PGI News
- कर्मचारियों ने लगाय आरोप, हमारी सुरक्षा को खतरा, हड़ताल में बाहरी लोग शामिल
- रुपयों के लालच में पीजीआई और अधिकारियों को बदनाम कर हड़ताली लोग
- हड़ताल कर रहे बाहरी लोगों पर कारवाई नहीं हुई तो आगे की रणनीति बनाई जाएगी
- डायरेक्टर से मिलकर करेंगे कारवाई की मांग
PGI News : रोहतक। पीजीआईएमएस में चल रही हड़ताल के विरोध में अब दूसरे कर्मचारी खुलकर सामने आ गए हैं। दो दिन पहले प्रदर्शन करके हड़ताल का विरोध किया था, अब शनिवार को भंडारा लगाकर हड़ताल का विरोध किया। पीजीआई कैंपस में कर्मचारियों ने भंडारा लगाया और मीठा पानी मरीजों के तीमारदारों को पिलाया। कर्मचारी आशा प्रेम, हेमंत, संजीत, मोहित ने बताया कि यह भंडारा इसलिए लगाया है कि हड़ताल कर रहे लोगों को सद्बुद्धि आए और पीजीआई बर्बाद होने से बच जाए। उन्होंने बताया कि हम हड़ताल में शामिल नहीं हैं, लेकिन अब भी दबाव बनाया जा रहा है। हड़ताल में बाहरी लोग शामिल हैं और पीजीआई प्रशासन को इन पर कारवाई करनी चाहिए। अब डायरेक्टर से मिलकर ऐसे लोगों पर कारवाई की मांग की जाएगी। हमारी सुरक्षा को भी खतरा है और कारवाई नहीं हुई तो आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी। कर्मचारियों का आरोप है कि जो लोग हड़ताल कर रहे हैं वे सिर्फ रुपए इकठ्ठा करने के लालच में हैं और कुछ नहीं। ऐसे लोग रुपयों के लालच में पीजीआई जैसे प्रतिष्ठित संस्थान को बदनाम करके, मरीजों की सुरक्षा से खिलवाड़ कर रहे हैं।
पीजीआई के पत्र के बाद भी नहीं हुई करवाई
कर्मचारी मंजू, आशा, मनीष, सुनीता, मंजू, राजबाला, राजेश ने बताया कि हड़ताल में शामिल नहीं होने पर जिन लोगों ने कर्मचारियों से मारपीट की थी, उन पर अभी तक कोई कारवाई नहीं की गई। इसे लेकर कर्मचारी एसपी से मिलेंगे और कारवाई की मांग करेंगे। जब खुद पीजीआई प्रशासन ने एसपी को पत्र लिखकर बताया है कि हड़ताल में बाहर के लोग शामिल हैं और ऐसे लोग संस्थान की सुरक्षा को खतरा हैं, इसके बावजूद विजय पार्क को खाली नहीं करवाया जा रहा, न ही बाहरी लोगों के खिलाफ कोई एक्शन लिया जा रहा।
हड़ताल का उद्देश्य एचकेआरएन में शामिल होना नहीं, कुछ और ही है
कर्मचारी सुदेश, अनु, रति, भाई, गौरव, साहिल, राजा अजय, दीपांशु आदि ने कहा कि कुलपति डॉ. एच के अग्रवाल ने गत दिवस खुद कहा है कि कर्मचारियों को एचकेआरएन में शामिल करने के लिए सरकार को लिख दिया है, लेकिन अब भी हड़ताल क्यों कर रहे हैं, यह समझ से परे है। कर्मचारियों ने बताया कि हड़ताल करवा रहे लोगों का उद्देश्य एचकेआरएन में शामिल करवाना नहीं है, बल्कि चंदे की उगाही करना और अपनी राजनीति चमकाना है। ये लोग रुपयों के लालच में बैठे हैं और पीजीआई को बदनाम कर रहे हैं।