Fatehabad
- अंतरजातीय प्रेम विवाह में 10 लाख रुपये की अवैध वसूली करने के लगे आरोप
- वाइस जांच के लिए एसआई दर्शन सिंह की बढ़ सकती हैं मुश्किलें
गांव ढाणी भोजराज में अंतरजातीय प्रेम विवाह के मामले में अवैध वसूली का ऑडियो वायरल होने के बाद एंटी करप्शन ब्यूरो हरकत में आ गई है। एसीबी ने कोर्ट का वारंट भेजकर डीएसपी के रीडर एसआई दर्शन सिंह को तलब किया है, ताकि उनका वाइस सैंपल लेकर वायरल ऑडियो के साथ जांच की जा सके। यदि सैंपल में वाइस का मिलान हो गया तो एसीबी रीडर को गिरफ्तार कर अपने साथ सिरसा ले जा सकती है। जिससे अब दर्शन सिंह की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं।
यह था मामला
एसीबी ने करीब दो माह पहले दर्शन सिंह और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया था। कोर्ट के आदेश पर एसआई दर्शन सिंह को पहले भी तीन बार सम्मन जारी किए जा चुके हैं। 27 अगस्त को उन्हें वॉयस सैंपलिंग को लेकर वारंट जारी हुए थे। जिसके बाद एसीबी वारंट पर रीडर दर्शन सिंह को अपने साथ सिरसा लेकर गई है। 31 जनवरी 2025 को गांव ढाणी भोजराज का 22 वर्षीय युवक सचिन एक 26 वर्षीय युवती रेनू के साथ घर से भाग गया था। दोनों ने 4 फरवरी को प्रेम विवाह कर लिया। युवक एससी व युवती सामान्य वर्ग से है। जिसके बाद युवक के परिवार का गांव में सामाजिक बहिष्कार कर दिया था। पुलिस ने 15 फरवरी को 9 लोगों को नामजद कर 50 अन्य के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट में केस दर्ज किया। डीएसपी जयपाल सिंह के दिशा निर्देश पर पुलिस ने पहले तीन दुकानदारों को हिरासत में लिया, जिससे नाराज ग्रामीणों ने सड़क जाम कर विरोध किया। लोगों की मांग पर डीएसपी जयपाल सिंह की जगह डीएसपी संजय बिश्नोई को जांच सौंपी गई। जिसमें कुछ लोगों ने जांच अधिकारी के साथ मध्यस्थता कर पूरे मामले को खारिज करवाने के लिए झूठी अफवाह फैलाने के नाम पर चौकीदार को मोहरा बना दिया।
ऑडियो से सामने आया अवैध वसूली का मामला
भूना निवासी नरेश सोनी के साथ कुछ समय पहले दर्शन सिंह की एक ऑडियो वायरल हुई थी। इस ऑडियो में ढाणी भोजराज गांव में अंतरजातीय प्रेम विवाह के मामले में 10 लाख रुपये की अवैध वसूली की बात कही जा रही थी। इसमें आरोप लगा कि यह राशि डीएसपी संजय बिश्नोई के लिए ली गई थी। इसी ऑडियो के आधार पर शिकायतें दर्ज हुई और जांच शुरू की गई।
व्हिसल ब्लोअर ने उठाया था मामला
भूना निवासी व्हिसल ब्लोअर नरेश सोनी ने इस पूरे मामले को उठाया। उन्होंने 13 मई को एसीबी को शिकायत भेजी, जिसमें आरोप लगाया कि एससी/एसटी एक्ट का डर दिखाकर गांव के लोगों से पैसे लिए गए। उन्होंने दावा किया कि गांव के 14 परिवारों से चंदा इकट्ठा कर 10 लाख रुपये डीएसपी को दिए गए। यहां तक कि रीडर दर्शन सिंह ने खुद साढ़े पांच लाख रुपये देने की बात स्वीकारी थी।
मानव अधिकार आयोग ने भी मांगा जवाब
शिकायतकर्ता नरेश सोनी का आरोप है कि पुलिस ने मामले की निष्पक्ष जांच नहीं की। उन्होंने दावा किया कि न तो सभी पक्षों के बयान लिए गए और न ही जांच अधिकारी गांव में आए। उन्होंने मानव अधिकार आयोग में भी शिकायत की। आयोग ने 1 सितंबर को हरियाणा के डीजीपी से 4 सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया है। शिकायतकर्ता ने बताया कि इस मामले में पहले डीएसपी संजय बिश्नोई को क्लीन चिट दी गई थी, लेकिन अब जांच प्रक्रिया पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। नरेश सोनी का कहना है कि क्लीन चिट पूर्व निर्धारित स्क्रिप्ट की तरह दी गई थी, ताकि दोषियों को बचाया जा सके।
एसीबी कर रही है तकनीकी जांच
सिरसा एसीबी टीम के प्रभारी इंस्पेक्टर सत्यवान शर्मा ने बताया कि दर्शन सिंह का वॉयस सैंपल लिया जाएगा। सैंपल रिपोर्ट आने के बाद अगली कार्रवाई की जाएगी।
फोटो कैप्शन
भूना। दर्शन सिंह की फाइल फोटो
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