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Haryana News : गुरुग्राम में कमीशन हुआ भारतीय नौसेना का नया बेस ‘आईएनएस अरावली’

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  • -नौसेनाप्रमुख बोले, बल को मिलने वाले प्रशासनिक और लॉजिस्टिक सहयोग में और अधिक इजाफा देखने को मिलेगा
  • -नौसेनाप्रमुख को बल के 50 कर्मियों द्वारा दिए गए गार्ड ऑफ आर्नर के साथ हुई
  • – जिसके बाद यूनिट के पहले कमांडिंग अधिकारी (सीओ) कैप्टन सचिन कुमार सिंह ने बेस के कमीशन वारंट का उच्चारण किया
  • – इस दौरान उन्होंने संस्कृत भाषा का भी प्रयोग किया। बेस के बैज का उद्घाटन नौसेनाप्रमुख की पत्नी शशि त्रिपाठी ने किया।

Haryana News : नई दिल्ली। दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में पड़ने वाले गुरुग्राम में भारतीय नौसेना को उसका नया बेस ‘आईएनएस अरावली’ मिल गया है। शुक्रवार को नौसेनाप्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी की उपस्थिति में इसे बल के बेड़े में आधिकारिक रूप से शामिल (कमीशन) किया गया। नौसेना ने एक बयान जारी कर बताया कि इस बाबत आयोजित किए गए एक समारोह की शुरुआत नौसेनाप्रमुख को बल के 50 कर्मियों द्वारा दिए गए गार्ड ऑफ आर्नर के साथ हुई। जिसके बाद यूनिट के पहले कमांडिंग अधिकारी (सीओ) कैप्टन सचिन कुमार सिंह ने बेस के कमीशन वारंट का उच्चारण किया। इस दौरान उन्होंने संस्कृत भाषा का भी प्रयोग किया। बेस के बैज का उद्घाटन नौसेनाप्रमुख की पत्नी श्रीमती शशि त्रिपाठी ने किया। इसके बाद नौसैन्य ध्वज को राष्ट्रीय गान के साथ बेस के ऊपर फहराया गया। समारोह में उप नौसेनाप्रमुख वाइस एडमिरल संजय वात्स्यायन, वाइस एडमिरल तरुण सोबती और बल के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

अरावली पर्वत श्रृंखला से लिया गया नाम

नौसेना ने कहा कि इस बेस का नाम क्षेत्र में पड़ने वाली अरावली पर्वत श्रृंखला के नाम पर रखा गया है। जिसकी मदद से नौसेना को सूचना और संचार केंद्रों को मदद प्रदान करने में आसानी होगी। जो बल के अहम कमांड, कंट्रोल और समुद्री क्षेत्र जागरूकता का महत्वपूर्ण हिस्सा है। बेस का आदर्श वाक्य ‘सामुद्रिकसुरक्षाया: सहयोगं’ है। जिसे आसान शब्दों में सहयोग से समुद्री सुरक्षा के रूप में समझा जा सकता है। बेस का शिखर मजबूत अरावली रेंज को प्रदर्शित करता है। इसके केंद्र में अरावली पर्वत का चित्र भी लगाया गया है।

प्रशासनिक, लॉजिस्टिक सहयोग बढ़ेगा

नौसेनाप्रमुख ने अपने संबोधन में कहा कि इस नए बेस की मदद से हमें मिलने वाले प्रशासनिक और लॉजिस्टिक सहयोग में इजाफा होगा। जिससे आवश्यकता पड़ने पर निर्बाध गति से नौसैन्य अभियानों का संचालन किया जा सकेगा। यह नया ठिकाना न केवल तकनीक का हब बनेगा। बल्कि यह हमारे प्लेटफार्म और समूचे महासागरीय क्षेत्र (आईओआर) में तमाम भागीदारों के बीच एक अहम संपर्क सूत्र का भी काम करेगा। उन्होंने कहा कि आईएनएस अरावली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महासागर विजन के साथ पूरी तरह से मेल खाता हुआ नजर आता है। जो भारत की हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में एक भरोसेमंद और प्रमुख सुरक्षा प्रदाता की भूमिका को भी और अधिक मजबूती प्रदान करता है। एडमिरल त्रिपाठी ने नए बेस की शुरुआत को लेकर इसके कमांडिंग अधिकारी और चालक दल के अन्य सदस्यों को बधाई दी। साथ ही उनसे नौसेना के ड्यूटी, सम्मान और साहस के मूल सिद्धांतों पर हमेशा खरा उतरने का आह्वान किया।

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