CAG raised
- सीएजी रिपोर्ट में खुलासा, 98 परियोजनाओ की लागत दो गुणा बढ़ी
- अधिकारियों की कार्यप्रणाली भी सवालों के घेरे में
CAG raised : चंडीगढ़। 2014 में प्रदेश की सत्ता में आई भापजा सरकार शुरू से भष्ट्राचार मुक्त प्रशासन व पारदर्शिता का दावा करती आ रही है। इसी सरकार के कार्यकाल में 2019 से 2022 तक विकास कार्यों की लागत 500 गुणा तक बढ़ गई है। इतना ही नहीं 14 विभाग की 98 विकास परियोजनाओं की लागत दो गुणा तक बढ़ गई। इतना ही नहीं इन मामलों में सरकार की वसूली की प्रक्रिया भी धीमी है। जिससे अधिकारियों के साथ सरकार की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक कैग ने सदन में रखी गई रिपोर्ट में , 11 विभागों, स्वायत्त निकायों और सार्वजनिक उपक्रमों में जांचे 98 कार्यों की लागत मूल अनुबंध राशि से 50% से लेकर 500% से अधिक तक बढ़ा दी गई है।
ऐसे समझें 98 कार्यों में क्या हुआ
वृद्धि की सीमा मूल अनुबंध राशि बढ़ी हुई राशि
50% तक (40 कार्य) ₹210.89 करोड़ ₹280.03 करोड़
50–100% (27 कार्य) ₹783.97 करोड़ ₹1,307.96 करोड़
100–500% (27 कार्य) ₹132.99 करोड़ ₹350.81 करोड़
500% से अधिक (4 कार्य) ₹6.68 करोड़ ₹58.48 करोड़
कुल जिन कार्यों को ₹1,134.53 करोड़ की लागत से स्वीकृत किया था, वे ₹1,997.28 करोड़ में पूर्ण हुए।
सीएजी ने क्या कहा: हरियाणा लोक निर्माण विभाग की कोड के अनुसार, किसी परियोजना की लागत 10% से अधिक बढ़ने पर नवीन प्रशासकीय स्वीकृति लेना आवश्यक होता है। लेकिन कई मामलों में इसे पूरी तरह नजरअंदाज किया गया।
मुख्य अभियंता, पीडब्ल्यूडी (बीएडंआर) का कार्यालय बिना संशोधित विस्तृत अनुमान और अनुमोदन के ही भुगतान जारी करता रहा।
उदाहरण:
1. अंबाला छावनी स्टेडियम उन्नयन
स्वीकृति: 45.58 करोड़
अनुबंध राशि: 40.49 करोड़ (2017, 24 माह की अवधि)
भुगतान: 114.03 करोड़ (मई 2021 तक), कार्य अभी तक अधूरा
अभियंताओं की रिपोर्ट: 65.38 करोड़ अनावश्यक रूप से अधिक भुगतान, बिना उच्च अधिकारियों की अनुमति के।
2. एनसीसी अकादमी, घरौंडा (करनाल)
अनुबंध राशि: 17.91 करोड़
भुगतान: 42.17 करोड़ (सितंबर 2020 तक)
कार्य रुका हुआ; साइट का समुचित मूल्यांकन नहीं हुआ जिससे लागत बढ़ी।
3. कल्पना चावला मेडिकल यूनिवर्सिटी (करनाल) की सीमा दीवार
अनुबंध राशि: 21.66 करोड़
अंतिम लागत: 36.96 करोड़
ये तीनों कार्य एक ही ठेकेदार को दिए गए थे।
उल्लेखनीय कार्य:
4. युद्ध स्मारक, अंबाला
प्रारंभिक अनुबंध: 189.41 करोड़ (जून 2018)
संशोधित राशि: 362.56 करोड़ (91.42% वृद्धि)
5. जन स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के कार्य
कुछ निविदाएँ एक लाख से कम रखीं ताकि ई-टेंडरिंग से बचा जा सके, बाद में लागत बढ़ा दी गई।
5 कार्य: 77.89 करोड़, 178.13 करोड़
14 कार्य: 108.91 करोड़, 255.70 करोड़ (अनुमोदन के बिना भुगतान)
ठेकेदारों को अनुचित लाभ देने के आरोप
सीएजी की रिपोर्ट में पाया कि ठेकेदारों को 73.73 करोड़ का अनुचित लाभ दिया गया गैर-अनुसूचित मदों पर अधिक दरें देकर। इनमें से सिर्फ 6.64 करोड़ की ही वसूली अब तक हो सकी है।
निष्कर्ष:
98 परियोजनाओं में गंभीर लागत वृद्धि, नियमों की अनदेखी।
पीडब्ल्यूडी कोड के उल्लंघन और अधिकारियों की लापरवाही उजागर।
सरकार द्वारा अभी तक बहुत ही कम राशि की वसूली की गई है।
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