pollution
- नगर निगम ने पहले दिन कूड़ा जलाने वाले दुकानदार का 5 हजार का चालान किया
- एडवाइजरी की जारी, प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ होगी कार्रवाई
- एनसीआर में हालात बिगड़ने लगे तो एनजीटी ने दिखाई सख्ती
pollution : सोनीपत। मौसम बदलते ही एनसीआर में वायु प्रदूषण भी बढ़ता जा रहा है। बढ़ते वायु प्रदूषण के बीच नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल (एनजीटी) के आदेशों के तहत एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान यानि की ग्रैप के पहले चरण को लागू कर दिया गया है। मंगलवार से शुरू हुई ग्रैप की पहले चरण की बंदिशों के तहत कई कामों पर ब्रेक लगा दिया गया है। प्रदूषण ना बढ़े इसके लिये कई दिशा निर्देशों का पालन करना होगा। वहीं केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के निर्देश पर हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सहायक पर्यावरण अभियंता (एईई) के नेतृत्व में टास्क फोर्स कमेटी का गठन किया है। यह टीम जिलेभर में जाकर ग्रैप के नियमों का आकलन करेगी। दूसरी ओर ग्रैप लागू होते ही नगर निगम ने पहले दिन अभियान चलाकर ईदगाह रोड पर कूड़ा जलाने के मामले में दुकानदार का 5000 रुपये का चालान किया है। निगम अधिकारियों का कहना है कि ग्रैप नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा कई अन्य चीजों पर भी रोक लगाई गई है। विशेषतौर पर भवन निर्माण के कामों को लेकर गाइडलाइन जारी की गई है। इसके अलावा जिले में पराली जलाने पर भी रोक लगाई जा चुकी है। कूड़े के डंपिंग प्वाइंट को लेकर भी निर्देश जारी किए गए हैं। जिसके तहत रोजाना कूड़ा उठाने के लिये सख्त आदेश दिए गए हैं।
500 गज से अधिक के निर्माण में पंजीकरण अनिवार्य
हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 500 वर्ग से अधिक के भूखंडों पर निर्माण से पूर्व डस्ट पोर्टल पर पंजीकरण कराना अनिवार्य किया है। ऐसे भूखंडों पर भवन, औद्योगिक या अन्य किसी भी तरह का निर्माण सरकारी हो या गैर सरकारी बिना पंजीकरण के नहीं किया जा सकेगा। पंजीकरण के बाद संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय की गई है। यह निगरानी रहेगी कि डस्ट तो नहीं फैल रहा है, भवन निर्माण सामग्री को ढक कर रखा गया है या नहीं। साथ ही निर्माण सामग्री को बिना ढके तो नहीं लाया जा रहा है। सेंसर कैमरे लगे हैं या नहीं। वायु गुणवत्ता नियंत्रण आयोग के नियमों का पालन करना होगा। यदि कोई बिना पंजीकरण निर्माण करता पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पराली जलाने पर रोक, डंपिंग प्वाइंट पर विशेष निर्देश
प्रदूषण नियंत्रण को लेकर पहले से पराली जलाने पर रोक है। प्रशासन की ओर से पराली जलाने के मामले में मुकदमे कराए जा रहे हैं। डंपिंग स्थानों पर नगर निगम, परिषद व पालिका की ओर से ठोस अपशिष्ट (एमएसडब्ल्यू), निर्माण और विध्वंस (सी एंड डी) अपशिष्ट कचरे का नियमित उठान करना होगा। कोई भी कचरा अवैध रूप से खुले क्षेत्रों में डाला नहीं जाएगा। वहीं, सड़कों पर समय-समय पर मशीन से सफाई और पानी का छिड़काव करना होगा। डीजल जनरेटर सेट का उपयोग बिजली आपूर्ति के नियमित स्रोत के रूप में नहीं किया जा सकता है।
आम लोगों के लिए ये निर्देश
– वाहनों में टायर का उचित दबाव बनाए रखें।
– अपने वाहन का प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र रखें।
– लाल बत्ती पर इंजन बंद कर दें।
– अपने वाहनों के इंजनों को ठीक से ट्यून अप करके रखें
– हाइब्रिड या इलेक्ट्रिक वाहनों को प्राथमिकता दें।
– खुले स्थानों पर कूड़ा-कचरा न फैलाएं।
– 10-15 वर्ष पुराने डीजल/पेट्रोल वाहन न चलाएं।
ग्रैप का पहला चरण लागू
प्रदूषण नियंत्रण के लिए ग्रैप का पहला चरण लागू हो गया है। साथ ही निगरानी के लिए टास्क फोर्स कमेटी का गठन किया गया है। विभागीय स्तर पर नियमों की पालना कराने के लिये अधिकारियों व कर्मचारियों को निर्देशित किया जा चुका है।
-प्रदीप सिंह, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, सोनीपत
शहर में निगरानी बढ़ानी शुरू
ग्रैप लागू होते ही शहर में निगरानी बढ़ानी शुरू कर दी है। सड़क पर कूड़ा जलाने पर पाबंदी है। ईदगाह रोड पर एक दुकानदार को कूड़ा जलाते पकड़े जाने पर 5000 रुपये का जुर्माना किया गया है। प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ इसी तरह की कार्रवाई जारी रहेगी।
-सतपाल सैनी, मुख्य सफाई निरीक्षक, नगर निगम, सोनीपत
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