Defence
- सेना, वायुसेना और नौसेना में बढ़ेगी एकजुटता, सुनिश्चित होगी कमांड दक्षता
- -एक अधिकारी तीनों सेनाओं के जवानों पर ले सकेगा एक्शन
- – देश में इंटर सर्विस ऑर्गेनाइजेशन नियम लागू
- – केंद्र सरकार ने जारी की अधिसूचना
- – दो साल पहले संसद में पास हुआ था बिल
- – नए कानून के तहत एक कमांडर इन चीफ की नियुक्ति होगी
- – यह कमांडर सैनिकों को कंट्रोल करने और कार्रवाई करने में सक्षम होगा
Defence : नई दिल्ली। पाकिस्तान के साथ जारी तनाव के बीच केंद्र सरकार ने थियेटर कमांड (सेना, वायुसेना, नौसेना की संयुक्त कमांड) के गठन की प्रारंभिक कवायद से जुड़े अंतर सेवा संगठन (कमांड, नियंत्रण और अनुशासन) अधिनियम-2023 के तहत तैयार किए गए नियमों को राजपत्र में अधिसूचित कर दिया है। जो कि बीते मंगलवार (27 मई) से प्रभावी होंगे। इसके पीछे उद्देश्य अंतर-सेवा-संगठनों (आईएसओ) की प्रभावी कमान, नियंत्रण और कुशल कार्यप्रणाली को बढ़ावा देने के अलावा सशस्त्र सेनाओं के बीच एकजुटता व कमांड दक्षता सुनिश्चित किया जाना है। रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान जारी कर यह जानकारी दी। गौरतलब है कि यह नियम सेना, वायुसेना और नौसेना की संयुक्त थियेटर कमांड का गठन हो जाने पर काफी मददगार साबित होंगे। वर्तमान में यह कानून और नियम सशस्त्र सेनाओं की अंडमान-निकोबार स्थित त्रि-स्तरीय कमांड से लेकर अंतर सेवा संगठन के रूप में कार्य कर रहे तमाम सैन्य संगठनों, प्रतिष्ठानों पर लागू होंगे। मंत्रालय ने कहा, नियमों की अधिसूचना के साथ ही यह अधिनियम अब पूरी तरह से लागू हो गया है। जिससे आईएसओ के प्रमुखों को अधिकार प्राप्त होंगे, अनुशासनात्मक मामलों का शीघ्र निपटारा संभव हो सकेगा और कार्यवाही के दोहराव से बचने में मदद मिलेगी।
अधिनियम 10 मई 2024 से लागू हुआ
मंत्रालय ने बताया कि अंतर सेवा संगठन अधिनियम-2023 को संसद के मॉनसून सत्र के दौरान दोनों सदनों (लोकसभा, राज्यसभा) द्वारा पारित किया गया था। इसके बाद उसी वर्ष 15 अगस्त 2023 को राष्ट्रपति ने इसे अपनी मंजूरी प्रदान की। फिर इसके अगले साल 8 मई 2024 को राजपत्र अधिसूचना से यह अधिनियम 10 मई 2024 से लागू हो गया। इसके बाद आईएसओ को 27 दिसंबर 2024 के राजपत्र अधिसूचना संख्या एसआरओ 72 के जरिए अधिसूचित किया गया।
वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों की बढ़ेगी शक्ति
अधिनियम के जरिए अंतर सेवा संगठनों के कमांडर-इन-चीफ और ऑफिसर-इन-कमांड को अपने अधीन सेवारत कर्मियों पर नियंत्रण करने का पूर्ण अधिकार मिलेगा। जिससे संगठनों के अंदर अनुशासन और प्रशासन सुनिश्चित होता है। अधिनियम की एक खास बात यह है कि इसके जरिए सशस्त्र बलों की प्रत्येक शाखा पर लागू विशिष्ट सेवा शर्तों में बिना किसी बदलाव के यह लागू होगा। मंत्रालय ने कहा कि अधिनियम की धारा-11 के अंतर्गत तैयार किए गए नए अधिसूचित अधीनस्थ नियमों का उद्देश्य कानून में तय किए गए प्रावधानों के प्रभावी कार्यान्वयन को सुगम बनाना है। यह नियम आईएसओ के कामकाज के लिए महत्वपूर्ण हैं और अनुशासन, प्रशासनिक नियंत्रण और परिचालन तालमेल के लिए एक व्यापक ढांचा स्थापित करते हैं।
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