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Sri Lanka : भारत सहित 35 देशों को मिलेगा वीजा-मुक्त प्रवेश

श्रीलंका के दर्शनीय स्थलश्रीलंका के दर्शनीय स्थल

Sri Lanka

  • रामायण काल के मंदिर देख सकेंगे लोग
  • एक अक्टूबर से मिलने लगेगा वीजा
  • पर्यटन को बढ़ावा देने की कवायद

Sri Lanka : कोलंबो। श्रीलंका ने अपने देश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक अहम कदम उठाया है। इसके तहत श्रीलंका एक अक्टूबर से भारत समेत 35 देशों को वीजा-मुक्त प्रवेश देने का निर्णय लिया है। यह योजना 1 अक्टूबर से 6 महीने तक चलेगी। ऐसा करके श्रीलंका अपने देश की अर्थव्यवस्था को सुधारना चाहता है। श्रीलंका अपने खूबसूरत समुद्र तटों और प्राचीन मंदिरों के लिए बेहद प्रसिद्ध है। इस देश की यात्रा पर आकर लोग इन जगहों पर जाएंगे जिससे उसकी अर्थव्यवस्था में काफी सुधार होने की संभावना है।

ramayantour
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30 दिन का वीजा मिलेगा

वीजा-मुक्त प्रवेश की अनुमति वाले देशों की सूची में यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका, कनाडा, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, सऊदी अरब, चीन, भारत, रूस, दक्षिण कोरिया और जापान जैसे प्रमुख देश शामिल हैं। इस योजना के तहत इन देशों के पर्यटकों को श्रीलंका आने पर 30 दिन का वीजा दिया जाएगा।

यह देख सकेंगे लोग

सिगिरिया शेर किला : सिगिरिया श्रीलंका के सबसे मूल्यवान ऐतिहासिक स्मारकों में से एक है, जिसे शेर किला भी कहा जाता है। यहां के रहने वाले लोग इस जगह को दुनिया का 8वां अजूबा मानते हैं। सिगिरिया मनमोहक नजारों वाला एक विशाल चट्टानी किला है, जिसे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है। यह किला दांबुला और हबराने द्वीप के मध्य में समुद्र तल से 370 मीटर ऊपर एक विशाल चट्टान पर स्थित है। सिगिरिया किले को राजा कश्यप प्रथम ने बनवाया था।

नवारा एलिया : जहां रावण ने रखा था माता सीता को

नुवारा एलिया श्रीलंका का एक हिल स्टेशन है, जिसका इतिहास रामायण से जुड़ा हुआ है। माना जाता है कि रावण ने सीता माता का अपहरण करने के बाद उन्हें इसी जगह पर रखा था। जब रावण ने हनुमान जी की पूंछ में आग लगाई थी, तब उन्होंने इसी स्थान को जलाया था। आप यहां आकर रामायण के साक्ष्य के तौर पर काली मिट्टी को देख सकते हैं। इसके अलावा, यहां कई सुंदर पहाड़ और चाय के बागान भी हैं।

आदम की चोटी

आदम की चोटी श्रीलंका का मशहूर पर्यटन-स्थल है, जिसे आदम का पहाड़ भी कहते हैं। यह श्रीलंका में बसा 2,243 मीटर ऊंचा पर्वत है, जिसे सभी धर्म के लोग पवित्र स्थान मानते हैं। इस पर्वत के शिखर पर एक चट्टान है, जिस पर एक विशाल पदचिह्न मौजूद है। इसे बौद्ध परंपरा में भगवान बुद्ध, हिंदू धर्म में श्री राम और ईसाई व इस्लामी मान्यताओं में पैगंबर आदम का माना जाता है। इस पर्वत पर ट्रेक करके लोग आनंदित होते हैं।

पोलोननरुवा

यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल पोलोननरुवा श्रीलंका के उत्तर मध्य प्रांत में बसा एक प्राचीन शहर है। 993 में चोल राजवंश द्वारा अनुराधापुरा को नष्ट किए जाने के बाद यह शहर श्रीलंका की दूसरी राजधानी बना था। इस जगह पर एक 31 मीटर लंबी शाही हवेली है, जिसके बारे में माना जाता है कि यह कभी 7 मंजिल ऊंची थी। साथ ही यहां एक परिषद कक्ष, एक जनता दरबार और शाही स्नानघर के खंडहर भी मौजूद हैं।

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