Bangladesh News
- शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दिया
- आर्मी चीफ बोले, अब अंतरिम सरकार संभालेगी सत्ता
- ‘कट्टर इस्लािमक देश’ बनने की राह पर भारत का एक और पड़ोसी देश
- एयरफोर्स के विमान से शेख हसीना बहन रेहाना के साथ अगरतला पहुंची
- फिर दिल्ली आईं, एनएसए डोभाल से मिलीं, लंदन रवाना हुई
- एशिया में बांग्लादेश ही एक ऐसा देश है, जहां प्रति व्यक्ति आय 2621 अमेरिकी डॉलर
- चीन, आईएसआई और सेना ने आरक्षण के विरोध की आड़ में रची सािजश
- अफगािनस्तान, श्रीलंका और पाकिस्तान के बाद अब बांग्लादेश में हालात खराब
- पीएम आवास में घुसे प्रदर्शनकारी, हसीना को सिर्फ 45 मिनट मिले भागने के लिए
Bangladesh News : ढाका/नई दिल्ली। बांग्लादेश में चीन, आईएसआई और सेना की साजिश पूरी तरह से सफल हो गई। तीनों ने मिलकर प्रधानमंत्री शेख हसीना सरकार का तख्ता-पलट कर दिया। दरअसल, बांग्लादेश को भी कतिपय ताकतें कट्टर इस्लािमक देश की राह पर ले जाना चाहती हैं। शेख हसीना इन ताकतों के खिलाफ थीं और भारत के साथ मिलकर विकास की नई कहानी लिख रही थीं। इससे चीन बेहद बौखलाया हुआ था। एशिया में बांग्लादेश ही एक ऐसा देश है, जहां प्रति व्यक्ति आय 2621 अमेरिकी डॉलर है। साफ है कि बांग्लादेश में हिंसा के पीछे चीन के साथ पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ है। वहीं, बांग्लादेश में अराजकता की स्थिति के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना सोमवार को एक सैन्य विमान से चुपचाप देश छोड़कर लंदन रवाना हो गयीं, जबकि सेना ने सत्ता के खालीपन को भरने के लिए कदम उठाते हुए अंतरिम सरकार बनाने की घोषणा की।
छात्र संगठन के नाम पर हिंसा
बांग्लादेश में ‘छात्र शिविर’ नाम के छात्र संगठन ने हिंसा को भड़काने का काम किया है। यह छात्र संगठन बांग्लादेश में प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी की शाखा है। जमात-ए-इस्लामी को पाकिस्तान की आईएसआई का समर्थन प्राप्त है। यह आंदोलन प्रधानमंत्री शेख हसीना की सत्ताधारी आवामी लीग के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गया। हसीना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और सेना के हेलीकॉप्टर में सवार होकर देश छोड़ दिया। वे पहले अगरतला आईं। फिर दिल्ली। उनको सेना ने देश छोड़ने के लिए सिर्फ 45 मिनट दिए थे। इस दौरान करीब 4 लाख लोग कर्फ्यू के बीच सड़कों पर उतर आए। वे पीएम आवास में घुस गए। वहां तोड़-फोड़ की। वहां लूटपाट की।
शेख मुजीब-उर-रहमान की प्रतिमा तोड़ी
बांग्लादेश की स्थापना करने वाले और राष्ट्रपिता का दर्जा प्राप्त शेख मुजीब-उर-रहमान की प्रतिमा तोड़ डाली। सेना ने अशांति को नियंत्रित करने के लिए इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी है। इधर, भारत से लगती बांग्लादेश की 4,096 किलोमीटर लंबी सीमा पर बीएसएफ को अलर्ट कर दिया है। जवानों की संख्या बढ़ाई गई है। बीएसएफ के कार्यवाहक डीजी दलजीत सिंह चौधरी कोलकाता पर पहुंच गए हैं।
4,096 किमी लंबी सीमा
भारत-बांग्लादेश के बीच कुल 4,096 किलोमीटर लंबी सीमा है। पश्चिम बंगाल, बांग्लादेश के साथ कुल 2,217 किलोमीटर की सीमा साझा करता है, इसके अलावा त्रिपुरा (856 किमी), मेघालय (443 किमी), असम (262 किमी) और मिजोरम (318 किमी) सीमा साझा करते हैं।
दुनिया हैरत में
शेख हसीना के पिता मुजीबुर्रहमान बांग्लादेश बनने के बाद देश के पहले राष्ट्रपति बने थे। वह 1971 से लेकर अगस्त 1975 तक देश के प्रधानमंत्री भी रहे। प्रधानमंत्री रहते हुए ही उनकी हत्या कर दी गई थी। शेख मुजीब की मूर्ति पर हथोड़ा चलाया जाना दुनिया को हैरत में डाल रहा है क्योंकि, वह बांग्लादेश के संस्थापक नेता और अगुआ थे। उन्हें बंगलादेश का जनक कहा जाता है। क्योंकि उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ सशस्त्र संग्राम की अगुवाई करते हुए बांग्लादेश को आजादी दिलाई। वे देश में शेख मुजीब के नाम से भी प्रसिद्ध हुए और उनको बंगबंधु की पदवी से सम्मानित किया गया।
हसीना के पिता की हत्या की गई थी
बांग्लादेश बनने के तीन वर्ष बाद ही 15 अगस्त 1975 को सैनिक तख्तापलट के दौरान शेख हसीना के पिता शेख मुजीब की हत्या कर दी गई। शेख मुजीब की हत्या के बाद भी उनकी बेटी शेख हसीना अपनी बहन के साथ जर्मनी से दिल्ली आई थीं और कई साल तक रही थीं। 1981 में बांग्लादेश लौटकर शेख हसीना ने अपने पिता की राजनैतिक विरासत को संभाला था।
सेना प्रमुख बोले-हसीना का राज खत्म
बांग्लादेश के सेना प्रमुख वकार उज जमां ने कहा कि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया है। अब मुल्क में अंतरिम सरकार बनाने का काम किया जाएगा। यही अंतरिम सरकार शासन की बागडोर संभालेगी। सेना प्रमुख ने कहा कि उन्होंने राजनीतिक दलों के नेताओं से बात की है और उन्हें बताया कि सेना कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी संभालेगी।
झड़प में 300 लोगों की मौत
इससे पहले रविवार को प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई झड़प में करीब 300 लोग मारे गए। दरअसल, प्रदर्शनकारी छात्र विवादित आरक्षण प्रणाली को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं। इसके तहत बांग्लादेश के लिए वर्ष 1971 में आजादी की लड़ाई लड़ने वाले स्वतंत्रता संग्रामियों के परिवारों के लिए 30 प्रतिशत सरकारी नौकरियां आरक्षित की गईं हैं। बांग्लादेश की सेना के पूर्व प्रमुख इकबाल करीम ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ उठाए गए कदमों को लेकर सरकार की कड़ी आलोचना की है।
हसीना सरकार की उपलब्धियां
-बांग्लादेश गरीबी कम करने में सबसे सफल देशों में शामिल।
-महिलाओं की साक्षरता दर और श्रम बल में भागीदारी अधिक
-खाद्य उत्पादन में वृद्धि हुई, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाया
-विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए कई नीतियां बनाईं
-गरीबी उन्मूलन, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में कई सकारात्मक नीतियां लागू
भारत रख रहा हालात पर नजर
-भारत के विदेश मंत्र एस जयशंकर हालात पर नजर बनाए हुए हैं और सभी अपडेट्स ले रहे हैं।
-एनएसए अजीत डोभाल ने हसीना से मुलाकात की, जयशंकर ने पीएम मोदी को ब्रीफ किया।
-बांग्लादेश से लगती 4,096 किलोमीटर लंबी सीमा पर बीएसएफ पूरी तरह से अलर्ट।
-सीमा पर जवानों की संख्या बढ़ाई, डीजी मौके पर पहुंचे, पूरे क्षेत्र में हाईअलर्ट जारी किया।
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