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- –यूक्रेन विवाद के बीच 32 दो दिनों में दूसरी बार मिले मोदी राष्ट्रपति जेलेंस्की
- -पीएम ने दोहराया, बातचीत-कूटनीति के जरिए शांति स्थापना का भारत का स्पष्ट संदेश
- – यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कीव की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए भारत के दृढ़ समर्थन के प्रति जताया आभार
US : नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच पिछले सोमवार को अमेरिका के न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में आयोजित ‘भविष्य के सम्मेलन’ से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति वोल्डोमीर जेलेंस्की के बीच एक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय हुई। इसमें यूक्रेन के मौजूदा हालात और शांति स्थापना से जुड़े जरूरी उपायों का मुद्दा प्रमुखता से शामिल रहा। पीएम मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति के समक्ष बातचीत, कूटनीति के जरिए विवाद समाप्ति के भारत के स्पष्ट और रचनात्मक रुख को लेकर प्रतिबद्धता दोहराई। विदेश मंत्रालय ने बैठक के बाद एक बयान जारी कर यह जानकारी दी। इसमें बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति से बैठक में कहा कि भारत शांति स्थापना के लिए जारी सभी प्रयासों में हर संभव मदद देने के लिए पूरी तरह से तैयार है। दोनों नेताओं ने भविष्य में भी एक दूसरे के संपर्क में बने रहने को लेकर सहमति जताई।
शांति स्थापना को लेकर मिलेगी खुशखबरी
उधर, जानकारों का कहना है कि ऐसे वक्त में जब सारी दुनिया भारत को इस विवाद में शांति स्थापित करने में एक भरोसेमंद मध्यस्थ के रूप में देख रही है। तब पीएम मोदी की राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ लगातार हो रही मुलाकातें इस बात की ओर इशारा करती हैं कि जल्द ही रूस-यूक्रेन युद्ध के मध्य भारत की मदद से दोनों देशों के बीच शांति स्थापना को लेकर कोई बड़ी खुशखबरी सुनने को मिल सकती है।
पीएम ने स्वीकारा जेलेंस्की का अनुरोध
मंत्रालय के मुताबिक, दोनों नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पिछले अगस्त महीने में की गई यूक्रेन की यात्रा को याद करते हुए भारत और यूक्रेन के लगातार मजबूत होते द्विपक्षीय संबंधों को लेकर भी संतुष्टि जाहिर की। दोनों के बीच हालांकि यह मुलाकात पहले से तय नहीं थी। लेकिन यूक्रेन के राष्ट्रपति ने इसके लिए भारत के प्रधानमंत्री को अनुरोध किया था। जिसे पीएम मोदी ने स्वीकार किया। भारत के प्रधानमंत्री बीते करीब तीन महीने के अंदर रूस और यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्षों से उनके देश में जाकर बैठकें कर चुके हैं। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ पीएम की बैठक जुलाई में हुई थी। जबकि यूक्रेनी राष्ट्रपति वोल्डोमीर जेलेंस्की से वह अगस्त महीने में मिले थे। पीएम की यूक्रेन यात्रा के बाद भारत और यूक्रेन के विदेश मंत्रियों के बीच टेलीफोन पर वार्ता हो भी चुकी है। जबकि भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल मॉस्को में रूसी राष्ट्रपति को प्रधानमंत्री मोदी की यूक्रेन यात्रा के पूरे वृतांत से प्रत्यक्ष रूप से अवगत करा चुके हैं।
चार महीने में हुईं तीन मुलाकातें
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीते अगस्त महीने में किए गए यूक्रेन दौरे के बाद यह दूसरा मौका है। जब दोनों राष्ट्राध्यक्षों की मुलाकात हुई है। वहीं, इस साल जून में इटली में आयोजित किए गए जी-7 शिखर सम्मेलन से लेकर अब तक पीएम मोदी और राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच हुई यह तीसरी मुलाकात है। प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर इस बैठक को लेकर एक पोस्ट में बताया कि हम द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए पिछले महीने यूक्रेन की यात्रा के परिणामों को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। युद्ध के समाधान को लेकर यूक्रेन के राष्ट्रपति के सामने भारत के स्पष्ट समर्थन को दोहराया।
जेलेंस्की ने जताया पीएम का आभार
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोल्डोमीर जेलेंस्की ने ‘एक्स’ पर पोस्ट में यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के स्पष्ट समर्थन के लिए प्रधानमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि इस वर्ष यह हमारी तीसरी द्विपक्षीय बैठक है। हम सक्रिय रूप से अपने संबंधों को विकसित कर रहे हैं और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। हमारी बैठक के केंद्र में अंतरराष्ट्रीय मंचों (यूएन, जी-20) में बातचीत को आगे बढ़ाने के अलावा शांति सूत्र को लागू करने, दूसरे शांति सम्मेलन की तैयारी जैसे मुद्दे रहे। जेलेंस्की ने कहा, हमने उपलब्ध अवसरों की चर्चा की।
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