Election
- कविता व राजीव जैन ने कहा कि 3 माह पहले आए व्यक्ति को टिकट देना मंजूर नहीं
- पार्टी आलकमान 10 सितम्बर फैसला ने, अन्यथा 21 सदस्यीय कमेटी करेगी फैसला
- हम अपना जमीर मारकर वोट नहीं मांग सकते
Election : सोनीपत/सिरसा/रेवाड़ी। भाजपा की पहली सूची जारी होने के बाद पार्टी में नेताओं की भगदड़ और नाराजगी लगतार जारी है। कुछ लोगों ने पार्टी छोड़ दी है और कुछ चुनाव से किनारा कर रहे हैं। सीएम नायब सैनी, पूर्व सीएम मनोहर लाल और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली समेत कई बड़े नेताओं के मनाने के बावजूद पार्टी नेताओं नाराजगी दूर नहीं हो रही है। रविवार को सोनीपत से पूर्व मंत्री कविता जैन और उनके पति एवं वरिष्ठ भाजपा राजीव जैन ने पार्टी आलाकमान को 10 सितंबर तक का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि तीन माह पहले पार्टी में आए लोगों को टिकट दिया जाना मंजूर नहीं है। हम अपना जमीर मारकर वोट नहीं मांग सकते। भाजपा आलाकमान ने इस पर विचार नहीं किया तो 10 के बाद हमारी 21 सदस्यीय कमेटी फैसला करेगी। वहीं, दूसरी तरफ, पूर्व उप-प्रधानमंत्री ताऊ देवीलाल के पोते आदित्य चौटाला देवीलाल इनेलो में शामिल हो गए हैं। उन्होंने चौटाला गांव में अपने समर्थकों के बीच इसका ऐलान किया। वह डबवाली सीट से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। सोमवार को वह अपना नामांकन दाखिल करेंगे। वहीं, रेवाड़ी जिले की राजनीति में रविवार का दिन काफी अहम रहा। टिकट कटने से नाराज कोसली से पूर्व मंत्री बिक्रम ठेकेदार, रेवाड़ी से पूर्व जिला प्रमुख सतीश यादव और प्रशांत उर्फ सन्नी ने अलग-अलग पंचायतें की। तीनों ही नेताओं ने भाजपा उम्मीदवारों के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। सतीश यादव और प्रशांत उर्फ सन्नी दोनों ने 11 सितंबर को नामांकन करने की भी घोषणा कर दी।
राजनीति सत्ता नहीं सिद्धान्त की होनी चाहिए
पूर्व कैबिनेट मंत्री कविता जैन ने कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी कहते थे कि राजनीति सत्ता नहीं सिद्धान्त की होनी चाहिए। विचार, व्यक्ति, दल और राष्ट्र को बड़ा बनाने के विचार पर भारतीय जनता पार्टी 2 सांसदों से 303 सांसदों तक पहुंची, लेकिन आज कुछ लोग उन्हीं सिद्धान्तों का कत्ल कर रहे हैं। सोनीपत में भाजपा ने जिस चेहरे को चुना है वो उस सिद्धान्त से मेल नहीं खाता, क्योंकि सट्टा और नशे के कारण जिन युवाओं की बर्बादी आज हो रही हैं, हम उसे होने नहीं देंगे। वर्ष 2019 में कांग्रेस विधायक और मेयर की जोड़ी ने सट्टा, नशा, मुफ्त राशन व जनता-जर्नादन की भावना से खिलवाड़ करके उन्हें हराने का काम किया था। उनकी चालाकी, चतुराई पार्टी आलाकमान को नजर नहीं आई।
भावुक हो गए राजीव जैन
मुख्यमंत्री के पूर्व मीडिया सलाहकार राजीव ने रूंधे गले से जनसमूह से पूछा कि मेरा कसूर क्या था। पूरे शहर में चर्चा थी कि इस बार कविता राजीव जैन की जोड़ी जेल में बैठे कांग्रेसी विधायक की जमानत जब्त कराएगी। लेकिन पार्टी ने हमारे साथ अच्छा नहीं किया। हम अपना जमीर मारकर वोट नहीं मांग सकते। राजीव जैन ने कहा कि पार्टी उनकी बजाय ललित बत्रा, तरूण देवीदास, अनिल ठक्कर, योगेशपाल अरोड़ा को भी टिकट दे देती तो भी कोई परेशानी नहीं थी। लेकिन षड्यंत्र के तहत हमारी राजनीति को खत्म करने की कोशिश की गई। पार्टी 10 सितंबर तक अपना निर्णय कर ले, अन्यथा इस सभा से हर बिरादरी के 21 लोगों की कमेटी जो निर्णय लेगी, हम उस निर्णय के हिसाब से आगे बढ़ेंगे।
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