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Environment

  • -आंखों में जलन और सांस की तकलीफ से लोग परेशान
  • -अस्पतालों में बढ़ी ओपीड़ी, लोग हो रहे बेहद परेशान
  • -वातावरण में घुले प्रदूषक तत्वों के कारण अलसुबह धुंध छाई
  • -लोगों को आंखों में जलन, खुजली, सांस लेने में तकलीफ और गले में खराश की समस्याएं बढ़ी

 

 

डॉ. अंशुल सहगल।

फतेहाबाद। अस्पतालों में उमड़ी मरीजों की भीड़।

फतेहाबाद। धान की पराली में आग लगने व लगाने तथा दीपावली पर आतिशबाजी के चलते इन दिनों फतेहाबाद की आबो-हवा में जहर-सा घुल गया है। हाल यह है कि बच्चे और बूढ़े तो क्या, आम जनजीवन भी प्रभावित हो गया है। पटाखों के भारी उपयोग और पराली में आगजनी की घटनाओं के बाद वातावरण में घुले प्रदूषक तत्वों के कारण जिले में अलसुबह धुंध छा जाती है। इसके परिणामस्वरूप, लोगों को आंखों में तेज जलन, खुजली, सांस लेने में तकलीफ और गले में खराश जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। प्रदूषण के इस खतरनाक स्तर का सीधा असर नागरिक अस्पताल की ओपीडी में दिखाई दे रहा है। बीते दो दिनों में आंखों और एलर्जी की शिकायत लेकर आने वाले मरीजों की संख्या में काफी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। चिकित्सा अधिकारियों के अनुसार, प्रदूषण के कारण मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। सामान्य दिनों में अस्पताल की ओपीडी में रोजाना लगभग एक हजार मरीज विभिन्न बीमारियों के लिए आते थे, लेकिन, दीपावली के बाद केवल आंखों में जलन और एलर्जी की समस्या से ही 1200 से अधिक मरीज ओपीडी में पहुंचे हैं। इसके अलावा, खांसी, गले में खराश और सांस लेने में परेशानी की शिकायत करने वाले मरीजों की संख्या भी बढ़ी है।

चिकित्सकों का कहना है कि वायु में घुल चुके धूल और धुएं के सूक्ष्म कणों के कारण राहगीरों को दिनभर आंखों चुभन और पानी आने जैसी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इस कारण सरकारी व निजी अस्पतालों में ऐसे मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। चिकित्सकों के अनुसार प्रदूषित हवा के हानिकारक प्रभावों से बचने और स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के लिए लोगों को अनेक सावधानियों और उपायों का पालन करना चाहिए।

यह रखें सावधानियां

1. घर के अंदर रहें और हवा साफ रखें बाहर निकलने से बचें, जब तक बहुत आवश्यक न हो, घर से बाहर न निकलें, खासकर सुबह और देर शाम के समय, जब प्रदूषण का स्तर सबसे अधिक होता है।

2. खिडक़ी-दरवाजे बंद रखें: प्रदूषित हवा को घर के अंदर आने से रोकने के लिए सभी खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें। एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें। यदि उपलब्ध हो, तो घर की हवा को साफ रखने के लिए एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।

3. गीले कपड़े का प्रयोग: दरवाजों और खिड़कियों के पास गीले कपड़े या चादरें लटकाएं। गीला कपड़ा हवा में मौजूद धूल के कणों को सोखने में मदद करता है।

4. मास्क पहनें : घर से बाहर निकलते समय अच्छे गुणवत्ता वाला एंटी-पॉल्यूशन मास्क जरूर पहनें। यह श्वसन तंत्र को प्रदूषक कणों से बचाएगा।

5. आंखों की सुरक्षा: आंखों में जलन और खुजली से बचने के लिए बाहर निकलते समय धूप का चश्मा या सुरक्षात्मक चश्मा जरूर पहनें। यह धूल और धुएं के कणों को आँखों तक पहुंचने से रोकता है।

6. हाथ धोना: आंखों या चेहरे को छूने से पहले अपने हाथों को अच्छी तरह धो लें।

7. पौष्टिक आहार: अपने आहार में विटामिन सी (जैसे नींबू, संतरा), ओमेगा-3 फैटी एसिड और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर फल और हरी सब्जियां शामिल करें, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं।

क्या कहतें हैं डॉक्टर

हुडा सैक्टर स्थित सद्भावना अस्पताल के डॉ. अंशुल सहगल ने इस स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है, हवा दूषित होने के चलते लोगों में आंखों में जलन की समस्याएं आ रही हैं, जिसके कारण अस्पताल में मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। उन्होंने बताया कि प्रदूषण से प्रभावित लोगों के लिए विशेष परामर्श व्यवस्था शुरू की गई है, ताकि समय पर इलाज मिल सके और गंभीर बीमारियों से बचाव किया जा सके।

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