Delhi
- इस साल जुलाई में पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति को दिया था निमंत्रण
- रूस बोला, भारत यात्रा को लेकर जरूरी संभावनाएं तलाश कर रहे
Delhi : नई दिल्ली। यूक्रेन के साथ करीब ढाई साल से अधिक समय से जारी युद्ध के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अगले साल 2025 में भारत की यात्रा कर सकते हैं। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस वर्ष जुलाई महीने में हुई मास्को की यात्रा के दौरान हुई शिखर वार्ता में रूस के राष्ट्रपति को निमंत्रण दिया था। मूलरूप से यह भारत और रूस के बीच स्थापित उस ढांचागत व्यवस्था का हिस्सा है। जिसमें दोनों देशों के शीर्ष नेता परस्पर रूप से एक-दूसरे के देशों की यात्रा करते हैं। कूटनीतिक सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि दोनों देश राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा को लेकर जरूरी संभावनाएं तलाश कर रहे हैं। लेकिन अभी तक इसे लेकर कुछ भी तय नहीं हुआ है। यहां बता दें कि यूक्रेन युद्ध के बीच रूस के राष्ट्रपति की यह पहली भारत यात्रा होगी। इसके पूर्व में हालांकि दोनों राष्ट्राध्यक्ष कई वैश्विक मंचों पर एक-दूसरे से मुलाकात कर चुके हैं। पिछले महीने रूस के कजान में हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर भी प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच मुलाकात हुई थी।
रूस बोला यात्रा होगी, तारीख फिलहाल तय नहीं
उधर, रूस के राष्ट्रपति भवन क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने भारत के वरिष्ठ संपादकों से एक वीडियो संवाद में कहा कि भारत और रूस के बीच मजबूत द्विपक्षीय संबंध हैं। राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा पर विचार चल रहा है। लेकिन उन्होंने इसके लिए कोई तय तारीख या घोषणा नहीं की। हम रूसी राष्ट्रपति की भारत यात्रा पर विचार कर रहे हैं। इससे जुड़ी तारीखों को लेकर दोनों देश जल्द आपस में काम करेंगे।
कोई मिसाइल यूक्रेन की मदद नहीं करेगी : पेसकोव
बातचीत में पेसकोव ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो.बाइडन द्वारा यूक्रेन को रूस के अंदर अमेरिकी मिसाइलों से हमला करने की इजाजत देने के मुद्दे पर कहा कि रूस की सेना की क्षमता की यूक्रेन से कोई तुलना नहीं है। कोई मिसाइल यूक्रेन की मदद नहीं करेगी। क्रेमलिन प्रवक्ता का यह बयान एक ऐसे समय में सामने आया है जब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक संशोधित परमाणु सिद्धांत पर हस्ताक्षर किए हैं। इसमें कहा गया है कि परमाणु शक्ति की मदद से किसी भी देश द्वारा रूस पर किया गया परंपरागत हमला मास्को पर किया गया संयुक्त हमला माना जाएगा। 24 फरवरी 2022 को यूक्रेन के खिलाफ छेड़ी गई रूस की जंग के बाद बदलाव के साथ पहली बार यह परमाणु सिद्धांत सामने आया है।
शांति नहीं युद्ध के साथ अमेरिका
रूसी प्रवक्ता ने कहा, बाइडन प्रशासन शांति नहीं बल्कि युद्ध के साथ खड़ा है। व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने यह निर्णय लिया है कि उनके हथियारों का रूसी संघ के खिलाफ इस्तेमाल किया जाए। यह हमारे देश के आसपास हमला करने का नया माहौल बनाने जैसा है। ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि हमारा परमाणु विचार संशोधित व उन्नत हो। अगर कोई देश परंपरागत हथियारों के साथ हम पर हमला करता है। जिसमें उसे किसी परमाणु शक्ति वाले देश की सहायता मिल रही है तो इस हमले को रूस पर किया गया संयुक्त आक्रमण माना जाएगा। इसके परिणाम भुगतने पड़ेंगे।
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