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Rohtak News : रोहतक में जलघर में डूबने से दो बच्चों की मौत

rohtak जलघर में मिले बच्चों के शव।rohtakजलघर में मिले बच्चों के शव।

Rohtak News

  • वाटर टैंक में दो बच्चों के शव तैरते हुए मिले
  • मदीना गांव के जलघर में हुआ हादसा
  • दोनों बच्चों की उम्र 11 साल के करीब
  • कर्मचारियों पर लापरवाही के आरोप
  • मदीना गांव में मौत से मातम पसरा
  • दोनों अपने माता पिता के इकलौते पुत्र थे
  • पांचवीं कक्षा में एक साथ पढ़ते थे

Rohtak News : रोहतक। महम क्षेत्र के गावं मदीना शनिवार शाम को गिरावड़ रोड स्थित जलघर के वाटर टैंक में दो बच्चों के शव तैरते हुए मिले। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। दोनों बच्चों के शवों को वाटर टैंक से बाहर निकाला गया। देर शाम तक बच्चों के शवों की शिनाख्त हो सकी। पुलिस ने मामले की जांच पड़ताल शुरू की। एक साथ दो बच्चों की मौत हाेने से परिवार और गांव में मातम पसरा हुआ है। दोनों ही बच्चे परिवार के इकलौते बेटै थे और एक कक्षा में पढ़ते थे। वह दोस्त थे और अक्सर साथ ही रहते थे। उनका नाम भी एक ही था। ग्रामीणों ने बताया कि शाम को महिलाएं जलघर में पानी भरने गई थी। महिलाओं ने देखा कि दो बच्चों के शव पानी में तैर रहे हैं। उन्होंने ग्रामीणों को इस बारे में जानकारी दी। देखते ही देखते जलघर में गांव के काफी लोगों का जमावड़ा लग गया। जलघर में दो बच्चों के डूबने की खबर गांव में आग की तरह फैल गई। मृतक बच्चों के परिजन भी जलघर पहुंचे और उन्होंने अपने अपने बच्चे की शव की पहचान की। दोनों बच्चों की उम्र 11 साल है और दोनों गांव के ही एक प्राइवेट स्कूल में 5वीं कक्षा में पढ़ते थे। दोनों का ही नाम आदित्य है। दोनों अच्छे दोस्त थे।

दोनों दोस्तों के नाम भी एक

मदीना गांव के आदित्य का पिता रोशन शर्मा ऑटो चलाता है। जबकि दूसरे आदित्य का पिता संदीप मोखरा स्थित भारत रसायन फैक्टरी में काम करता है और यह परिवार मध्य प्रदेश का रहने वाला है। फिलहाल मदीना गांव में किराए के मकान में रह रहा है। दोनों ही बच्चे अपने माता पिता के इकलौते बेटे थे। जबकि दोनों की एक-एक बहन भी हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि स्कूल से छुट्टी होने के बाद दोनों बच्चे खेलने के लिए घर से निकल गए और गिरावड़ रोड स्थित जलघर में पहुंच गए। शायद वे नहाने के लिए जलघर के वाटर टैंक में उतर गए। इस दौरान वे पानी में डूब गए। दोनों बच्चों की मौत की खबर सुनकर पूरे गांव में मातम छा गया।

जलघर का गेट हमेशा रहता है खुला

ग्रामीणों का आरोप है कि जलघर का गेट हमेशा खुला रहता है जिसकी वजह से बच्चे जलघर में चले गए और मौत के मुंह में समा गए। यहां तैनात कर्मचारी अगर समय पर सम्भाल लेते तो बच्चे पानी में नहीं डूबते। कर्मचारी अपनी ड्यूटी में लापरवाही बरतते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि यहां छोटे पशु पानी में डूब कर मर चुके हैं। पशुओं के गहरे पानी में जाने एवं रास्ता न निकलने के कारण मौत हो चुकी है।

ग्रामीणों में रोष

घटना से ग्रामीणों में गहरा रोष व्याप्त है। किसान नेता जयभगवान ने बताया कि अधिकारियों को कई बार शिकायत की जा चुकी है। उन्होंने बताया बेसहारा पशु भी जलघर में चले जाते हैं जिसकी वजह से गंदगी फैल जाती है। लेकिन कोई अधकारी सुनवाई नहीं कर रहा। यहां करीब दस कर्मचारी काम करते हैं, जो लापरवाही हैं।

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