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Chunav : छग, मप्र समेत 12 राज्यों और केंद्रशासित राज्यों में होगा एसआईआर

Chunav

  • मतदाता सूची होगी 1 जनवरी 2026 की स्थिति पर आधारित
  • मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने औपचारिक एलान किया
  • असम में भी 2026 में विस चुनाव होने हैं

नई दिल्ली। निर्वाचन आयोग ने 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की। यह पुनरीक्षण 1 जनवरी 2026 को पात्रता तिथि मानकर किया जाएगा। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए इसका औपचारिक एलान किया। जिन राज्यों में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं और ऐसे सभी राज्यों को एसआईआर की परियोजना में शामिल किया गया। मगर, असम को छोड़ दिया गया। असम में भी 2026 में विस चुनाव होने हैं। इस सवाल के जवाब में बताया गया की चुनाव से एसआईआर का कोई लेना देना नहीं। विशेष पुनरीक्षण में उन राज्यों को किया गया है जिनमें 2005 या इससे पहले एसआईआर नहीं हुआ। असम में चूँकि वर्ष 2005 में एसआईआर हुआ है। साथ ही असम में हाल के वर्षों में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और उससे संबंधित वेरिफिकेशन बेस्ड वोटर रोल रिविजन पहले ही संपन्न हो चुका है। इस वजह से आयोग ने यह माना कि वहाँ अभी किसी “विशेष गहन पुनरीक्षण” की तात्कालिक आवश्यकता नहीं है।

इन राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में होगी विशेष पुनरीक्षण प्रक्रिया

अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल। आयोग ने सूचना दी कि इस वर्ष के अंत से देश के 12 राज्यों तथा केंद्र-शासित प्रदेशों में मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया संचालित की जाएगी। एसआईआर प्रक्रिया के लिए तैयार समय-सारिणी (प्रारंभ, एन्युमेरेशन, दावे-आपत्तियाँ, अंतिम सूची) आयोग द्वारा सार्वजनिक की गई है। अगले चरण में शामिल राज्यों/केन्द्रीय प्रदेशों की सूची जारी की गई इनमें उत्तरप्रदेश और वेस्ट बंगाल भी शामिल हैं। आयोग ने यह स्पष्ट किया कि आधार कार्ड नागरिकता या स्थायी निवास प्रमाण नहीं है, लेकिन पहचान प्रमाण के रूप में स्वीकार किया जा सकता है। आयोग ने कहा कि मतदाता-सूची में नाम दो-दो जगह होने का अर्थ नहीं है कि व्यक्ति दो बार मतदान कर सकता है; दायित्व यह है कि सिर्फ एक नाम पर मतदान हो।

ज्ञानेश कुमार, मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि किसी भी राज्य सरकार-विशेष दल के साथ आयोग की “संघर्ष” नहीं है, उनका फोकस नागरिकों को सही-सूची उपलब्ध कराना है।

घर-घर जाकर मतदाताओं की जानकारी एकत्र करेंगे

अधिकारी मतदान केंद्रों के बीएलओ घर-घर जाकर मतदाताओं की जानकारी एकत्र करेंगे। जिन व्यक्तियों के नाम ड्राफ्ट रोल में शामिल नहीं होंगे, उनकी सूची संबंधित पंचायत भवन, नगर निकाय कार्यालय एवं ब्लॉक कार्यालयों में प्रदर्शित की जाएगी। किसी भी मतदाता से एन्युमेरेशन फेज के दौरान कोई दस्तावेज़ नहीं लिया जाएगा।आयोग ने निर्देश दिया है कि सभी राज्यों के मुख्य सचिव यह सुनिश्चित करें कि निर्वाचन प्रक्रिया से जुड़े अधिकारी (जैसे सीईओ, डीईओ, ईआरओ, बीएलओ आदि) को आवश्यक संसाधन और जनशक्ति उपलब्ध कराई जाए। किसी भी पद को इस अवधि में रिक्त नहीं रहने दिया जाएगा और किसी अधिकारी का तबादला आयोग की पूर्व स्वीकृति के बिना नहीं किया जा सकेगा। आयोग ने राज्यों से यह भी कहा है कि वे नागरिकों को अपने नाम की जाँच के लिए वेबसाइट पर सुविधा उपलब्ध कराएँ।
इस बार संशोधित एन्युमरेशन फॉर्म और डिक्लेरेशन फॉर्म जारी किए गए हैं, जिनमें मतदाता का क्यूआर कोड, पूर्व फोटो, और आधार नंबर (वैकल्पिक) जैसे कॉलम शामिल होंगे। प्रत्येक बीएलओ को 30 फॉर्म-6 और डिक्लेरेशन फॉर्म्स साथ लेकर चलने होंगे ताकि नए मतदाताओं को मौके पर ही पंजीकरण की सुविधा दी जा सके।
महत्वपूर्ण तिथियाँ और कार्यक्रम

चरणकार्य तिथि

1. तैयारी, प्रशिक्षण एवं मुद्रण 28 अक्तूबर – 3 नवम्बर 2025
2. घर-घर गणना (एन्युमरेशन ) 4 नवम्बर – 4 दिसम्बर 2025
3. मतदान केंद्रों का पुनर्गठन 4 दिसम्बर 2025 तक
4. ड्राफ्ट रोल की तैयारी 5 दिसम्बर – 8 दिसम्बर 2025
5. प्रारंभिक मतदाता सूची का प्रकाशन 9 दिसम्बर 2025
6. दावे एवं आपत्तियाँ दाखिल करने की अवधि 9 दिसम्बर 2025 – 8 जनवरी 2026
7. नोटिस, सुनवाई एवं सत्यापन 9 दिसम्बर 2025 – 31 जनवरी 2026
8. मतदाता सूची की जाँच व अनुमोदन 3 फरवरी 2026 तक
9. अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन 7 फरवरी 20

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