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Bastar : महानगरों की चकाचौंध में खो गईं 211 नाबालिग-महिलाएं !

बस्तर का एसपी ऑफिस।बस्तर का एसपी ऑफिस।

Bastar

  • परिजनों की डांट, शादी के प्रलोभन के बाद हो गई गुम
  • बस्तर पुलिस ने गुम हुई महिलाओं व नाबालिगों को बरामद किया

Bastar : बस्तर जिले में 7 माह में मोबाइल पकड़ने पर परिजनों की डांट, युवकों के बहलाने व शादी का प्रलोभन तथा महानगरों की चकाचौंध से घूमने निकली 211 महिलाएं और नाबालिग घर छोड़कर चली गई थीं। बस्तर पुलिस द्वारा विशेष अभियान चलाते हुए अधिकांश गुम महिलाओं व नाबालिग बच्चों को बरामद कर परिजनों को सुपुर्द करने में कामयाब रही। अकेले शहरी थाना बोधघाट की बात करें तो यहां पिछले सात माह में 21 नाबालिग घर छोड़कर चली गई थी। इनमें 20 को बरामद करने में पुलिस को सफलता मिल चुकी है, जबकि एक की तलाश में पुलिस टीम आंध्रप्रदेश रवाना किया गया है। गुम नाबालिग व महिलाओं की बरामदगी के लिए पुलिस व सायबर टीम की अहम भूमिका रही। जिन्होंने सात अलग राज्यों से गुम बालिका व महिलाओं को सकुशल बरामद कर लिया है।

गुम 21 नाबालिगों में 20 की बरामदगी

बोधघाट थाना की बात करें तो थाना क्षेत्र से पिछले सात माह के अंतराल में 21 नाबालिगों के अपहरण का मामला दर्ज किया गया था। इनमें 20 को बरामद करने में पुलिस को सफलता मिली है, जिन्हें परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है। वहीं कुछ मामलों में शादी का प्रलोभन देकर नाबालिगों को अगवा करने वाले आरोपियों को जेल की सलाखों के पीछे भेजा गया है। बोधघाट थाना के निरीक्षक लीलाधर राठौर ने बताया कि इन सात माह में थाना क्षेत्र से 21 नाबालिग बालिकाएं गुम हुई थी। इन्हें खोजने के लिए एसपी शलभ कुमार सिन्हा के निर्देश पर विशेष अभियान चलाकर बरामद किया जा चुका है।

आठ राज्यों में भेजी गई थी टीम

जनवरी 2024 से 31 जुलाई तक जिले से कुल 55 बालिका व 156 महिलाओं के गुम होने की रिपोर्ट परिजनों द्वारा दर्ज कराई गई थी। इनमें 46 बालिका व 122 महिलाओं को बरामद कर लिया गया है। इन गुम बालिकाओं व महिलाओं को पुलिस टीम द्वारा सायबर सेल की मदद से खोजने के लिए छग के अलग अलग जिलों के अलावा ओडिशा, बिहार, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडू, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, आंध्रप्रदेश, तेलगांना समेत आठ राज्यों में टीम भेजी गई थी, जहां से उन्हें सकुशल बरामद किया गया।

नाबालिगों के घर छोड़ने की कहानी भी अलग-अलग

पिछले सात माह में जिले से गुम हुई नाबालिगों के घर छोड़ने की कहानी भी अलग अलग है। अधिकांश नाबालिगों ने माता पिता द्वारा मोबाइल पकड़ने पर डांटने को लेकर घर छोड़ कर चली गई थी। वहीं कुछ नाबालिगों ने हॉस्टल में मन नहीं लगने से परेशान होकर तो कुछ ने घर वालों से नाराज होकर, 10 वीं का पेपर खराब होने से, शादी के झांसे के चलते, दोस्तों के साथ घुमने जैसी छोटी छोटी बात से घर छोड़कर चले गए थे। जिन्हें काफी मशक्कत के बाद बरामद किया गया।

गुमने की शिकायत पर तत्काल एफआईआर

नाबालिग व महिलाओं के गुम होने के मामले पर जिले के सभी थानों को तत्काल एफआईआर करने व प्रमुखता से उन्हें खोजने के निर्देश थाना प्रभारियों व सायबर टीम को दिया गया है। यही वजह है कि गुम मामलों में लगातार पुलिस को सफलता मिल रही है। वहीं समय समय पर पीएचक्यू के निर्देश पर आपरेशन मुस्कान चलाया जाता है, जिसमें बच्चों की बरामदगी के लिए विशेष अभियान चलाया जाता है और हमारा प्रयास होता है कि अधिक से अधिक बरामदगी कर ली जाए।
-शलभ कुमार सिन्हा, एसपी, बस्तर

https://vartahr.com/bastar-211-minor…ur-of-metropolis/

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