Weather
- -आसमान में लगातार छा रहे गहरे बादल
- -मौसम साफ होने की अभी संभावना नहीं
- -कई भागों में हल्की बरसात और बूंदाबांदी हुई
- -अधिकतम तापमान 0.3 डिग्री की मामूली कमी के साथ 33.2 डिग्री सेल्सिस
- -न्यूनतम तापमान 0.5 डिग्री सेल्सियस की कमी के साथ 22.5 डिग्री
Weather : रेवाड़ी। सुबह से लेकर शाम तक आसमान में बादल छाए रहते हैं, लेकिन अच्छी बरसात नहीं हो रही है। बूंदाबांदी के बावजूद लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत नहीं मिल रही है। बादल छंटने के बाद कुछ देर के लिए निकलने वाली धूप उमस बढ़ाने का काम करती है। एक सप्ताह तक मौसम इसी तरह का बना रह सकता है। इस सप्ताह के मध्य एक बार फिर से बरसात की संभावना जताई जा रही है। रविवार की रात जिले के कई भागों में हल्की बरसात और बूंदाबांदी हुई। सोमवार सुबह आसमान में घने बादल छाए रहे। कुछ इलाकों में बौछारें भी गिरीं। दोपहर के समय एक बार बादल छंटने के बाद धूप खिली, लेकिन बाद में फिर से आसमान में बादल गहरा गए। अधिकतम तापमान 0.3 डिग्री की मामूली कमी के साथ 33.2 डिग्री सेल्सिस दर्ज किया गया। न्यूनतम तापमान 0.5 डिग्री सेल्सियस की कमी के साथ 22.5 डिग्री पर आ गया। हवा में नमी का स्तर 77 फीसदी तक रहा, जबकि 10 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चलीं। तेज धूप निकलने के बाद वातावरण में उमस पैदा हो गई। उमस से छुटकारा अच्छी बरसात के बाद मिलता है। बरसात के बाद फिर से उमस भरी गर्मी परेशान करना शुरू कर देती है। वातावरण में नमी के कारण सड़ी हुई गर्मी से लोगों को ज्यादा परेशानी हो रही है। आलम यह है कि कूलरों की हवा तक काम नहीं कर रही है। मौसम विभाग के अनुसार इस सप्ताह भी मौसम इसी तरह का बना रह सकता है। सप्ताह के मध्य हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। आसमान में लगातार बादल छाए रह सकते हैं। इस दौरान तापमान में मामूली उतार-चढ़ाव बना रहने की संभावना है। सावन माह बीतने में अभी तीन दिन का समय शेष बचा हुआ है। इसके बाद उमस भरी गर्मी ज्यादा परेशान कर सकती है।
बिजली की खपत में होने लगी वृद्धि
मौसम में बदलाव के साथ ही बिजली की खपत में भी वृद्धि होना शुरू हो गया है। कृषि क्षेत्र में बिजली की डिमांड शुरू हो गई है, जिससे बिजली की खपत बढ़कर 80 लाख यूनिट तक पहुंच गई है। आपूर्ति पर्याप्त होने के कारण इस समय पावर कट नहीं लग रहे हैं, परंतु आने वाले दिनों में मांग बढ़ते ही पावर कटों का सामना भी करना पड़ सकता है। इसके विपरीत अगर बीच में अच्छी बारिश होती है, तो इससे बिजली की खपत एक बार फिर कम हो जाएगी। इस सप्ताह बारिश नहीं हुई, तो कृषि क्षेत्र में फसल सिंचाई के लिए बिजली की मांग बढ़ जाएगी।