Dobhal
- -बीजिंग में दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधियों की बैठक में बनी सहमति
- -सीमा मामले के अलावा कई मुद्दों पर भी किया गया विचारों का आदान-प्रदान
- -एनएसए अजीत डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने की अहम बैठक
Dobhal : नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर भारत और चीन के बीच लंबे वक्त तक बने हुए विवाद की समाप्ति के बाद बुधवार को बीजिंग में दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधियों के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। जिसमें भारत का नेतृत्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने किया और चीन की तरफ से बैठक में विदेश मंत्री वांग यी शामिल हुए। विदेश मंत्रालय ने बैठक के बाद एक बयान जारी कर बताया कि विशेष प्रतिनिधियों ने अपनी वार्ता में इस बात के महत्व को रेखांकित किया कि सीमा के इलाकों में शांति और सौहार्द को बनाए रखने से दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने में काफी मदद मिलती है। सीमा के मसले पर दोनों के बीच सकारात्मक और रचनात्मकता बातचीत हुई। एलएसी पर जमीनी स्तर पर शांति बहाली की भी डोभाल और वांग यी ने वकालत की। बैठक में साझा हितों से जुड़े हुए भारत और चीन के द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी बातचीत की गई। इसके अलावा सीमा पार सहयोग, कैलाश मानसरोवर यात्रा की फिर से शुरुआत, सीमा पार नदी सहयोग और व्यापार के मामले पर विचारों का आदान-प्रदान किया गया। दोनों ने इस तथ्य को स्वीकार किया कि दोनों देशों के बीच स्थिर और बेहतर संबंध क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय शांति और समृद्धि के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। यहां बता दें कि दोनों देशों के बीच 2020 से कोरोना महामारी के समय से ही कैलाश मानसरोवर यात्रा पर रोक लगी हुई है।
अगली बैठक भारत में होगी
बैठक में दोनों ने सीमा मामले के समाधान के लिए एक निष्पक्ष, उचित और साझा स्वीकार्य तंत्र के लिए संपूर्ण संबंधों के परिदृश्य में राजनीतिक विचार के महत्व को लेकर प्रतिबद्धता जाहिर की। विशेष प्रतिनिधियों की अगली बैठक भारत में आयोजित किए जाने को लेकर दोनों ने सहमति प्रदान की। एनएसए ने चीन के विदेश मंत्री को इसके लिए भारत की यात्रा करने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने बैठक से इतर चीन के उप राष्ट्रपति हान झेंग से शिष्टाचार मुलाकात की।
विवाद से सीख लेते हुए कायम होगी सीमा पर शांति
मंत्रालय ने बताया कि अपनी बातचीत के दौरान 2020 के विवाद से सीख लेते हुए दोनों विशेष प्रतिनिधियों ने सीमा पर शांति और सौहार्द कायम करने के उपायों पर मंथन किया और प्रभावी सीमा प्रबंधन पर भी जोर दिया। साथ ही इसकी प्राप्ति के लिए दोनों ने सैन्य और कूटनीतिक तंत्र के मार्गदर्शन का प्रयोग करने पर सहमति जताई। यह बैठक एलएसी विवाद की समाप्ति की भारत द्वारा 21 अक्टूबर 2024 को की गई घोषणा के बाद रूस के कजान शहर में दोनों देशों के राष्ट्रध्यक्षों के बीच हुई पहली द्विपक्षीय बैठक में बनी सहमति के आधार पर हुई। 2020 में हुए सीमा विवाद के खत्म होने के बाद हुई विशेष प्रतिनिधियों की यह पहली बैठक थी।
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