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Congress : बगावत का डर, कांग्रेस ने सूची तीन दिन लटकाई

भूपेंद्र सिंह हुड्डा, रणदीप सुरजेवाला और कुमारी सैलजा।भूपेंद्र सिंह हुड्डा, रणदीप सुरजेवाला और कुमारी सैलजा।

Congress

  • 90 सीटों पर लगभग 3000 से अधिक आवेदन
  • लागातार फूंक फूंक कर कदम रख रही कांग्रेस आलाकमान
  • कही भाजपा जैसा हस्र न हो जाए कांग्रेस पार्टी का

Congress : रोहतक। भाजपा ने बुधवार रात को जैसे ही अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की तो पार्टी में भगदड़ मच गई। पार्टी के मंत्री, विधायक, पदाधिकारियों ने इस्तीफ पर इस्तीफे पर देने शुरू कर दिए। बुधवार रात करीब 8 बजे भाजपा की सूची जारी हुई। इसके बाद पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं में बगावती सुन दिखाई देने लगे। आधी रात तक भाजपा प्रदेशअध्यक्ष और सीएम के पास इस्तीफों का ढेर लग गया। यह सिलसिला बृहस्पतिवार को भी जारी रहा। सूत्रों के अनुसार अब तक भाजपा के करीब 32 बड़े नेता पार्टी से इस्तीफा दे चुके हैं।  कई तो दूसरी पार्टी की गोद में जा बैठे। अनुशासित मानी जाने वाली भाजपा में बगावत का ऐसा मंजर देखकर कांग्रेस पार्टी भी डर गई है। कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की सूची को तीन दिन और लटका दिया है। बता दें कि कांग्रेस के पास 90 सीटों के लिए करीब 3000 आवेदन आए हैं। ये ही कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी बनी हुई है।

नामांकन प्रक्रिया शुरू

कांग्रेस में हालात ये हैं कि नीलोखेड़ी सीट से तो 88 नेताओं ने आवेदन किया है। इंद्री विधानसभा के लिए 41 नेताओं ने नाम भेजा है। इसी तरह शाहबाद सीट पर चुनव लड़ने के लिए 56 नेताओं ने आवेदन किया है। लगभग सभी विधानसभाओं में यही हालत है। भाजपा नेताओं की बगावत से सकते में आई कांग्रेस ने अपनी सूची तीन दिन और लटका दी है। नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई चुकी है और संभावना थी कि बृहस्पतिवार रात तक कांग्रेस की पहली लिस्ट आ जाएगी, लेकिन अब कांग्रेस की लिस्ट के लिए इंतजार तीन दिन और बढ़ गया है। फिलहाल हरियाणा में राजनीितक उठापटक का दौर जारी है।

इन सीटों पर  खतरा

ऐसी कई विधानसभाएं हैं जिन पर टिकट लेने के लिए आवेदन करने वालों संख्या बहुत ज्यादा है। पंचकूला विधानसभा के लिए 29 नेताओं, अंबाला सिटी के लिए 37, मुलाना के लिए 46, जगाधरी के लिए 23, यमुनानगर के लिए 41, पेहवा सीट पर 33, गुहला विधानसभा के लिए 45, घरौंडा सीट के लिए 40, पानीपत ग्रामीण के लिए 54, खरखौदा के लिए 54, जुलाना के लिए 86, उकलाना के लिए 57, बरवाला के लिए 55, बाड्ढा विस के लिए 60, बवानी खेड़ा विधानसभा के लिए 78 नेताओं ने टिकट के लिए आवेदन कर रखा है। इसी तरह भूपेंद्र सिंह हुड्डा के गुह जिले रोहतक में भी हालत ऐसे ही हैं। रोहतक जिले की कलानौर सीट के लिए 55 नेताओं ने कांग्रेस का टिकट मांगा है। दक्षित हरियाणा की कई विधानसभाओं में एक-एक सीट पर 50 से ज्यादा नेता टिकट मांग रहे हैं। एक मात्र गढ़ी-सांपला-किलोई विधानसभा ऐसी है जहां से सिर्फ भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अकेले आवेदन किया है।

बैलेंस बनाने में जुटा हाईकमान

इतने उम्मीदवारों में से हर सीट पर किसी एक को ही टिकट मिल सकता है और जिन उम्मीदवारों को टिकट नहीं मिला, वो बागी होकर कांग्रेस छोड़ भी सकते हैं, और पार्टी के विरोध में काम भी कर सकते हैं। इसी डर के कारण कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया उम्मीदवारों की घोषणा करने में देर कर रहे हैं। एक बात ये भी है कि कांग्रेस ने भविष्य देखते हुए, पहले ही भाजपा के नेताओं की नाराजगी का माहौल बनाना शुरू कर दिया, जिससे जब कुछ दिनों बाद टिकटों की सूची जारी करने पर जो भगदड़ होगी उसे बैलेंस कर लिया जाए।

हुड्डा-सैलजा की गुटबाजी के कारण फैसला नहीं

उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी होने के बाद नेताओं की बगावत का अंदेशा भाजपा को पहले से ही हो गया था। लेकिन भाजपा ने हिम्मत दिखाई और यहां भी कांग्रेस पर बीस साबित हुई। टिकट बांटने के मामले में भी कांग्रेस को पीछे छोड़ते हुए भाजपा ने 67 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए। कांग्रेस के अंदरूनी लोगों की माने तो कांग्रेस पार्टी में हुड्डा और सेलजा की गुटबाजी के कारण पार्टी इस मसले पर दूर-दूर तक किसी अंतिम फैसले पर पहुंचती दिखाई नहीं दे रही। वहीं दूसरी ओर भाजपा ने हमेशा की तरह एक कदम आगे रहते हुए अधिकतर सीटों पर अपने उम्मीदवारों की फौज खड़ी कर दी है।

कांग्रेस और आप में सीटों को लेकर नहीं बनी सहमति

वहीं हरियाणा विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन सीट बंटवारे को लेकर उलझ गया है। हरियाणा में गठबंधन की स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है। सीट बंटवारे को लेकर आप के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा और कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया के बीच दो दौर की बैठक में सहमति नहीं बन पाई।

आप भी मांग रही दस सीटें

बता दें कि हरियाणा में आम आदमी पार्टी कांग्रेस से 10 सीटें मांग रही है। वहीं कांग्रेस ने पहले 5 सीटे ऑफर की थी, उसके बाद 7 दे रहे हैं, लेकिन आप अभी भी 10 सीटों पर अड़ी हुई है। उनका कहना है कि लोकसभा चुनाव में सीट बंटवारे को देखें तो हरियाणा में कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट आम आदमी पार्टी के खाते में आई थी। कुरुक्षेत्र लोकसभा क्षेत्र में 9 विधानसभा की सीटें हैं, ऐसे में आम आदमी पार्टी को कम से 10 सीटें मिलनी चाहिए।  इस गठबंधन से पहले ही हरियाणा कांग्रेस लीडरशिप खुश नहीं है। ऐसे में यह गठबंधन अब पशोपेश में फंस गया है। क्योंकि सूबे की सियासी फिजा पक्ष में देखते हुए कांग्रेस ज्यादा से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। वहीं आप के अलावा इस गठबंधन में समाजवादी पार्टी और कम्युनिस्ट पार्टी भी है। कांग्रेस चाहती है कि 10 सीटों के अंदर सभी तीनों पार्टियों को सीट बंटवारे में निपटाया जाए।

https://vartahr.com/congress-fearing…t-for-three-days/

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