Hockey
- हॉकी टीम के गोलकीपर श्रीजेश को कांस्य पदक के साथ विदाई
- श्रीजेश ओलंपिक से पहले ही कर चुके थे संन्यास का ऐलान
- 52 साल बाद हॉकी टीम ने लगातार दो ओलंपिक पदक जीते
- महान गोलकीपर श्रीजेश ने भी अंतरराष्ट्रीय हॉकी को अलविदा कह दिया।
- कप्तान हरमनप्रीत ने श्रीजेश को कंधे पर बिठाकर मैदान का चक्कर लगाया
Hockey : टोक्यो की कहानी को पेरिस ओलंपिक में दोहराते हुए भारतीय हॉकी टीम ने कप्तान हरमनप्रीत सिंह के दो गोल की मदद से स्पेन को 2.1 से हराकर देश के लिए और अपने सुनहरे कैरियर पर विराम लगाने वाले पीआर श्रीजेश के लिए कांस्य पदक जीता। जीत के बाद श्रीजेश को कंधे पर बिठाकर मैदान का चक्कर लगाने वाले कप्तान हरमनप्रीत सिंह के साथ टीवी के सामने नजरें गड़ाये बैठे करोड़ों भारतीयों की भी आंखें नम हो गई। ओलंपिक पदक के साथ विदा लेने वाले श्रीजेश जीत के बाद गोलपोस्ट के ऊपर जाकर बैठे तो अपने जज्बात पर काबू नहीं रख सके । इस जीत के साथ ही भारत के लिए 336 मैच खेलने वाले महान गोलकीपर श्रीजेश ने भी अंतरराष्ट्रीय हॉकी को अलविदा कह दिया। कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने (30वें, 33वें मिनट) जबकि स्पेन के लिये मार्क मिरालेस (18वां मिनट) ने गोल दागे। आठ बार की चैम्पियन भारतीय पुरूष हॉकी टीम का यह 13वां ओलंपिक पदक है और 52 साल बाद लगातार दो ओलंपिक में पदक जीते हैं। इससे पहले 1968 में मैक्सिको और 1972 में म्युनिख ओलंपिक में भारत ने कांस्य जीता था।
हॉकी इंडिया देगी नकद इनाम
हॉकी इंडिया ने कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय टीम के प्रत्येक सदस्य को 15 लाख और सहयोगी स्टाफ को 7.5 लाख रुपये नकद इनाम देने का ऐलान किया है। यह भारत का ओलंपिक हॉकी में 13वां पदक था। हॉकी इंडिया ने सोशल मीडिया पोस्ट में यह ऐलान किया।
खिलाड़ियों के परिवारों ने मनाई दीवाली
-पेरिस के युवेस डु मनोइर स्टेडियम हूटर बजते ही भारतीय हॉकी टीम कांस्य पदक जीतने से भारत में बैठे खिलाड़ियों के परिवारों में भावनाओं का सैलाब उबरने लगा और खुशी की लहर दौड़ गई। पूरे भारत में सभी की आंखें टीवी स्क्रीन से चिपकी हुई थीं और पदक मिलते ही सभी की आंखों खुशी से चमकने लगीं। अमृतसर में हरमनप्रीत के पिता सरबजीत सिंह ने कहा कि पेरिस में कांस्य पदक सोने से कम नहीं है।
-हरमनप्रीत की मां राजविंदर कौर के बेटे हरमनप्रीत ने स्पेन पर मिली 2-1 की जीत में दोनों गोल किए और उनकी खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा। उन्होंने कहा, उसका प्रदर्शन शानदार रहा। यह हमारे लिए गर्व का क्षण है।
-मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम में मिडफील्डर विवेक सागर प्रसाद के परिवार के सदस्य ‘ढोल’ की थाप पर नाचते हुए सड़कों पर उतर आए। जालंधर में फॉरवर्ड मंदीप सिंह के परिवार ने जश्न में नृत्य किया।
-मनदीप की मां दविंदरजीत कौर ने कहा, हम बहुत खुश हैं और पूरे परिवार को टीम पर गर्व है जिसने कांस्य पदक जीता। उन्होंने इसके लिए कड़ी मेहनत की है। मनदीप के पिता रवींद्र सिंह ने कहा, हमें उन पर गर्व है। उन्होंने पूरे पंजाब और भारत को गौरवान्वित किया है।
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