Water Crisis
- सीएम मान बोले, एक बूंद ज्यादा पानी नहीं देंगे
- भाखड़ा नहर से मिलने वाले पानी में की कटौती
- पहले 9000 क्यूसिक मिलता था, अब 4000 क्यूसिक मिलेगा
- मान ने कहा, अगर केंद्र पाक जाने वाले पानी को पंजाब को दे तो हम उसे आगे दे देंगे
- हरियाणा के सीएम बोले, पंजाब ने यह गलत किया, हमें पूरा पानी देना होगा
Water Crisis : चंडीगढ़। पंजाब में आप की भगवंत मान सरकार ने भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) की एक उच्च स्तरीय बैठक में हरियाणा को अतिरिक्त पानी देने से इनकार कर दिया। अचानक बुलाई गई इस बैठक में पंजाब, हरियाणा राजस्थान के आला अफसरों ने हिस्सा लिया। इस दौरान बैठक का मुख्य मुद्दा हरियाणा को 8500 क्यूसेक अतिरिक्त पानी देने पर मंथन से संबंधित था। पहले हरियाणा को रोजाना साढ़े 9 हजार क्यूसिक पानी मिल रहा था। अब इसे घटाकर 4 हजार क्यूसिक कर दिया है। इससे प्रदेश के कई जिलों में जलसंकट गहरा सकता है। इस फैसले पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि हमारे पास हरियाणा को देने के लिए एक बूंद भी ज्यादा पानी नहीं है। हरियाणा सरकार 2 महीने पहले ही अपने कोटे का सारा पानी इस्तेमाल कर चुकी है। उन्होंने कहा- अगर केंद्र सरकार को जरूरत है तो पाकिस्तान जाने से जो पानी रोका है, वह पंजाब के डैम में भर दें, हम उसे आगे हरियाणा को दे देंगे।
सीएम नायब ने लिखा मान को पत्र
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखकर पानी की किल्लत का हवाला देते हुए 8500 क्यूसेक पानी की मांग की थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्षों में मई और जून के महीनों में हरियाणा को 9500 क्यूसेक तक पानी मिलता रहा है। उन्होंने बीबीएमबी की 23 अप्रैल को हुई बैठक का भी जिक्र किया।
बैठक में बोर्ड ने क्या कहा
बीबीएमबी चेयरमैन मनोज त्रिपाठी की अध्यक्षता में हुई बैठक में बोर्ड ने कहा कि आगामी बाढ़ के मौसम में आने वाले अतिरिक्त पानी को संभालने के लिए डैमों में जलस्तर कम किया जाए। पंजाब सरकार के अधिकारियों ने नाराजगी जताते हुए कहा, कि डैमों में तो पहले से ही जलस्तर कम है और सुरक्षा का बहाना बनाना बिल्कुल अनुचित है।
हरियाणा में पानी का गंभीर संकट
हरियाणा जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग अग्रवाल ने बैठक में कहा कि हरियाणा में पीने के पानी का गंभीर संकट है। अगले 8 दिनों के लिए मानवता के आधार पर हरियाणा को 8500 क्यूसेक पानी दिया जाए। पंजाब पहले ही पीने के पानी की किल्लत के चलते हरियाणा को 4000 क्यूसेक पानी दे रहा है। हरियाणा नदियों से अपने हिस्से के पानी का 103 प्रतिशत उपयोग कर चुका है।
जल संसाधन विभाग ने क्या कहा?
पंजाब जल संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव कृष्ण कुमार ने कहा कि डैमों में जलस्तर कम है और पोंग डैम मरम्मत कार्य के कारण 45 दिनों के लिए बंद है। पंजाब सरकार दो वर्षों से हरियाणा को लिख रही है कि भविष्य में मानवता के आधार पर भी पानी देना संभव नहीं होगा, क्योंकि पंजाब ने अपने राज्य में पुराने नहरों और खालों को पुनर्जीवित कर लिया है, जिससे पंजाब में पानी की मांग बढ़ गई है। बीबीएमबी चेयरमैन ने कहा कि दोनों राज्यों को आपसी सहमति से इस मामले का समाधान करना चाहिए। राजस्थान की ओर से जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अभय कुमार सिंह वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक में जुड़े थे।
इन जिलों में बढ़ेगी चुनौती
-हिसार, फतेहाबाद, सिरसा, रोहतक, महेन्द्रगढ़ समेत कई जिलों पानी की किल्लत होगी। लोगों को पीने का पानी और किसानों की फसलों के लिए पानी में परेशानी आएगी मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस पूरे मामले को संज्ञान में लिया है और पंजाब के मुख्यमंत्री मान से भी की बातचीत की।