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- पाकिस्तान, अफगानिस्तान और श्रीलंका के बड़े नेताओं ने भी छोड़े देश
Desh news : अक्सर देश में कोई भी बड़ा विरोध होने पर पीएम या राष्ट्रपति जैसे बड़े ओहदेदार देश छोड़कर भाग जाते हैं हैं। हाल ही में ऐसा बांग्लादेश में भी हुआ है। जहां दो महीने से जारी छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बाद पीएम शेख हसीना को परिवार के साथ देश छोड़ना पड़ा है। ऐसा अकेला बांग्लादेश ही नहीं है जहां पीएम को देश छोड़ना पड़ा हो इससे पहले भी कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों को देश छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा था। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना इस समय भारत में हैं। ऐसा नहीं है कि शेख हसीना पहली नेता हों जो देश छोड़कर भागी हों। इसके पूर्व भी विश्व इतिहास में ऐसी कई राजनीतिक उथल-पुथल की घटनाएं हुई हैं, जिसमें कई वैश्विक नेताओं को अपना देश छोड़ने के लिए मजबूर होकर भागना पड़ा। इस रिपोर्ट में हम आपको बताएंगे ऐसी की कुछ घटनाओं के बारे में जिसमें कई देशों के नेता विरोध के कारण देश छोड़ने पर मजबूर हुए।
शेख हसीना (बांग्लादेश)
बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण के मुद्दे पर लाखों छात्रों ने महीनों तक हिंसक विरोध-प्रदर्शन किया। छात्र आंदोलन को और भी ज्यादा उग्र होते देख अंत में शेख हसीना को बांग्लादेश के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ा और भारत में शरण ली। हालांकि, भारत हसीना का आखिरी पड़ाव नहीं है। उन्होंने ब्रिटेन और फिनलैंड से भी राजनीतिक शरण मांगी है।
परवेज मुशर्रफ, (पाकिस्तान)
2001 से 2008 तक पाकिस्तान के सैन्य तानाशाह और राष्ट्रपति रहे जनरल परवेज मुशर्रफ का नाम भी उन नेताओं में शामिल है जिन्हें देश में उछल-पुथल के बीच अपना देश छोड़कर भागना पड़ा। मुशर्रफ 1999 में सैन्य तख्तापलट के जरिए तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को हटाकर सत्ता में आए थे। महाभियोग की कार्यवाही से बचने के लिए मुशर्रफ ने 2008 में राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया और पाकिस्तान छोड़कर भाग गए।
गोटाबाया राजपक्षे (श्रीलंका)
श्रीलंका में भी 2019 में आर्थिक तंगी आई, जिससे वहां के लोग सड़कों पर उतर आए। देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन होने लगे। विरोध-प्रदर्शनों को उग्र होता देख गोटबाया राजपक्षे ने अपना आधिकारिक आवास छोड़ दिया। राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देकर मालदीव और सिंगापुर में शरण ली। हालांकि, राजपक्षे बाद में हालात सामान्य होने पर श्रीलंका लौट आए।
अशरफ गनी (अफगानिस्तान)
अशरफ गनी सितंबर 2014 से अगस्त 2021 तक अफगानिस्तान के राष्ट्रपति रहे। मगर, साल 2021 में चरमपंथी तालिबान के भारी दबाव में उन्होंने अपनी जान बचाते हुए पद से इस्तीफा दे दिया। गनी अफगानिस्तान छोड़ने के बाद पहले ताजिकिस्तान भागे और फिर संयुक्त अरब अमीरात के अबू धाबी चले गए। बाद में यूएई ने शरण ली।
एरिस्टाइड (हैती)
कैरेबियन देश हैती के राष्ट्रपति जीन-बर्ट्रेंड एरिस्टाइड को भी देश में मचे उथल-पुथल भरे माहौल के बीच निर्वासन का सामना करना पड़ा। साल 1991 में एरिस्टाइड पहली बार राष्ट्रपति बने थे, लेकिन बाद में उन्हें सैन्य तख्तापलट में उखाड़ फेंका गया और वे अमेरिका भाग गए। हालांकि, 1994 में अमेरिका के हस्तक्षेप के बाद उन्हें सत्ता में वापस लाया गया।
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