Delhi
- डॉ. अर्चना मजूमदार को बनाया आयोग का सदस्य
- विजया की नियुक्ति तीन साल तक या 65 वर्ष की आयु तक प्रभावी रहेगी
- एनसीडब्ल्यू की नौवीं अध्यक्ष होंगी रहाटकर
Delhi : नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद की रहने वाली विजया किशोर रहाटकर को राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। यह जिम्मेदारी उन्हें इस वर्ष अगस्त महीने की शुरुआत में आयोग की तत्कालीन अध्यक्ष रेखा शर्मा के इस्तीफे के बाद रिक्त हुए इस महत्वपूर्ण पद को भरने के लिए की गई है। शर्मा लगातार 9 साल तक यानी तीन बार एनसीडब्ल्यू के अध्यक्ष के पद पर रहीं। वहीं, सरकार ने शनिवार को आयोग के नए अध्यक्ष की नियुक्ति के संबंध में अधिसूचना जारी की। जिसके मुताबिक, एनसीडब्ल्यू अधिनियम की धारा-3 के तहत विजया की नियुक्ति तीन साल तक या 65 वर्ष की आयु तक (दोनों में से जो भी पहले हो) प्रभावी रहेगी। वह एनसीडब्ल्यू की नौवीं अध्यक्ष होंगी और उनके कार्यकाल की तत्काल शुरुआत होगी। इसे लेकर घोषणा भारत के गजट में प्रकाशित की जाएगी। महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में किए गए उनके योगदान को देखते हुए उन्हें कई पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जा चुका है। इसमें नेशनल लॉ अवार्ड और राष्ट्रीय साहित्यिक परिषद से सावित्रीबाई फुले पुरस्कार शामिल हैं। इसके अलावा डॉ.अर्चना मजूमदार को आयोग का सदस्य बनाया गया है।
निभाए कई राजनीतिक, सामाजिक दायित्व
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (डब्ल्यूसीडी) ने बताया कि आयोग में नियुक्ति से पहले विजया रहाटकर ने राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वाह किया है। इसमें वह वर्ष 2007 से 2010 तक छत्रपति संभाजीनगर की मेयर और 2016 से 2021 तक महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रही हैं। बतौर मेयर उन्होंने स्वास्थ्य सेवा और बुनियादी सेवाओं से संबंधित जरूरी विकास परियोजनाओं को लागू किया।
सक्षमा, प्रज्वला जैसे कदमों को आगे बढ़ाया
मंत्रालय ने बताया कि महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष के रूप में विजया रहाटकर ने अपने कार्यकाल के दौरान एसिड पीड़ितों की मदद के लिए शुरू की गई सक्षमा, स्वयं सहायता समूहों को केंद्र सरकार की योजनाओं से जोड़ने के लिए शुरू की गई प्रज्वला और महिलाओं के लिए शुरू की गई 24×7 हेल्पलाइन सेवा यानी सुहिता जैसे कदमों को प्रमुखता के साथ आगे बढ़ाया। प्रदेश में उन्होंने पॉक्सो, ट्रिपल तलाक विरोधी सेल और मानव तस्करी विरोधी इकाइयों जैसे मामलों पर ध्यान केंद्रित करते हुए कानूनी सुधारों पर काम किया। इसके अलावा रहाटकर ने डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम और महिलाओं के मुद्दे को समर्पित साद नामक प्रकाशन का आगाज किया।
पुणे विश्वविद्यालय से ली उच्च-शिक्षा
विजया रहाटकर ने पुणे विश्वविद्यालय से भौतिकी में स्नातक और इतिहास में परास्नातक की डिग्री प्राप्त की है। उन्होंने कई पुस्तकें भी लिखी हैं। इनमें महिलाओं के कानूनी मुद्दों पर विधिलिखित और औरंगाबाद: लीडिंग टू वाइड रोड्स मुख्य हैं।
https://vartahr.com/vijaya-kishore-r…ission-for-women/