Prisoners
- -पैरोल विवाद के बाद सरकार ने निकाला हल
- -एप पर अपराधी का पूरा विवरण मिलेगा
- -पैरोल देने की प्रक्रिया भी अपलोड होगी
Prisoners : चंडीगढ़। आने वाले दिनों में हर जिले का डिजिटल एप होगा और जिले के सभी ‘घोषित अपराधियों’ का विवरण, फरलो और पैरोल देने की प्रक्रिया, एफआईआर और चालान का पूरा विवरण होगा। कैदियों को पैरोल भी डिजिटल एप के माध्यम से ही दी जाएगी। हाई कोर्ट में संज्ञान लेकर हरियाणा को जिला स्तर पर डिजिटल एप की संभावना तलाशने के लिए कहा है, जहां कैदियों द्वारा फरलो और पैरोल देने के लिए किए गए आवेदन पंजीकृत किए जा सके और उस आवेदन पर फरलो और पैरोल देने की प्रक्रिया भी अपलोड की जानी चाहिए।
27 सितंबर तक जवाब मांगा
हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस शील नागु एवं जस्टिस अनिल खेत्रपाल ने सभी पक्षों को 27 सितंबर तक जवाब देने का आदेश दिया है। हाई कोर्ट ने कहा कि एक अन्य पहलू, जिस पर विचार किया जा सकता है, वह यह है कि डिजिटल एप किसी विशेष जिले के सभी ‘घोषित अपराधियों’ का विवरण भी दिया सकता है। इसके अलावा डिजिटल एप में एफआईआर के साथ-साथ पेश किए गए चालान का विवरण भी हो ताकि अदालतों में जरूरत के समय चालान की प्रतियां ली जा सकें।
यह भी कहा कोर्ट ने
कोर्ट ने कहा कि जेल में अधिकांश कैदी समाज के कमजोर वर्गों से हैं और यह एप उन्हें पैरोल, जमानत आदि के लिए अपने कानूनी मामलों को आगे बढ़ाने में मदद कर सकता है। पीठ ने इस मामले में एमिकस क्यूरी भी नियुक्त किया है, जो सुनवाई की अगली तारीख पर अदालत की सहायता करेंगी।
एसजीपीसी की याचिका पर सुनवाई
पीठ ने डेरा सच्चा सौदा (डीएसएस) सिरसा प्रमुख गुरमीत सिंह को हरियाणा सरकार द्वारा दी गई पैरोल और फरलो को रद्द करने की मांग करने वाली शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते स्वत: संज्ञान का निर्णय लिया था। हाई कोर्ट एसजीपीसी की इस याचिका का निपटारा कर चुका है। पिछले साल फरवरी में, एसजीपीसी ने डेरा प्रमुख को हरियाणा सरकार द्वारा दी गई 40 दिनों की पैरोल को रद्द करने की मांग करते हुए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
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