Delhi
- जल्द भारत लाया जाएगा केरल के बिनिल बाबू का पार्थिव शरीर, कोशिशें जारी।
- यह जानकारी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में पूछे गए प्रश्नों के जवाब में दी।
Delhi : नई दिल्ली। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भारत ने शुक्रवार को आधिकारिक रूप से बताया कि यूक्रेन के खिलाफ रूस की सशस्त्र सेनाओं की तरफ से लड़ रहे 12 भारतीय नागरिकों की मौत हो गई है। जबकि 16 लापता हैं। आज तक रूस की सेनाओं में शामिल कुल 126 मामले हमारे सामने आए हैं। इनमें से 96 लोग भारत वापस लौट चुके हैं। रूसी बलों की तरफ से इन्हें छुट्टी दे दी गई है। जबकि 18 भारतीय नागरिक बचे हुए हैं। जिनमें से 16 के बारे में हमारे पास कोई जानकारी नहीं है। रूस ने इन्हें लापता घोषित किया है। यह जानकारी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को राजधानी में आयोजित साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में पूछे गए सवालों के जवाब में दी। बताते चलें कि भारत का यह बयान बीते दिनों युद्धक्षेत्र में हुई केरल के एक भारतीय नागरिक बिनिल बाबू की मौत और एक अन्य जैन टी.बी के घायल होने के बाद रूसी सेना में बाकी बचे हुए सभी भारतीयों की जल्द रिहाई के साथ स्वदेश वापसी सुनिश्चित करने के लिए की गई ताजा अपील के बाद सामने आया है।
लापता लोगों के परिवारों के संपर्क में भारत
उन्होंने कहा कि भारत को रूसी प्राधिकारियों ने 16 भारतीयों के लापता होने के बारे में सूचित किया है। हम उनके साथ मिलकर इन लोगों के बारे में जानने की कोशिश कर रहे हैं। साथ ही हम 16 लापता लोगों में से कुछ के परिवारों के संपर्क में भी हैं। रूस की सेनाओं में सेवा दे रहे भारतीयों की जल्द रिहाई और स्वदेश वापसी की मांग के साथ भारत लगातार रूसी प्राधिकारियों के साथ संपर्क में बना हुआ है।
जल्द भारत आएगी बिनिल बाबू की पार्थिव देह
रणधीर ने कहा कि रूस में हुई केरल के रहने वाले भारतीय नागरिक बिनिल बाबू की मौत काफी दुर्भाग्यपूर्ण थी। हमने उनके परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट की थीं। भारतीय दूतावास बाबू की पार्थिव देह को जल्द से जल्द भारत लाने के लिए रूसी अधिकारियों के संपर्क में है। जबकि वहां घायल हुए एक अन्य भारतीय का मास्को के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है। हमारा दूतावास उनका कुशलक्षेम जानने के लिए संपर्क में है। हमें उम्मीद है कि उपचार पूरा होने के बाद घायल भारतीय नागरिक भी जल्द भारत लौटेंगे।
नागरिकता को लेकर जानकारी नहीं
मंत्रालय के प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि रूस में भारतीयों द्वारा नागरिकता के मामले पर हमें कोई जानकारी नहीं है। यह वो लोग हो सकते हैं जो वहां गए होंगे और फिर उन्होंने इस संबंध में कोई निर्णय लिया होगा। जिसकी फिलहाल हमें कोई जानकारी नहीं है।
मुद्दे पर मोदी-पुतिन कर चुके बातचीत
पिछले साल जुलाई महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी रूस यात्रा के दौरान राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ हुई बातचीत में रूस की सेनाओं में फंसे हुए भारतीयों की सुरक्षित भारत वापसी का मामला मजबूती के साथ उठाया था। इसके जवाब में रूस के राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री मोदी को व्यक्तिगत रूप से इस मुद्दे को देखने का आश्वासन दिया था। विदेश मंत्रालय ने पिछले साल 6 दिसंबर 2024 को संसद में बताया था कि रूस में अब तक 10 भारतीय नागरिकों की मौत हो चुकी है। इसमें उत्तर प्रदेश और गुजरात से क्रमश: दो-दो और हरियाणा, उत्तराखंड, पंजाब, ओडिशा, केरल और तेलंगाना से एक-एक व्यक्ति शामिल है। विदेश मंत्री डॉ.एस.जयशंकर भारतीयों के जानबूझकर मास्को की सेना में शामिल होने के लिए अनुबंध करने के रूस के दावे को पहले ही सिरे से खारिज कर चुके हैं। इसके जवाब में रूस मामले में क्रेमलिन के नेतृत्व वाली सरकार की किसी भी तरह की भूमिका को नकार चुका है। उसका कहना है कि रूस बीते वर्ष के मध्य से ही अपने सशस्त्र बलों में किसी विदेशी नागरिक की भर्ती पर रोक लगा चुका है।
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