West bangal :
-विधायक ने गाया गूजां जल्दी मुझे ले चलो, मेरे दिल में है काबा और मेरे मन में है मदीना’ गीत
– कर्नाटक में विश्व प्रसिद्ध मैसूर दशहरे के उद्घाटन पर देवी जी के मंदिर में कर्नाटक की सरकार ने ‘बानू मुस्तफा’ से कराई थी पूजा-अर्चना
-भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने राहुल गांधी के शक्ति से लड़ने वाले बयान से बताया प्रेरित ममता-राहुल से मांगा जवाब
West bangal । कुछ दिन पूर्व कर्नाटक में विश्व प्रसिद्ध मैसूर दशहरे के उद्घाटन के समय देवी जी के मंदिर में कर्नाटक की सरकार ने पूजा-अर्चना ‘बानू मुस्तफा’ से कराने के बाद अब पश्चिमी बंगाल में सजा मां दुर्गा पंडाल में टीएमसी विधायक द्वारा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सामने ‘जल्दी मुझे ले चलो, मेरे दिल में है काबा और मेरे मन में है मदीना’ वाले गीत गाने पर भाजपा ने ममता बनर्जी व राहुल गांधी से जवाब मांगा है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सांसद डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की उपस्थिति में तृणमूल कांग्रेस के विधायक द्वारा मां दुर्गा पंडाल में ‘जल्दी मुझे ले चलो, मेरे दिल में है काबा और मेरे मन में है मदीना’ वाला गीत राहुल गांधी के ‘शक्ति से लड़ने’ वाले बयान से प्रेरित बताया। शनिवार को भाजपा के केंद्रीय कार्यालय में मीडिया को संबोधित किया त्रिवेदी ने कहा कि जहां एक तरफ पूरा देश शक्ति की आराधना के पर्व में श्रद्धा भाव से लगा है, वहीं इंडी गठबंधन के नेताओं के बहुत से दुर्भाव व संदिग्ध मनोभाव उभरकर सामने आ रहे हैं।
ममता के दिल में काबा और नजर में मदीना
उन्होंने कहा कि कि इंडी गठबंधन दे, जो यह कहते हैं कि किसी संपत्ति के लिए उसी मजहब के लोग होने चाहिए, उन्हें पूजा-अर्चना में दूसरे मजहब के गीत गाए जाना मधुर सेक्युलर संगीत क्यों लग रहा है? इंडी गठबंधन जवाब दे कि दुर्गा पंडाल में गाए जाने वाले इस गीत पर उनकी सेक्युलर दृष्टि क्या है? ये वही लोग हैं जो आमंत्रण पर राम मंदिर नहीं गए, लेकिन बिना आमंत्रण के दुर्गा पंडाल में आकर काबा और मदीना की अकीदत अपने दिल से इजहार कर रहे हैं। ममता बनर्जी और राहुल गांधी बताएं कि उनकी पार्टी का असली मंतव्य क्या है? त्रिवेदी ने कल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पश्चिम बंगाल गए थे और जिस पंडाल में उन्हें जाना था, वहां आसपास के क्षेत्रों से अमित शाह के पोस्टर हटाकर ममता बनर्जी के पोस्टर लगा दिए गए। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल में हारने जा रही हैं – इससे उनके मन में जो छटपटाहट, ईर्ष्या और चिंता है, वह स्पष्ट दिख रही है। ममता दीदी के दिल में काबा और नजर में मदीना हो सकता है पर दुर्गा पंडाल में इबाबत को प्रोहत्सान देकर मुस्लिम तुष्टीकरण को बढ़ावा देना चाहती हैं।
राहुल गांधी के शक्ति से लड़ने के संकल्प को बढा रहे आगे
भाजपा सांसद ने कहा कि कुछ दिन पूर्व कर्नाटक में विश्व प्रसिद्ध मैसूर दशहरे के उद्घाटन के समय देवी जी के मंदिर में कर्नाटक की सरकार ने पूजा-अर्चना ‘बानू मुस्तफा’ से कराई, वहीं दूसरी ओर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक दुर्गा पंडाल में बहुत इबादत के साथ ताली बजाते हुए इस गाने का आनंद ले रही हैं कि ‘जल्दी मुझे ले चलो, मेरे दिल में है काबा और मेरे मन में है मदीना’। हालांकि इसमें कोई बुराई नहीं है, किसी के भी दिल में काबा हो सकता है और नजर में मदीना हो सकता है। ममता बनर्जी के दिल में काबा और नजर में मदीना हो सकता है, राहुल गांधी के दिल में भी काबा और नजर में मदीना हो सकता है मगर समस्या यहां उत्पन्न होती है कि यह गाना नवरात्र के पावन पर्व पर दुर्गा पंडाल के भीतर, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री की उपस्थिति और उनके प्रोत्साहन के साथ क्यों गाया जा रहा है? क्या हिंदू धर्म की शक्ति से लड़ने या उस पर आघात करने के राहुल गांधी के संकल्प और इंडी गठबंधन के द्वारा सनातन धर्म के समूल नाश के लिए लैंड माइंस बिछाने की शुरुआत की जा रही है?
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