोल होगा