ips suicide
- परिजन गिरफ्तारी और आरोपितों को बर्खास्तगी पर अड़े
- दलित समाज की ओर से 31 सदस्यों वाली कमेटी का गठन
- रविवार दोपहर में बुलाई महापंचायत, जिसमें लिया जाएगा अंतिम फैसला
- कईं राज्यों से बुलाए दलित समाज के नेता और संगठन
- आरोपितों को नौकरी से बाहर करने और कार्रवाई की मांग
चंडीगढ़। हरियाणा के आईजी वरिष्ठ आईपीएस अफसर वाई पूर्ण कुमार की आत्महत्या प्रकरण में पांचवें रोज भी कोई हल नहीं निकल सका है। चंडीगढ़ सेक्टर 24 स्थित मृतक पूर्ण कुमार की पत्नी आईएएस अमनीत पी कुमार के आवास पर राजनेताओं का तांता लगा रहा। पूरे प्रकरण में आरोपितों की नौकरी से बर्खास्तगी और गिरफ्तारी तक दलित संगठनों ने पोस्टमार्टम और संस्कार करने से इनकार कर दिया है। इसके साथ ही 31 सदस्यों की कमेटी का गठन कर दिया है, जिसने रविवार को चंडीगढ़ रविदास भवन में महापंचायत बुला ली है। इसमें राज्यों से लोगों को आमंत्रित किया गया है। दूसरी तरफ आईजी वाई पूर्ण कुमार के शव को 16 सेक्टर की मोर्चरी से पीजीआई में रेफर कर दिया गया है। चंडीगढ़ के आईजी ने मीडिया को बताया कि पीजीआई में बोर्ड के जरिये और वीडियोग्राफी, एक्सपर्ट की मौजूदगी में पोस्टमार्टम के लिए शिफ्ट किया है। लेकिन इस बात से आईएएस और उनकी धर्मपत्नी परिवार सहमत नहीं था। सभी ने बिना पूछे शव को शिफ्ट करने और पोस्टमार्टम की प्रक्रिया जैसी बात करने पर नाराजगी जाहिर करते हुए साफ कर दिया कि किसी भी तरह से साक्ष्यों से छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए। जिसके बाद में शव पीजीआई में रखा हुआ है। वहीं इस मामले में रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजारणिया का तबादला कर दिया गया है।
दलित मंत्री और कईं अफसर जुटे बातचीत में
पांचवें रोज भी राज्य की नायब सैनी सरकार की ओर से मंत्री कृष्ण पंवार को मामले का हल निकालने के लिए लगाया गया है। कईं घंटे सीपीएस सीएम राजेश खुल्लर इसका हल निकालने में जुटे रहे लेकिन परिवार डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक से बदले एसपी दोनों को तुरंत ही नौकरी से बर्खास्त करने व गिरफ्तारी की मांग पर अड़े हुए हैं। इस बीच परिवार की मांग और शव का पोस्टमार्टम नहीं होने के कारण डीजीपी को लंबे अवकाश पर भेजने के साथ ही प्रभार अन्य वरिष्ठ आईपीएस को दिए जाने की देर शाम तक तैयारी की जा रही है। हरियाणा सीएम के आवास, सचिवालय के नौवें फ्लोर पर चिंतन मंथन का दौर जारी है।
कार्यक्रमों में भी बदला, कैबिनेट टाली गई
आत्महत्या मामले में पांचवें दिन पोस्टमार्टम और संस्कार नहीं होने के कराण सरकार और अधिकारियों के हाथ पैर फूले हुए हैं। सभी चाहते हैं कि इसका कोई सर्वमान्य हल निकल आए। मुख्यमंत्री सैनी पूरे हालात पर नजर रखे हुए हैं। शनिवार को हरियाणा मंत्री समूह की बैठक टाल दी गई है। वहीं कईं अन्य कार्यक्रमों में भी बदलाव किया गया है। पूरे हालात पर पुलिस और सीआईडी अफसर, टीम नजरें रखे हुए हैं। वहीं उन्होंने पार्टी के दलित नेताओं और मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों को पोस्टमार्टम और संस्कार के लिए राजी करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यही कारण है कि लगातार मान मनौव्वल के प्रयास चल रहे हैं। खास बात यह है कि कोई भी प्रयास सिरे नहीं चढ़ रहा है। कैबिनेट मंत्री कृष्ण लाल पंवार और कृष्ण बेदी पूरे दिन वाई पूरन कुमार सरकारी आवास पर लगातार मौजूद रहे। उन्होंने उनकी आईएएस धर्मपत्नी अमनीत पी कुमार और उनके भाई विधायक अमित रतन से भी बातचीत की और न्याय दिलाने का बार-बार भरोसा दिलाया है। बताया जा रहा है कि इसके अलावा भी सरकार की ओर से कईं प्रकार के आश्वासन भी दिए लेकिन परिवार सहमत नहीं हुआ है। अहम बात यह है कि अब पूर पूरी तरह से दलित संगठनों ने मामले अपने हाथ में ले लिया है। राज्य के कईं जिलों से प्रदर्शन की खबरें हैं। सरकारी आवास के बाहर गाड़ियों का काफिला लगातार बढ़ रहा है, जिसके कारण लगातार ट्रैफिक पुलिस और अफसरों की ड्यूटी वहां रात दिन लगाई गई है। यहां पर बता दें कि अमनीत कुमार नागरिक उड्डयन विभाग और विदेश सहयोग विभाग में आयुक्त और सचिव हैं। उनके पति आईजी रैंक के अधिकारी थे।7 अक्टूबर को चंडीगढ़ के सेक्टर 11 स्थित निजी आवास पर आत्महत्या कर ली थी। खास बात यहां पर यह है कि राज्य की एसीएस होम. डा. श्रीमती सुमिता मिश्रा, मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर अन्य कईं अफसर अमनीत पी कुमार से लंबी बात कर चुके हैं, ताकि पति का पोस्टमार्टम हो सके। सरकार के वरिष्ठ मंत्री अनिल विज परिवार को सांत्वना देने पहुंचे और उन्होंने अमनीत कुमार के सिर पर हाथ रखकर सरकार की ओर से न्याय का भरोसा दिलाया और वे उनकी दोनों बेटियों से भी मिले।
परिवार को न्याय का भरोसा दिलाया
पूर्व मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ और पंडित रामबिलास शर्मा ने भी सरकार की ओर से परिवार को न्याय का भरोसा दिलाया। इस दौरान प्रशासनिक अधिकारियों की पूरे समय आवाजाही लगी रही। दलित अधिकारियों ने अलग से वाई पूरन कुमार के पक्ष में मोर्चा खोला हुआ है, जबकि कुछ अधिकारी वास्तव में चाहते हैं कि न्याय की लड़ाई पोस्टमार्टम और संस्कार के बाद भी लड़ी जा सकती है। चंडीगढ़ पुलिस महानिदेशक सागर प्रीत हुड्डा ने भी शनिवार को अमनीत पी कुमार से मुलाकात की। सागर प्रीत की बातचीत के बावजूद परिवार ने अभी तक दर्ज की गई एफआईइआर पर संतुष्टि नहीं जताई और परिवार एफआईआर में संशोधन की मांग पर अड़ा है।