Sonipat News
- जज ने निगम के खिलाफ दिया था फैसला, बिजलीकर्मी चपरासी से बोले- हमें ऊपर से आदेश है
- खरखौदा में एसडीजेएम के सरकारी आवास की बिजली काटने पर केस
- दो बिजली कर्मियों पर सरकारी काम में बाधा पहुंचाने समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज
- बिजली निगम के एसडीओ रवि बोले, चपरासी को गलतफहमी हुई
Sonipat News। खरखौदा शहर के रोहतक मार्ग पर लघु सचिवालय के पीछे बने सब डिविजनल जूनियर मजिस्ट्रेट (एसडीजेएम) के सरकारी आवास की बिजली काटने का मामला सामने आया है। आरोप है कि बिजली निगम के कर्मचारियों ने बिजली काट दी। न्यायिक आवास परिसर में काम करने वाले चपरासी की शिकायत पर पुलिस ने दो बिजली कर्मियों के खिलाफ सरकारी काम में बाधा पहुंचाने समेत अन्य धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया है।
यह दी शिकायत
चपरासी अनिल का कहना है कि वह एसडीजेएम विक्रांत के आवास पर तैनात है। वहां सुरक्षा में नियुक्त एसपीओ वीरेंद्र ने वीरवार रात कॉल कर उन्हें बताया कि गेट पर दो बिजली कर्मी आए हैं और अंदर आने की बात कह रहे हैं। जिस पर उन्होंने एसपीओ को उन्हें अंदर जाने देने से मना कर दिया था। उसके बाद बिजली कर्मियों ने गार्ड से फोन ले लिया और उन्हें कहा कि आवास की बिजली काटने के आदेश ऊपर से आए हुए हैं। इसके कुछ देर बाद ही बिजली कर्मियों ने खंभे पर से जज के आवास की बिजली काट दी।
बिजली कर्मी नहीं माने
चपरासी का कहना है कि बिजली कर्मियों ने यह गलत काम किया है, उन्होंने सरकारी काम में बाधा डाली है। जिससे की सरकारी कार्य करने में भी देरी हुई है। चपरासी की शिकायत पर पुलिस ने दो बिजली कर्मियों पर विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है।
जज ने पावर हाउस सील करने के आदेश दिए थे
न्यायाधीश विक्रांत ने एक मामले की सुनवाई के बाद सैदपुर पावर हाउस में एसडीओ के कार्यालय को सील करने के आदेश दिए थे। जिसके बाद रात को उनके आवास की बिजली काट दी गई।
अधिकारी बोले चपरासी को हुई गलतफहमी
बिजली निगम के एसडीओ रवि कुमार का कहना है कि चपरासी को कोई गलतफहमी हुई है। लाइन से फीडर पर करंट वापस पहुंच रहा था। जिसके चलते बिजली कर्मी जांच कर रहे थे। बिजली काटने जैसा कोई मामला नहीं था।
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