Court
- साढ़े तीन साल की बच्ची की रेप के बाद की थी हत्या
- फास्ट ट्रैक कोर्ट ने दो दोषियों को सुनाई सजा
- 9 महीने पहले की थी दरिंगी
Court : फतेहाबाद। टोहाना के ग्रामीण इलाके में 9 माह पहले साढ़े तीन साल की बच्ची के साथ दरिंदगी कर उसकी हत्या करने वाले दो दरिंदों को जज अमित गर्ग की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। दोषियों के नाम गांव लालुवाल निवासी मुकेश और कानाखेड़ा निवासी सतीश हैं। दोषियों पर आरोप 7 माह पहले ही तय हुए थे। न्यायाधीश अमित गर्ग ने दोनों को फांसी की सजा के अलावा 1. 75 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। बता दें कि दरिंदगी का शिकार हुई मासूम ने 9 दिन तक जिंदगी की जंग लड़ते हुए रोहतक पीजीआई में दम तोड़ दिया था। बच्ची को प्रवासी मजदूर पिता के जानकार दो लोग आधी रात को घर से उठाकर ले गए थे और रेप के बाद उसकी हत्या कर दी थी।
यह था मामला
मानवता को शर्मशार करने वाली यह घटना 29 जून 2024 की रात को घटित हुई थी। बच्ची की गंभीर हालात को देखते हुए 30 जून को बच्ची को पीजीआई रोहतक में दाखिल करवाया गया था। जिला न्यायवादी देवेन्द्र मित्तल व अरूण बंसल ने बताया कि यह केस चिन्हित अपराध की श्रेणी में आता था। इस केस की पैरवी तत्कालीन डिप्टी डीए ओमप्रकाश बिश्नोई ने की। मासूम बच्ची के माता-पिता मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। वे 2 माह पहले टोहाना के पास स्थित एक गांव में खेत मजदूरी करने के लिए आए थे। यहां एक जमींदार के खेत में वह रह रहे हैं। 29 जून को 3 युवक मुकेश, सतीश और शंभू उनके घर आए थे। वे आधी रात को बच्ची को उठाकर ले गए और रेप किया इसके बाद उसे जाखल रोड पर लहूलुहान हालत में छोड़ गए। नौ दिन बाद बच्ची की मौत हो गई थी।
एसपी ने किया था एसआई शकुंतला को सस्पेंड
इस भयावह वारदात के बाद पुलिस अधीक्षक आस्था मोदी ने इसे गंभीर मानते हुए तुरंत एक्शन लिया। एसपी स्वयं मौके पर गई और पूरे घटनाक्रम का जायजा लिया। इस मामले में समय पर न पहुंच पाने पर महिला पुलिस उपनिरीक्षक शकुंतला को एसपी आस्था मोदी ने सस्पेंड कर दिया था। एसपी का कहना था कि इस मामले में घटना वाले दिन जांच अधिकारी के साथ सब इंस्पेक्टर शकुंतला ने जाने में देरी की, इसलिए उसे सस्पेंड किया गया।