• Fri. Jul 11th, 2025

Doctors News

  • -रेजिडेंट डॉक्टर्स अवकाश नीति हरियाणा में ग्राउंड लेवल पर लागू होना शुरू, मिलेगी राहत
  • -अब रेजिडेंट डॉक्टर्स को मिलेगा वार्षिक अवकाश, देश के अन्य मेडिकल कॉलेज भी दे राहत
  • -रोहतक के पंडित बी.डी. शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के आदेशों की सराहना की

Doctors News  : नई दिल्ली। यूडीएफ (यूनाइटेड डॉक्टर्स फ्रंट) ने रेजिडेंट डॉक्टरों को नियमानुसार साप्ताहिक और आकस्मिक अवकाश दिए जाने की पुरजोर मांग की है। इस संदर्भ में रोहतक स्थित पंडित बी.डी. शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय द्वारा 5 फरवरी को जारी आदेश की सराहना की गई है, जिसको देखते हुए हरियाणा के मेडिकल कॉलेजों ने उसे जमीनी स्तर पर लागू करने का निर्णय लिया है,जिसमें सभी रेजिडेंट डॉक्टरों को प्रतिवर्ष 52 साप्ताहिक अवकाश और 20 आकस्मिक अवकाश देने की स्वीकृति दी गई है। उक्त आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि रेजिडेंट डॉक्टरों को वर्ष में 10 रविवारों को सेवाएं देनी होंगी, जिनके बदले उन्हें अन्य दिनों में वैकल्पिक अवकाश प्रदान किया जाएगा। इन वैकल्पिक अवकाशों का उद्देश्य डॉक्टरों के मानसिक स्वास्थ्य का संरक्षण करना तथा उन्हें पारिवारिक जीवन से जुड़े रहने का अवसर प्रदान करना है।यह आदेश नेशनल मेडिकल कमीशन द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप है। इसके बावजूद, देश के कई मेडिकल कॉलेजों में आज भी पीजी मेडिकल छात्रों को निर्धारित अवकाश नहीं दिए जा रहे, जिससे उन्हें मानसिक तनाव और व्यावसायिक थकावट झेलनी पड़ रही है।

यूडीएफ ने उठाया था मामला

यूडीएफ हरियाणा प्रदेशाध्यक्ष डॉ अमित व्यास के नेतृत्व में इस विषय को प्रमुखता से उठाया गया। संगठन ने इस मुद्दे पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉ कमल गुप्ता, तथा हिसार विधायक सावित्री देवी जिंदल से भेंट की, जिन्हें इस विषय पर सकारात्मक सहयोग मिला। इसके परिणामस्वरूप अब हरियाणा के मेडिकल कॉलेजों में यह अवकाश नीति लागू की जा रही है। यूडीएफ के चेयरपर्सन एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ लक्ष्य मित्तल ने इस उपलब्धि के लिए हरियाणा के समस्त रेजिडेंट डॉक्टरों को बधाई दी है। साथ ही, उन्होंने यूडीएफ हरियाणा टीम तथा प्रदेशाध्यक्ष डॉ अमित व्यास के सक्रिय प्रयासों की सराहना की।

अब यह मांग की

यूडीएफ ने मांग की है कि यह आदेश देश के सभी मेडिकल कॉलेजों में लागू किया जाए, साथ ही डॉक्टरों की ड्यूटी अवधि प्रति दिन 8 घंटे निर्धारित की जाए और इससे अधिक कार्य के एवज में अतिरिक्त अवकाश दिया जाए। डॉ मित्तल ने कहा, “डॉक्टर अपनी जान जोखिम में डालकर मानवता की सेवा करते हैं। यदि उनके साथ इंसानों जैसा व्यवहार नहीं होगा, तो यह पूरे समाज के लिए घातक सिद्ध होगा।”

https://vartahr.com/doctors-news-res…ak-model-dr-vyas/

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *